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सनातन संस्कृति को बचा कर रखना है तो हर मां-बाप का कर्तव्य है अपने बच्चों को एसे संस्कार देना- संत कृपाराम - JALORE NEWS
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सनातन संस्कृति को बचा कर रखना है तो हर मां-बाप का कर्तव्य है अपने बच्चों को एसे संस्कार देना- संत कृपाराम - JALORE NEWS
पत्रकार रमजान मेहर भीनमाल
जालोर / भीनमाल ( 15 जुन 2022 ) निकटवर्ती वियोका गोलियां में आयोजित श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस में संत कृपाराम महाराज ने भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए कथा में आए हुए श्रोताओं को आह्वान किया की बच्चों को बचपन से ही संस्कार देने शुरू कर दो | संस्कार देने का सबसे बड़ा फर्ज है "मां" का | मां अगर चाहे तो बच्चे को कुछ भी बना सकती है अच्छे संस्कार दो उनको बताओ की हम किस की संताने है l
हमारे पूर्वजों के बारे में बताओ उनकी वीर कहानियां सुनाओ मां का कर्तव्य है बच्चों की सही परवरिश करना अगर सही संस्कार बचपन में ही मिल गए तो वो बड़े होने के बाद स्वामी विवेकानंद, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, श्रवण, झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, कृष्ण जैसे वीर, योद्धा, देश भक्त, मातृ-पितृ भक्त, बन जाएंगे अगर सही संस्कार नहीं मिले तो वो आगे जाकर चोर, लुटेरा, कंस, दुर्योधन, रावण जैसे राक्षस न बन जाए | इस लिए संस्कार बचपन से ही दे देने चाहिए |आपका व्यवहार आपके बच्चों पर बहुत प्रभाव डालता है आज के जमाने में आप जो बोलते है वो बच्चे नहीं करते परंतु आप क्या करते है ये बच्चे जरूर करते है इसलिए बच्चों के सामने क्या बोलना है क्या नही, क्या करना है क्या नही, इस का विशेष रूप से ध्यान दे, शरीर का आकार तो भगवान बनाता है लेकिन जीवन का आकार संस्कार बनाते है इसलिए आपके कैसे संस्कार है वैसे ही आपका जीवन बनता है बच्चो को भौतिक सुविधाओ तथा कार बंगले के साथ -साथ संस्कारवान शिक्षा जरूर देवे जो आने वाली सातों पीढ़ियों का कल्याण करती है ।
संत श्री ने कहा की जब भी आपको समय मिले तो आप अपनी आस पास की गौशाला, कोई आश्रम जहा आप को सेवा करने मन करे वहा सफ्ते में या फिर महीने में एक जाकर तन, मन, धन से सेवा कर ले | सेवा करने से तन का अभिमान दूर होता है और मन पवित्र हो जाता है | संत ने कहा की एक समय आने पर दुनिया के काम काज से मुक्त होकर भगवान के भजन में लग जाना चाहिए जिससे आपका यह लोक भी सुधार जाए और पर लोक भी सुधार जाए |
आज श्री राम कथा में संत कृपाराम महाराज ने श्री राम के इस धरती पर आने के मुख्य कारणों के प्रसंगों की कथा सुनाते हुए श्री राम के जन्म की कथा बड़े धूम धाम से सुनाई |
अयोध्या के महाराजा श्री दसरथ जी के तीन रानियां कोशालिया, सुमित्रा, केकई | इन तीनो के एक भी पुत्र नहीं इसलिए राजा ने श्रंगी ऋषि को बुला कर पुत्र की कामना के लिए यज्ञ किया जिससे श्री यज्ञ नारायण भगवान प्रकट होकर तीनों रानियों को यज्ञ का प्रसाद दिया जिससे भगवान का अवतार हुआ | रानी कोशलिया के प्रभु श्री राम, रानी सुमित्रा के श्री लक्ष्मण, और रानी केकई के श्री भरत, श्री शत्रुगण
श्री राम कथा में श्री राम जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया | वियो का गोलिया बना अयोध्या धाम
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