World Students Days 2022 : क्यों मनाया जाता है `विश्व छात्र दिवस , जानें इसका इतिहास - JALORE NEWS
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World Students Days 2021: क्यों मनाया जाता है `विश्व छात्र दिवस , जानें इसका इतिहास - JALORE NEWS
World Students Day 2022 Speech and Bhashan in Hindi: भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अदबुल कलाम की जयंती के शुभ अवसर पर 15 अक्टूबर को प्रतिवर्ष विश्व विद्यार्थी दिवस मनाया जाता है. विश्व छात्र दिवस पहली बार 2010 में मनाया गया था जब कलाम 79 वर्ष के थे. एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्होंने भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, एक सफल एयरोस्पेस वैज्ञानिक और एक समर्पित शिक्षक थे. उन्होंने खुद को किसी भी चीज से अधिक एक शिक्षक के रूप में पहचाना और युवा छात्रों के लिए उनका प्यार उनके पेशेवर करियर और राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान काफी स्पष्ट था.
दुनियाभर में हर वर्ष 15 अक्टूबर को 'विश्व छात्र दिवस' मनाया जाता है. यह दिवस भारत रत्न और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र संगठन (U.N.O) ने उनके जन्मदिन 15 अक्टूबर 2010 को 'विश्व विद्यार्थी दिवस' घोषित किया था.
विश्व छात्र दिवस' का इतिहास
15 अक्टूबर 2010 को , संयुक्त राष्ट्र संगठन (UNO) ने शिक्षा को बढ़ावा देने की कोशिशों के लिए डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के 79वें जन्मदिवस पर विश्व छात्र दिवस या विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप मनाने मनाने का एलान किया था. इसके बाद हर साल उनकी जयंती को विश्व 'विश्व छात्र दिवस' के रूप मनाया जाता है
बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल क्लाम
ए.पी.जे अब्दुल क्लाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी, रामेश्वर तमिलनाडु में हुआ था. उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था. 2002 में उन्हें भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था. इससे पहले वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में एक एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में काम करते थे.
विश्व विद्यार्थी दिवस पर भाषण
विश्व विद्यार्थी दिवस हर वर्ष 15 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने 2010 से प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर के दिन मनाने की घोषणा की हैं. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी को सभी विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श के रूप में थे. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का मानना था कि छात्र छात्राएं ही आने वाले समय में देश को तरक्की की ओर ले जा सकते हैं. इसलिए हर साल एपीजे अब्दुल कलाम के जन्म दिवस पर यह दिन मनाया जाता है.
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सभी वर्गों और जाति के छात्रों के लिए एक प्रेरक और एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाते थे. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी का छात्र जीवन एक काफी चुनौतीपूर्ण था, और उनके जीवन में उन्होंने कई तरह के कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना किया. इसके अलावा अपने बचपन में वह परिवार और खुद के भरण-पोषण के लिए अखबार बेचा करते थे. लेकिन इसके बावजूद वह अपनी पढ़ाई के प्रति इच्छा शक्ति के कारण वह अपने जीवन में हर तरह की परेशानियों चुनौतियां को पार करने में सफल रहते थे. इन्होंने अपने जीवन काल में भारत के राष्ट्रपति जैसे बड़े संवैधानिक को प्राप्त किया, तथा अपने वैज्ञानिक और राजनीतिक जीवन के दौरान भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने खुद को एक शिक्षक ही माना था. वह हमेशा छात्रों को संबोधित करना ही उनका सबसे प्रिय कार्य था.
विश्व विद्यार्थी दिवस पर निबंध
एक ऐसे व्यक्ति होने के नाते जो नियमित रूप से स्कूल और कॉलेज के छात्रों से मिलते थे, उन्होंने महसूस किया कि एक देश के युवाओं की कम पूर्वाग्रह थी और उन्हें प्रेरित करना आसान होगा.
डॉ कलाम एक करियर वैज्ञानिक थे जो एक राजनेता के रूप में बने और भौतिकी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का अध्ययन किया. लगभग चार दशकों तक, वह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में एक वैज्ञानिक और विज्ञान प्रशासक थे. वह व्यक्तिगत रूप से भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल विकास प्रयासों में शामिल थे. इस प्रकार डॉ. कलाम को बैलिस्टिक मिसाइल और लॉन्च वाहन प्रौद्योगिकी के विकास पर उनके अविश्वसनीय काम के लिए भारत के मिसाइल मैन के रूप में जाना जाने लगा. वह एक कार्यकाल के बाद शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आया. डॉ. कलाम भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के एक रिसीवर थे. डॉ अब्दुल कलाम उनकी ईमानदारी और उनकी सरल जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध थे.
कविता
विद्यार्थी दिवस की शुभकामनाएं ❤️❤️
#जाने कहां गए वो दिन
जाने कहां गए वो दिन बहुत सुहाने थे वो दिन
उन दिनों कोे तरसते हैं हम हर दिन
वो बचपन की यादें वो विद्यार्थी जीवन
वो सुबह सुबह माँ का प्यार से जगाना
और फिर ऊंची आवाज में चिल्लाना
बहुत सुकून था उन दिनों में भी
पापा का हमारे लिए हर ख्वाब सजाना
वो गुजरे पल कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं
अब सबकी जिंदगी बदल गईं
किसी को नौकरी से फुर्सत नहीं
किसी को दोस्ती की ज़रूरत नहीं
जाने कहां गए वो दिन
बहुत सुहाने थे वो दिन
जाने कहा गए वो दिन ❤️❤️
स्वरचित माया बिष्ट 🙏🙏
JALORE NEWS
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