धूं-धूं कर जला रावण का अहंकार , रावण दहन के नाम पर जालोर में प्रशासन ने किया घोटाला आया सामने - JALORE NEWS
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धूं-धूं कर जला रावण का अहंकार , रावण दहन के नाम पर जालोर में प्रशासन ने किया घोटाला आया सामने - JALORE NEWS
जालोर ( 5 सितबर 2022 ) राजस्थान के जालोर जिले में जगह - जगह बुराई के प्रतीक रावण के पुतले जलाए । शहर समेत जिले भर में बुधवार को विजयादशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
जिला मुख्यालय पर चामुंडा माता मंदिर से विधिवत रूप से शाम को रामसेना रावण दहन के लिए रवाना हुई। इस दौरान रथ में मंदिर के महंत पवनपुरी, भगवान राम, लक्ष्मण, हनुमान व वानरों का रूप धरे कलाकार और पीछे ट्रैक्टरों में अन्य देवी-देवताओं की झांकियां शहर के विभिन्न मार्गों से होकर रावण दहन स्थल स्टेडियम मैदान पहुंची। यहां युवाओं ने पूरे जोश के साथ तलवारबाजी का प्रदर्शन भी किया। इसके बाद तय समय पर भगवान राम का रूप धरे कलाकार ने रिमोर्ट से रावण पर अग्नि बाण छोड़कर दहन किया। इसके बाद मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों को जलाया गया।
इस मौके विधायक जोगेश्वर गर्ग, पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल, कलक्टर निशांत जैन, एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला, एडीएम, नगरपरिषद सभापति गोविंद टांक, उपसभापति अंबालाल व्यास, नेता प्रतिपक्ष कालूराम मेघवाल, आयुक्त महिपालसिंह व पार्षद मौजूद थे।
मंच संचालन रंगकर्मी अनिल शर्मा और नूर मोहम्मद ने किया।रावण के पुतले की दहन देखने पहुंचे लोगों में गजब का जोश देखने को मिला ।
नगर परिषद् का घोटाला सामने आया - City council scam exposed
जालोर नगर पालिका में हर बार घोटाले और गड़बडिय़ां सामने आती हैं और जांच के नाम पर कमेटियां गठित कर पर्दा डाल जाता है। Scams surfaced somewhere in the last year पिछले कहीं साल में घोटाले सामने आए, लेकिन एक भी मामले की जांच पूरी नहीं हो पाई।
इस कारण scam घोटाले फाइलों में ही दबकर रह जाती हैं। रावण के पुतले का दहन नगर परिषद् के दावा किया था कि इस बार यादगार के रूप में मनाया जाएगी । और वहीं पहली बार जालोर में रावण का पुतला रिमोट कंट्रोल से जलेगा । यह पुतला 35 फीट का होगा , जबकि मेघनाद व कुंभकरण का पुतला 30-30 फीट का होगा । पुतलों पर 1 लाख 35 हजार , जबकि आतिशबाजी पर 2 लाख 75 हजार रुपए खर्च किया गया । इस बार का आयोजन काफी अच्छा होगा । जिसकी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं । दो साल बाद रावण दहन का हुआ कोराना की वज़ह से रावण का पुतला नहीं जलाई गया था ।
इस बार रावण का दहन रिमोट कंट्रोल रिमोट का बटन दबाकर करने का वादा किया गया था। जो नगर परिषद् की ओर से टेंडर पुतला बनाने के लिए दिया था । उसमें घोटाला सामने आया है । क्योंकि रावण के पुतला में लाईट के तारा नही जोड होने के कारण रिमोट कंट्रोल रिमोट का बटन दबाने पर काम नहीं किया गया ।
जिससे रावण दहन में रिमोट कंट्रोल रिमोट का बटन दबाने जैसी कोई भी व्यवस्था नज़र नहीं आयीं है l कूल मिलकर नगर परिषद् की ओर से खोखला दावा किया गया है । वहीं दुसरी ओर खुशी की बात है कि रावण का दहन रिमोट से नहीं हुआ जिससे हर साल की भांति इस साल भी रावण का दहन राम के हाथों से ही हुआ । वरना राम और रावण की जो सर्दी से चली आ रही परम्पराओं सम्पन्न हो जाती है ।आने वाली पीढ़ी भी यहीं सोच की रावण दहन किसी रिमोट से किया होगा इसलिए आज भी रिमोट से रावण दहन किया जाता है । इस जालोर में संस्कृत बची है।
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