who is sindal champaji khidawat History सिंधल चांपाजी खीदावत ( लांबिया गांव ) कौन है जाने पीछे का इतिहास
![]() |
who-is-sindal-champaji-khidawat-History |
who is sindal champaji khidawat History सिंधल चांपाजी खीदावत ( लांबिया गांव ) कौन है जाने पीछे का इतिहास
जालोर ( 18 जुलाई 2023 ) इनका जन्म विक्रम संवत 1469 (१४१२ई)माह सू दी 3 को हुआ। इनकी माता का नाम सुजान कवर सोलंकी था। चांपा जी के पिता कर्म सिंह सिंधल था। इनके पिता वीर योद्धा थे और मेड़ता के सुरतान जेमलोत ने चांपा जी को धनेरिया गांव अरणियाली गांव जुलाना गांव जावा गांव फालकों गांव डुमडी गांव का पट्टा गांव इनायत किया।
संवत 1536 चेत्र सुदी ग्यारस 1419 ईसवी में लांबिया गांव से मेर मीणा गायों को घेरकर मेवाड़ की तरफ ले जाने लगे। तभी चांपा सिंधल ने घोड़ी पर चढ़कर गायों की रक्षा करने के लिए मेर मीणा से युद्ध किया जिससे चांपा जी का लांबिया गांव में सिर गिर गया। फिर भी बिना शीश कटे हुए धनेरिया गांव पर गायों को रोका।
मीणा को मारकर चांपा जी के घोड़े ने उन गायों को वापस लांबिया गांव पहुंचाया। इस लड़ाई में चांपा जी का शीश युद्ध करते हुए धनेरिया गांव पर रोका। मेर मीणा को मार कर सिंधल चांपा जी के घोड़े ने उन गायों को वापस लांबिया गांव पहुंचाया। इस लड़ाई में सींदल चांपा जी का शीश लांबिया गांव में तथा एक हाथ कुछ दूरी पर गिर गया तथा शरीर धनेरिया गांव में पड़ा।
लांबिया ठाकुर चांपा जी का तीनों स्थान पर लोक देवता के रूप में पूजते हैं। लांबिया गांव के सेठ जवेरी लाल गादीया को इनकी कृपा से पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई बाद में इस सेठ में बड़ा मंदिर बनाया तथा धीरे धीरे आसपास के लोग इनकी बगीची में आने लगे हर वर्ष 7 जनवरी से 13 जनवरी तक यहां मेला लगता है यहां चंपा जी महाराज की बगेची लांबिया में नरहर दास जी महाराज की जीवित समाधि है।
सिंदल चांपा जी ने राव डूंगरावत दूदा जी को धनेरिया गांव बक्शीश में दिया था जो आज भी राव डांगर का गांव धनेरिया कहलाता है। चां पा जी सिंधल के 6 पुत्र जावत सिंह नारायण दास मुणदास मालम सिंह माधु सिंह रामदास हुए।
who-is-sindal-champaji-khidawat-History
इनके यह वंशज वीर और पराक्रमी थे और इनकी वीरता से इन्हें कई गांव इनायत किए। धनेरिया गांव ,देचू गांव, जालौर का पट्टा , चांदनी बड़ी एवं देघाना ,लांबिया एवं आंछेलाई गांव का पट्टा ,धनेरिया चुक मेड़ता एवं काली री पट्टी।
JALORE NEWS
आपके पास में भी अगर कोई इतिहास से जुड़ी जानकारी है तो हमें भेजा सकता है इस नंबर पर
एक टिप्पणी भेजें