जैन समुदाय की मांग मरणोपरांत साराभाई को भारत रत्न से सम्मानित करे भारत सरकार
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यह विक्रम का पराक्रम है कि चांद पर तिरंगा लहरा रहा है - It is the might of Vikram that the tricolor is hoisting on the moon
जयपुर ( 24 अगस्त 2023 ) भारत के चन्द्रयान-3 मिशन के अंतर्गत लैंडर विक्रम का चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर सफलतापूर्वक उतरना एक भारत के लिए तो निश्चित ही एक अपूर्व ऐतिहासिक उपलब्धि है ही,साथ ही पूरी मानव जाति के लिए भी यह गौरवपूर्ण उपलब्धि है। इसका मुख्य श्रेय वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत, एकाग्रता और इच्छाशक्ति को जाता है।
इस अवसर पर श्रमण डॉ.पुष्पेन्द्र ने कहा कि अद्वितीय विजय की यह घड़ी जैन समाज के प्रतिभा-पुरुष डॉ.विक्रम साराभाई के बुनियादी योगदान को याद करने का भी अवसर है। उन्हीं के योगदान का सम्मान करते हुए लैंडर का नाम ‘विक्रम’ रखा गया। एक संपन्न और धर्मनिष्ठ जैन परिवार में जन्मे डॉ. साराभाई ने अपनी संपन्नता व बहुआयामी योग्यता को देश के लिए समर्पित कर दिया।
राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के संरक्षक अशोक बांठिया व अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन ने बताया की डॉ.विक्रम साराभाई ने अंतरिक्ष विज्ञान को खड़ा करने में अपना तन,मन,धन और जीवन लगा दिया। राष्ट्र हितकारी अनेक संस्थानों के निर्माता भविष्यद्रष्टा वैज्ञानिक डॉ.विक्रम साराभाई के पराक्रम का ही सुफल है कि आज चांद पर तिरंगा लहरा रहा है। डॉ.साराभाई ने मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे वैज्ञानिकों का भी निर्माण किया। आज देश में वैज्ञानिक चेतना का संचार करने की जरूरत है,जिससे देश अंधविश्वासों के कूप से बाहर निकले।
राजस्थान जैन युवा महासभा के अध्यक्ष प्रदीप जैन और महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने बताया की अल्पसंख्यक वर्ग के जैन समुदाय के विभिन्न संगठन जल्द ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह करेंगे की भारत सरकार को भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के जनक डॉ.विक्रम साराभाई को मरणोपरांत "भारत रत्न" से सम्मानित करना चाहिए।
अखिल भारतीयवर्षीय दिगम्बर जैन युवा परिषद् दिलीप जैन और महामंत्री उदयभान जैन ने बताया कि अंतरिक्ष विज्ञान के अलावा वस्त्र,औषधि, परमाणु ऊर्जा,इलेक्ट्रॉनिक्स में भी साराभाई का बड़ा योगदान है ।
JALORE NEWS
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