cancer day special, वर्ल्ड हैड नेक कैंसर डे विशेष, राजस्थान में 77 हजार से अधिक की मौत तंबाकू जनित कैंसर से
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cancer day special, वर्ल्ड हैड नेक कैंसर डे विशेष, राजस्थान में 77 हजार से अधिक की मौत तंबाकू जनित कैंसर से
जयपुर ( 27 जुलाई 2023 ) cancer day special राजस्थान सहित देशभर में प्रतिवर्ष 13.5 लाख से अधिक लोग तंबाकू से होने वाली बीमारियों से दम तोड़ रहें है। इनमें अधिकतर संख्या युवाओं की है। जबकि युवा अवस्था में होने वाली मौतों का कारण भी मुंह व गले का कैंसर मुख्य है। वहीं राजस्थान में भी 77 हजार से अधिक मौतें प्रतिवर्ष हो रही है। आज ही के दिन दुनियाभर में 27 जुलाई को वर्ल्ड हैड नेक कैंसर मनाया जा रहा है।
राजस्थान में 77 हजार की प्रतिवर्ष मौत - 77 thousand die every year in Rajasthan
सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर के कान नाक गला विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ.पवन सिंघल ने बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के अनुसार राज्य में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों से होने वाले रोगों से प्रतिवर्ष 77 हजार से अधिक लोगों की मौत हो जाती है और देशभर में 13.5 लाख व विश्व भर में 80 लाख लोगों की जान इससे जाती है। जबकि प्रदेशभर में 300 से अधिक बच्चे और देशभर में 5500 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू उत्पादों का सेवन शुरू करते है।
राजस्थान में 24.7 प्रतिशत तंबाकू यूजर
राजस्थान में वर्तमान में 24.7 प्रतिशत लोग (5 में से 2 पुरुष, 10 में से 1 महिला यूजर) किसी न किसी रूप में तंबाकू उत्पादों का उपभोग करते है। जिसमें 13.2 प्रतिशत लोग धूम्रपान के रूप में तंबाकू का सेवन करते है, जिसमें 22.0 प्रतिशत पुरुष, 3.7 प्रतिशत महिलाएं शामिल है। यहां पर 14.1 प्रतिशत लोग चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का प्रयोग करते है, जिसमें 22.0 प्रतिशत पुरुष व 5.8 प्रतिशत महिलाएं शामिल है।
कैंसर रोग विशेषज्ञों ने जताई चिंता - Oncologists expressed concern
वर्ल्ड हैड नेक कैंसर डे 27 जुलाई के अवसर पर कैंसर रोग विशेषज्ञों ने एक बहुत ही चिंताजनक आशंका जताई है कि 21 वीं शताब्दी तक तम्बाकू के उपयोग के कारण अरबों मौतें होंगी। यदि कोई हस्तक्षेप नहीं हुआ तो इन मौतों में 80 प्रतिशत मौतें विकासशील देशों में होगी। विशेषज्ञों ने 27 जुलाई को विश्व सिर एवं गला कैंसर दिवस के अवसर पर लोगों से तंबाकू से दूर रहने की अपील करते हुए यह आशंका जताई और कहा कि कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू सेवन है।
कैंसर के आधे मरीज भी नहीं बच पाते - Even half of cancer patients do not survive
इलाज के 12 महीने के भीतर नए निदान किए गए सिर और गला कैंसर के लगभग आधे मरीज नहीं बच पाते। दो तिहाई सिर और गला का कैंसर तम्बाकू के कारण होता है। भारत में प्रतिवर्ष 1.75 लाख हैड नेक कैंसर के नए रोगी आ रहे है। वहीं यह आंकड़ा पुरुषों में 76 प्रतिशत और महिलाओं में 24 प्रतिशत है।
डा.पवन सिंघल ने बताया कि सिर एवं गला कैंसर, मुंह, कंठनली, गले या नाक में होता है। हेड एंड नेक कैंसर भारत में कैंसर का सबसे बड़ा स्रोत हैं। निदान के 12 महीने के भीतर नए निदान किए गए सिर एवं गला कैंसर कैंसर के लगभग आधे मरीज मर जाते हैं। विरोधाभासी रूप से, दो-तिहाई सिर एवं गला कैंसर के ज्ञात एजेंटों में तंबाकू, अरेका अखरोट और शराब से संबंधित हैं। दुर्भाग्यवश, ये कारक एजेंट कमजोर नीति या कार्यान्वयन या इसकी अनुपस्थिति के कारण स्वतंत्र रूप से उपलब्ध हैं।
90 प्रतिशत मुंह और गले के कैंसर का कारण तंबाकू - Tobacco causes 90 percent of mouth and throat cancer
उन्होंने बताया कि भारत में चबाने वाले तंबाकू से धूम्रपान की तुलना की जाती है। 90 प्रतिशत मुंह और गले के कैंसर का कारण तंबाकू का उपयोग है। भारत में दुनिया में चबाने वाली तंबाकू की सबसे अधिक खपत के कारण बदनाम है। यह लत के लिए सस्ता और आसानी से उपलब्ध है और पिछले दो दशकों में इसकी बढ़ती खपत से मुंह के कैंसर में खतरनाक ढंग से वृद्धि हुई है।
डॉ.सिंघल बतातें है कि स्थिति खतरनाक हो रही है, इसलिए प्लेज फॉर लाइफ अभियान भारत में कैंसर को कम करने के लिए समाधान और निवारक रणनीति है। इस अभियान का उद्देश्य सभी शैक्षिक संस्थानों को तम्बाकू मुक्त करना है ताकि बच्चे तंबाकू के उपयोग शुरू नहीं कर सकें।
भारत में 13.5 लाख लोग प्रतिवर्ष मर रहे - 13.5 lakh people dying every year in India
उन्होंने कहा, हमें कैंसर को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए, खासतौर पर जो रोकथाम योग्य हैं। स्वस्थ समाज के लिए सभी निवारक उपायों के लिए हमारा ध्यान युवाओं पर होना चाहिए। तंबाकू के उपयोग के कारण हर साल भारत में 13.5 लाख लोग प्रतिवर्ष मर रहे हैं जो कैंसर का एक प्रमुख कारण है।
गौरतलब है कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2017-18 के अनुसार, तम्बाकू की खपत के कुल प्रसार का 28.6 प्रतिशत में भारत में 21.4 प्रतिशत चबाने वाले तंबाकू का उपयोग होता है, जबकि 10.7 प्रतिशत धूम्रपान सिगरेट और बिड़ी का।
भारत सरकार ने गुटका, स्वाद, पैकिंग चबाने वाले तंबाकू पर प्रतिबंध लगाकर ऐतिहासिक निर्णय लिया है। वास्तव में, 23 सितंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार भारत में जुड़वां पैक सहित धुएं रहित तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
कोटपा व जेजे एक्ट में हो प्रभावी कार्रवाई, यूजर की संख्या में लाई जाए कमी
सुखम फाउंडेशन के ट्रस्टी गुरजंट सिंह धालीवाल बतातें है कि राजस्थान में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों की रोकथाम के लिए राज्य के सभी जिलों व संभाग मुख्यालयों पर कोटपा व जेजे एक्ट में प्रभावी कार्रवाई की जाए तो तंबाकू यूजर को हत्तोसाहित किया जा सकेगा। इसके साथ ही सावर्जनिक स्थल, शिक्षण संस्थानों आसपास, किरयाना स्टोर, पान शाॅप इत्यादि स्थानों पर तंबाकू व धूम्रपान उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर भी तंबाकू यूजर की संख्या में कमी लाई जा सकती है।
राजस्थान सरकार का सराहनीय कदम - Commendable step of Rajasthan government
राजस्थान सरकार ने प्रदेश में तंबाकू के प्रचार प्रसार के साथ टोबेको फ्री यूथ अभियान चलाया जा रहा है। जिससे युवाओं को खासतौर पर तंबाकू के उपभोग से होने वाली बीमारियों व दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी जा रही है। प्रदेश के सभी जिलों में तंबाकू से होने वाली बीमारियों व दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
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