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बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाने पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लगी मुहर , एक साल बढ़ाई - JALORE NEWS
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बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाने पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लगी मुहर , एक साल बढ़ाई - JALORE NEWS
जयपुर / दिल्ली ( 16 जनवरी 2023 ) BJP President JP Nadda : भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के मंगलवार को दूसरे दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का एक साल कार्यकाल बढाने का सर्वसम्मति से फैसला होगा है।बैठक में आज दूसरे दिन मंगलवार को राजस्थान भाजपा प्रभारी अरुण सिंह के राजस्थान विधानसभा चुनाव 23 की तैयारी-कार्य योजना का फीटबैक देने के संकेत मिले हैं। भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस साल होने वाले नौ राज्यों मे विधानसभा चुनाव में से पांच प्रदेशों के प्रदेश प्रभारी द्वारा फीटबैक देने के चयन मे भाजपा राष्ट्रीय महासचिव एवम राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह को फीटबैक पैशकरने का मौका प्रदान होने के संकेत मिले हैं। कल सोमवार शाम को राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक मे पांच राज्य राजस्थान, कर्नाटक,छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मणिपुर, मेघालय के भाजपा प्रदेशाध्यक्षो को अपने राज्य संगठन कार्य प्रजेंटेशन देने का मौका दिया गया था।मैने एक हफ्ते पहले ओर कल सुबह के भी अपने समाचार मे बताया था, भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक दिल्ली में पहले दिन सोमवार को राजनैतिक प्रस्ताव मे राजस्थान भाजपा संगठन की जन आक्रोश रथ यात्रा, विधानसभा क्षेत्र सभाऐ के कार्यक्रम की उपलब्धि का भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाँ. सतीश पुनिया प्रजेंटेशन पैश करेगे।ऐसा हो गया है ।
शाह का भरोसा, नड्डा को 2024 तक एक्सटेंशन - Shah's trust, Nadda extended till 2024
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि पार्टी बैठक में राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव रखा था और बीजेपी कार्यकारिणी द्वारा उसे स्वीकार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि
हमारे संविधान के हिसाब से संगठन का चुनाव होता है. ये वर्ष सदस्यता का साल है, कॉविड के करण समय पर सदस्यता का काम नहीं हो सका था, इस लिए संविधान के हिसाब से कार्य विस्तार किया गया है. ऐसे में राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव रखा,सर्वसम्मति से समर्थन मिला. अब नड्डा जी जून 2024 तक अध्यक्ष बने रहेंगे. उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए हमारा बिहार में सबसे अधिक स्ट्राइक रेट रहा, महाराष्ट्र में भी NDA ने बहुमत हासिल किया. यूपी में भी जीते, बंगाल में हमारी संख्या बढ़ी. गुजरात में हमने प्रचंड विजय हासिल की. उत्तर पूर्व में भी काम किया.
2019 का रिकॉर्ड तोड़ने का लक्ष्य - 2019 aims to break the record
अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में जेपी नड्डा के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव में और ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया जाएगा. 2019 से ज्यादा सीटें जीती जाएंगी. अब जानकारी के लिए बता दें कि जेपी नड्डा ने अमित शाह से ही पार्टी की कमान अपने हाथों में ली थी. जब 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ वापसी की थी, तब अमित शाह को केंद्र की राजनीति में लाया गया था. वे गृह मंत्री बना दिए गए थे. वहीं जेपी नड्डा को पार्टी अध्यक्ष बनाने का फैसला हुआ.
पीएम मोदी के साथ नड्डा का बेहतरीन तालमेल -:Nadda's best coordination with PM Modi
बड़ी बात ये है कि जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी करीबी माने जाते हैं. दोनों ही नेताओं ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में जमीन पर संगठन को मजबूत करने का काम किया है. कई मौकों पर साथ भी पार्टी के कई कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का काम किया है. ऐसे में उस बेहतर तालमेल को देखते हुए 2024 का रण भी जेपी नड्डा के नेतृत्व में लड़ने की तैयारी है. जेपी नड्डा ने तो उस बड़ी परीक्षा के लिए अभी से रूपरेखा तैयार कर ली है.
बीजेपी की कार्यकारिणी बैठक में क्या हुआ?
कल बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में जेपी नड्डा ने दो टूक कहा था कि पार्टी को इस साल सभी 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करनी होगी. वो जीत ही 2024 के लिए एक मजबूत पिच तैयार करेगी. वैसे उस मजबूत पिच के लिए कई कार्यकारिणी बैठक के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई है. हमेशा की तरह बीजेपी का प्राइम फोकस इस बार भी बूथ मैनेजमेंट रहने वाला है. जमीन पर संगठन मजबूत हो, पार्टी की हर योजना का प्रचार हर घर तक हो, इसे लेकर ही मंथन हुआ है. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कमजोर बूथ को मजबूत करने के क्रम में 72 हज़ार बूथों को चिन्हित किया गया था. पीएम के निर्देश पर जमीन पर जा स्थिति का जायजा भी लिया गया. अब वर्तमान में पार्टी 1 लाख तीस हजार बूथ तक पहुंच चुकी है. यानी कि लक्ष्य से आगे चल रही है.
20 जनवरी को खत्म हो रहा कार्यकाल - The term ends on January 20
नड्डा का मौजूदा कार्यकाल 20 जनवरी को पूरा हो रहा है। अमित शाह ने बताया कि नड्डा के तीन वर्ष के कार्यकाल में भाजपा के ब्रॉण्ड एवं जनाधार बढ़ा है और यश प्राप्त हुआ है। शाह ने कहा कि उनके नेतृत्व में 73 चुनावों में विजय हासिल हुई है। बूथ सशक्तीकरण योजना में एक लाख 30 हजार बूथों को मजबूत करने का काम किया। तेलंगाना एवं पश्चिम बंगाल में पार्टी के पक्ष में मजबूत माहौल बना।
लोकसभा प्रवास योजना कामयाब रही है। जम्मू-कश्मीर में ब्लॉक विकास परिषद के चुनावों भाजपा का यश बढ़ा है। घर घर तिरंगा अभियान में जन जन में राष्ट्र्भक्ति एवं तिरंगे के प्रति सम्मान को बढ़ाने का काम किया गया है। मन की बात को जन अभियान बनाने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर सेवा पखवाड़ा मनाने तथा कोविड महामारी के दौरान सेवा की संगठन जैसे कार्यक्रम की रचना की। गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि 2024 में अधिक बहुमत से भाजपा चुनाव जीतेगी और मोदी पुन: प्रधानमंत्री बन कर देश की सेवा करेेंगे। गृह मंत्री ने नड्डा को उनके आगे के सफल कार्यकाल के लिए बधाई और अनंत शुभकामनाएं दीं।
प्रमोद ने नड्डा के कार्यकाल बढ़ने के तीन बड़े कारण बताए...
1. आगामी लोकसभा चुनाव: इस साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान, तेलंगाना शामिल है। इसके ठीक बाद अगले साल यानी 2024 की शुरुआत में लोकसभा चुनाव होना है। नड्डा की अगुआई में पूरे देशभर में संगठन काफी मजबूत हुआ है। जहां, पार्टी कमजोर थी, वहां दूसरे दलों के बड़े नेताओं को जोड़ा गया। नड्डा ने हर वर्ग के लिए अलग से सदस्यता अभियान चलाया। इसका फायदा चुनावों में भाजपा को मिला। यही कारण है कि नड्डा के कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
2. मोदी-शाह से अच्छे रिश्ते: नड्डा की दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए भी उन्होंने पार्टी और सरकार के बीच अच्छे तालमेल रखे। नड्डा के रिश्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी अच्छे हैं। इसके अलावा पार्टी के पुराने नेताओं के भी नड्डा पसंदीदा हैं। इसका फायदा भी उन्हें मिला।
3. हिमाचल हार के बाद हटाने पर गलत संदेश जाने का खतरा: इस बार हिमाचल प्रदेश में भाजपा को हार मिली। जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश से ही आते हैं। ऐसे में अगर उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया जाता तो इसका गलत संदेश भी जाता। विपक्ष इसे मुद्दा बना लेता। हिमाचल प्रदेश की हार की जितनी चर्चा नहीं हुई थी, उससे कहीं ज्यादा चर्चा नड्डा के हटने की होती। ऐसे में हिमाचल प्रदेश की हार का नुकसान भाजपा को दूसरे राज्यों के चुनाव में भी उठाना पड़ सकता था।
भाजपा में कैसे होते हैं चुनाव?
भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव प्रदेश संगठनों के चुनाव के बाद होता है। नियम के अनुसार अगर 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन का चुनाव हो गया है तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराया जा सकता है। एक राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए होता है। नड्डा ने 2020 में पार्टी की कमान संभाली थी। इस साल जनवरी में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा था। जिसे अब जून 2024 तक बढ़ा दिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी के संविधान की धारा 19 में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की व्यवस्था है। इसके अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल कराएगा। इसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषद के वर्णित सदस्य होते हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष वही बन सकता है जो कम से कम चार अवधियों तक पार्टी का सक्रिय सदस्य रहा हो। न्यूनतम 15 वर्ष से पार्टी का सदस्य हो। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की योग्यता रखने वाले किसी नेता का नाम निर्वाचक मंडल में से कुल 20 सदस्य प्रस्तावित करेंगे। यहां यह भी जरूरी है कि यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम पांच राज्यों से भी आना चाहिए, जहां चुनाव हो चुके हों।
अध्यक्ष और बाकी सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है?
पार्टी के संविधान की धारा 21 के अनुसार, कोई भी शख्स तीन-तीन साल के दो कार्यकाल तक ही भाजपा का अध्यक्ष रह सकता है। प्रदेश कार्यकारिणी, परिषद, समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों के कार्यकाल की भी तीन वर्षों तक निर्धारित की गई है।
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