राजस्थान में बढ़ने लगा आई फ्लू, सबसे ज्यादा बच्चे हो रहे संक्रमित, यहाँ कैसे फैला है और कैसे रोक जाता है
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राजस्थान में बढ़ने लगा आई फ्लू, सबसे ज्यादा बच्चे हो रहे संक्रमित, यहाँ कैसे फैला है और कैसे रोक जाता है
जयपुर ( 26 जुलाई 2023 ) प्रदेश में आई फ्लू बीमारी के केस लगातार बढ़ते जा रहे है। सबसे ज्यादा बच्चों में आई फ्लू के केस सामने आ रहे है। राजधानी जयपुर सहित सभी जिलों में आई फ्लू के मामले सामने आ रहे है। जयपुर के एसएमएस अस्पताल व अन्य अस्पतालों में नेत्र रोग विभाग में मरीजों की भीड़ दिखाई दे रही है।
वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ ने बताया कि आई फ्लू खतरनाक नहीं हैं। हालांकि यह आंखों को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए लोगों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। ज्यादातर लोग मानते हैं कि यह बीमारी आई कॉन्टेक्ट से फैलती है। जबकि ये न तो हवा के जरिए फैलती है और न ही आई कॉन्टैक्ट से। कंजंक्टिवाइटिस तब फैलता है, जब किसी संक्रमित व्यक्ति के इस्तेमाल की गई चीजों का इस्तेमाल दूसरा कोई करता है।
सबसे ज्यादा बच्चों में फैल रहा आई फ्लू..
आई फ्लू बीमारी के सबसे ज्यादा केस बच्चों में देखे जा रहे है। जिसका कारण यह है कि स्कूल में यदि किसी बच्चे को आई फ्लू होता है तो दूसरे बच्चे उसके संक्रमण से ग्रसित हो जाते है। क्योकि सभी बच्चे साथ रहते है, खेलते है और खाते पीते है। ऐसे में एक बच्चे से दूसरे बच्चे में आई फ्लू का संक्रमण पहुंच जाता है। इसलिए बच्चे आई फ्लू के सर्वाधिक चपेट में आते है। डॉक्टर्स का मानना है कि यदि किसी बच्चे में आई फ्लू संक्रमण दिखे तो उसे कुछ दिनों के लिए छुट्टी दे देनी चाहिए। ताकी दूसरे बच्चे संक्रमित नहीं हो सके।
यह है लक्षण..
डॉक्टर ने बताया कि आंखों में लालपन होना और सूजन सहित आंखों में पानी आना और सुबह आंखों का चिपक जाना आई फ्लू के लक्षण है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वह अपनी आंखों से बार-बार गंदे हाथ ना लगाएं, यदि किसी की आंखो में इस प्रकार की समस्या है तो वह अपने रुमाल और कपड़ों का उपयोग दूसरा कोई सदस्य का ना करें। आंखों में प्लेन एंटीबायोटिक दवा डालें। आंखों पर चश्मा पहने, जिससे यह संक्रमण दूसरे की आंखों में ना जाए।
इस कारण होता है आई फ्लू...
यह एक संक्रमण है, जो कंजंक्टिवा के सूजन का कारण बनता है। कंजंक्टिवा क्लियर लेयर होती है, जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करती है। मानसून के दौरान, कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी के कारण लोग बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं। जो एलर्जिक रिएक्शन्स और आई इंफेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं।
आई फ्लू को लेकर गलतफहमी भी है काफी
एक्सपर्ट ने बताया कि आई फ्लू के बारे मे लोगों के बीच काफी गलतफहमी भी फैली हुई है और लोग इसकी वजह से अपने-अपने तरीके से इलाज भी करना शुरू कर देते हैं। एक्सपर्ट ने सलाह दी कि आंखों के मामले में सावधानी बरतें और कोई भी इलाज डॉक्टर की सलाह के बगैर न करें और इस तरह की गलतफहमियां भी न रखें...
आई ड्रॉप इसका इलाज है
यह एक वायरल इन्फेक्शन है। वायरस की वजह से फैलता है। अभी तक ऐसा कोई आई ड्रॉप नहीं बना है जो इसे होने से रोक सके। संक्रमण होने के बाद लक्षण के आधार पर इलाज किया जाता है।
चश्मे से संक्रमण रूकता है
चश्मा या गॉगल्स पूरे आंख को कवर करता है, उसे पहनने पर खतरा कम है। इससे हाथ आंख को सीधे टच नहीं करता, बहुत हद तक बचाव संभव है।
मरीज की आंख में देखने से आंखों में संक्रमण हो जाता है
बिल्कुल ऐसा नहीं है। आंख से आंख में देखने से नहीं होता है। न ही यह हवा में फैलता है, यह हाथ के जरिए आंखों तक पहुंचता है।
हाथ मिलाने से संक्रमण फैलता है
हाथ मिलाने से संक्रमण नहीं फैलता है। लेकिन हाथ मिलाने वाले में से कोई एक को अगर आई फ्लू है और उसने हाथ मिलाने से पहले अपनी आंख को टच किया है तो दूसरे के हाथ में संक्रमण पहुंच सकता है और उसे संक्रमण का खतरा है।
आई फ्लू से बचाव के लिए क्या करें?
श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पिटल और शार्प साईट आई हॉस्पिटल के आई एक्सपर्ट ने इस मौसम में आंखों की देखभाल के लिए जरूरी बाते बताईं और कहा कि बचाव और सावधानी से आई फ्लू का सबसे सही इलाज है। उन्होंने बताया कि आई फ्लू से बचाव के लिए क्या करें।
- भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें
- अपनी आंखों को न छुएं
- हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं
- संक्रमित मरीज के टॉवेल, बेड, कपड़े आदि का इस्तेमाल न करें
- आई फ्लू हो जाए तो आपको क्या करना चाहिए?
- अपनी आंखों को बार-बार ठंडे पानी से धोएं
- अगर धोना नहीं चाहते हैं तो रूई को गीला कर आंखों पर रखें
- किसी भी तरह का चश्मा पहनें, ताकि आप अपनी आंखों को न छूएं
- यह देखने से नहीं फैलता है, यह छूने से ही फैल सकता है
- हाइजीन का खयाल रखें, व्यक्तिगत सामान तौलिया, रूमाल आदि को अलग रखें
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