Jawai Dam: जवाई बांध महज एक बरसात खोल देगी खुशियों का द्वार अब इतंजार गेट फायदा और नुकसान जाने
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Jawai Dam: महज एक बरसात खोल देगी खुशियों का द्वार अब इतंजार गेट
जालौर ( 27 अगस्त 2023 ) मारवाड़-गोडवाड़ के लिए बिपरजॉय तूफान वरदान बनकर आया। तूफान के बाद मानसून से आस थी, लेकिन झमाझम बरसात नहीं हुई। इसके बावजूद बिपरजॉय तूफान से पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध की जवाई नदी उफान पर आई। उसके सहायक सेई बांध की नदी भी कलकल ध्वनि के साथ ऐसी बही कि जवाई बांध को छलाछल होने में अब सिर्फ 314.5 एमसीएफटी पानी की जरूरत रह गई है। बांध अपने पूरे गेज 61.25 फीट से महज 1.20 फीट नीचे रह गया है। यदि श्रावण में इन्द्र देव की मेहर हो जाती तो पश्चिमी राजस्थान के मरुसागर कहे जाने वाले जवाई बांध के गेट नवमीं बार खोलने पड़ जाते।
बांध में आया 5170 एमसीएफटी पानी
बिपरजॉय तूफान ने 16 जून को दस्तक दी थी। जवाई बांध में 17 जून को 28.75 फीट भराव के साथ 1842.75 एमसीएफटी पानी था। जो बिपरजॉय तूफान के बाद तेजी से बढ़ा और अब बांध में 60.05 फीट गेज के साथ 7013 एमसीएफटी पानी है। बांध में 17 जून से अब तक 5170.25 एमसीएफटी पानी आया है और गेज 31.3 फीट बढ़ा है।
अगस्त रहा सूखा, सिर्फ 4 एमएम बरसात
मारवाड़-गोडवाड़ में अगस्त शुरू होने से अब तक बरसात नहीं हुई है। जवाई बांध पर भी 21 अगस्त को 4 एमएम बरसात दर्ज की गई थी। बांध पर एक अगस्त तक 874 एमएम बरसात दर्ज की गई थी और अब यह आंकड़ा 878 है। जवाई बांध में अगस्त में पानी की आवक भी सेई बांध से परिवर्तित किए जा रहे पानी से हुई है। सेई से इतना पानी आ रहा है कि पेयजल निकासी के बाद भी गेज मंथर गति से बढ़ रहा है।
इस तरह बढ़ा जवाई का गेज
17 जून: 28.75 फीट, 1842.75 एमसीएफटी
21 जून: 40 फीट, 3068 एमसीएफटी
29 जून: 42.35 फीट, 3393.75 एमसीएफटी
1 जुलाई: 43.85 फीट, 3615.50 एमसीएफटी
10 जुलाई: 48.50 फीट, 4398 एमसीएफटी
20 जुलाई: 51.60 फीट, 5001 एमसीएफटी
31 जुलाई: 55.30 फीट, 5819 एमसीएफटी
10 अगस्त: 57.85 फीट, 6446.20 एमसीएफटी
26 अगस्त: 60.05, फीट 7013 एमसीएफटी
2 दिन में ही तालाब ओवरफ्लो
जालोर में बिपरजॉय तूफान का असर 17 जून से शुरू हुआ। बारिश इतनी तेज हुई कि जवाई नदी पूरे वेग से बहने लगी तो वहीं शहर का सुंदेलाव तालाब भी ओवरफ्लो चलने लगा। जालोर में तूफान के असर से तीन दिन में 638 एमएम बारिश हुई। सुंदेलाव तालाब करीब डेढ़ महीने तक ओवरफ्लो चला है।
कुंए भी हुए रीचार्ज
तूफान के कारण जिलेभर में नदी नाले चलने लगे। कई जगह तो एक-एक महीने तक नदियां चली है। वहीं जवाई नदी भी आहोर व जालोर में करीब एक महीने तक चली। इससे जवाई नदी किनारे बसे कुएं करीब 2 साल तक के लिए रीचार्ज हो गए है।
बांध भी हुए ओवरफ्लो
जिले के 12 बांधों में से 8 बांधों में पानी की आवक हुई। वहीं 6 बांध तो ओवरफ्लो भी हुए है। वर्तमान में भी चवरछा और बांकली बांध लबालब भरे हुए है। वहीं इन बांधों के अलावा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब और नाडिय़ां भी भरे हुए है।
बिपरजॉय से नुकसान
बिजली व्यवस्था पूरी चौपट होने से डिस्कॉम को 10 करोड़ 45 लाख का नुकसान उठाना पड़ा। जिले में नदी नाले चलने से कई सडक़ें पूरी तरह उखड़ी और पुलिया क्षतिग्रस्त हो गए। बारिश और तेज हवा के कारण कच्चे घर ढहे और टीनशेड उड़े।
फायदा
जिले में जलाशय भर गए, सेवज खेती के लिए खेत लबालब, छोटे-बड़े बांधों में आया पानी, नदी-नालों में पानी चला जिससे कुएं रीचार्ज हुए, 6 साल बाद जवाई नदी चली, एक बारिश में सुंदेलाव तालाब ओवरफ्लो चला।
बिपरजॉय की बारिश को छोड़ दें तो मानसून की बारिश औसत से भी बहुत कम
मानसून की बारिश-----------औसत अंतर
जालोर-403----------------559 -156
आहोर-183----------------473 -290
सायला-113----------------431 -318
भीनमाल-283----------------554 -271
बागोड़ा-342----------------391 -49
जसवंतपुरा-239----------------664 -425
रानीवाड़ा-263----------------742 -479
सांचौर-266----------------532 -266
वर्ष 2022 में हुई थी मानसून की अच्छी बारिश
पिछले वर्ष मानसून की बारिश अच्छी हुई थी। वर्ष 2022 में पूरे मानसून के दौरान जालोर में 775 एमएम, आहोर में 472 एमएम, सायला में 469 एमएम, भीनमाल में 720, बागोड़ा में 402 एमएम, जसवंतपुरा में 849 एमएम, रानीवाड़ा में 814 एमएम, चितलवाना में 377 एमएम और सांचौर में 538 एमएम बारिश हुई थी।
JALORE NEWS
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