107 जन्म तक तपस्या के बाद पार्वती को मिले भगवान शिव, जानिए उस हरियाली तीज की कहानी और शुभ मुहूर्त
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107 जन्म तक तपस्या के बाद पार्वती को मिले भगवान शिव, जानिए उस हरियाली तीज की कहानी और शुभ मुहूर्त
जालोर ( 16 अगस्त 2023 ) श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का उत्सव इस बार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं हरे रंग की साड़ी, हरी चूड़ियां पहनकर शिव गौरी की पूजा-अर्चना करेंगी। हरियाली तीज को इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र कुछ खास बना देगा। ये नक्षत्र सुबह से लेकर देर रात 1:47 बजे तक रहने वाला है।
ज्योतिष डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सनातन धर्म में हर त्योहार का अपना एक विशेष महत्व हैं। इन्हीं त्योहारों में से एक है हरियाली तीज है, जो देशभर में मनाई जाती है। हरियाली तीज को श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली तीज सावन मास का सबसे महत्वपूर्ण पर्व हैं। महिलाएं इस दिन का पूरे साल इंतजार करती हैं। हरियाली तीज सौंदर्य और प्रेम का पर्व हैं। यह उत्सव भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं। यह पर्व प्रकृति से जुड़ने का पर्व हैं।
पति की लंबी उम्र के लिए सुहागन स्त्रियां रखती हैं व्रत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 18 अगस्त शुक्रवार रात 8:01 मिनट से शुरू हो रही है और 19 अगस्त शनिवार रात 10:19 मिनट पर समाप्त होगी। जिससे हरियाली तीज 19 अगस्त को मनाई जाएगी।
पौराणिक कथा के अनुसार, यह वह दिन है जब देवी ने शिव की तपस्या में 107 जन्म बिताने के बाद पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इस व्रत को रखने से स्त्री के पति को लंबी उम्र का वरदान मिलता है। ये व्रत महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद करता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन सोलह शृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करती हैं।
इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह हाथों में मेहंदी लगाती हैं, सावन मास के गीत गाती हैं। हरियाली तीज पर 3 शुभ योग सिद्ध योग, बुधादित्य योग और त्रिग्रही योग का संयोग बन रहा है। इस दिन कन्या राशि में चंद्रमा, मंगल और शुक्र की युति से त्रिग्रही योग का निर्माण होगा जो व्रती को धन और करियर में लाभ पहुंचाएगा।वहीं सिंह राशि में सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा। इस दिन बनने वाला सिद्ध योग से व्रती की पूजा, मंत्र आदि सिद्ध होंगे।
शुभ मुहूर्त
हरियाली तीज की पूजा के लिए 2 शुभ मुहूर्त के योग बन रहे हैं। इस दिन आप सुबह 07:30 मिनट से 09:08 मिनट तक पूजा कर सकते हैं। इसके बाद आप दोपहर 12:25 मिनट से शाम 05:19 मिनट कर शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं।
हरियाली तीज के शुभ मुहूर्त : Hariyali Teej Muhurat 2023
हरियाली तीज :
शनिवार, 19 अगस्त 2023 को
श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि का प्रारंभ- 18 अगस्त 2023 को 08.01 पी एम से,
ब्रह्म मुहूर्त- 04.25 ए एम से 05.09 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 04.47 ए एम से 05.52 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11.58 ए एम से 12.51 पी एम
विजय मुहूर्त- 02.35 पी एम से 03.28 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06.57 पी एम से 07.19 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 06.57 पी एम से 08.03 पी एम
अमृत काल-05.44 पी एम से 07.32 पी एम
निशिता मुहूर्त- 20 अगस्त को 12.03 ए एम से 12.47 ए एम तक।
रवि योग- 20 अगस्त को 01.47 ए एम से 05.53 ए एम तक।
हरियाली तीज के दिन का चौघड़िया :
शुभ- 07.30 ए एम से 09.08 ए एम
चर- 12.25 पी एम से 02.03 पी एम
लाभ- 02.03 पी एम से 03.41 पी एमवार वेला
अमृत- 03.41 पी एम से 05.19 पी एम
रात्रि का चौघड़िया :
लाभ- 06.57 पी एम से 08.19 पी एमकाल रात्रि
शुभ- 09.41 पी एम से 11.03 पी एम
अमृत- 11.03 पी एम से 20 अगस्त को 12.25 ए एम तक।
चर- 12.25 ए एम से 20 अगस्त को 01.47 ए एम तक।
लाभ- 04.31 ए एम से 20 अगस्त को 05.53 ए एम तक।
हरियाली तीज की कथा (Hariyali Teej Katha) : भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती जी को सुनाई थी यह हरियाली तीज की पौराणिक एवं प्रामाणिक कथा। इस कथा के अनुसार शिव जी ने पार्वती जी को उनके पूर्वजन्म का स्मरण कराने के लिए तीज की कथा सुनाई थी। शिव जी कहते हैं- हे पार्वती तुमने हिमालय पर मुझे वर के रूप में पाने के लिए घोर तप किया था। अन्न-जल त्यागा, पत्ते खाए, सर्दी-गर्मी, बरसात में कष्ट सहे। तुम्हारे पिता दुखी थे।
नारद जी तुम्हारे घर पधारे और कहा- मैं विष्णु जी के भेजने पर आया हूं। वह आपकी कन्या से प्रसन्न होकर विवाह करना चाहते हैं। अपनी राय बताएं। पर्वतराज प्रसन्नता से तुम्हारा विवाह विष्णु जी से करने को तैयार हो गए। नारद जी ने विष्णु जी को यह शुभ समाचार सुना दिया, पर जब तुम्हें पता चला तो बड़ा दुख हुआ।
तुम मुझे मन से अपना पति मान चुकी थीं। तुमने अपने मन की बात सहेली को बताई। सहेली ने तुम्हें एक ऐसे घने वन में छुपा दिया, जहां तुम्हारे पिता नहीं पहुंच सकते थे। वहां तुम तप करने लगी। तुम्हारे लुप्त होने से पिता चिंतित होकर सोचने लगे यदि इस बीच विष्णु जी बारात लेकर आ गए तो क्या होगा?
शिव जी ने आगे पार्वती जी से कहा- तुम्हारे पिता ने तुम्हारी खोज में धरती-पाताल एक कर दिया पर तुम न मिली। तुम गुफा में रेत से शिवलिंग बनाकर मेरी आराधना में लीन थी। प्रसन्न होकर मैंने मनोकामना पूरी करने का वचन दिया। तुम्हारे पिता खोजते हुए गुफा तक पहुंचे।
तुमने बताया कि अधिकांश जीवन शिव जी को पतिरूप में पाने के लिए तप में बिताया है। आज तप सफल रहा, शिव जी ने मेरा वरण कर लिया। मैं आपके साथ एक ही शर्त पर घर चलूंगी यदि आप मेरा विवाह शिव जी से करने को राजी हों। पर्वतराज मान गए। बाद में विधि-विधान के साथ हमारा विवाह किया। हे पार्वती! तुमने जो कठोर व्रत किया था उसी के फलस्वरूप हमारा विवाह हो सका। इस व्रत को निष्ठा से करने वाली स्त्री को मैं मनवांछित फल देता हूं। उसे तुम जैसा अचल सुहाग का वरदान प्राप्त हो।
हरियाली तीज पूजा विधि : Hariyali Teej Puja Vidhi
1. हरियाली तीज के दिन निर्जला व्रत रखकर विधिपूर्वक पूजा करने का विधान है।
2. व्रत का संकल्प लेकर महिलाएं माता की चौकी को सजाती हैं और खुद भी सजती हैं। हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह घर के काम और स्नान करने के बाद सोलह श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं।
3. महिलाएं शिवजी और पार्वतीजी की षोडशोपचार पूजा यानी की 16 प्रकार की सामग्री से पूजा करती हैं। इसमें हल्दी, कुंकू, मेहंदी, गंध, पुष्प, नैवेद्य, माला, पान आदि सभी पूजन सामग्री अर्पित करती हैं।
4. पूजा की सामग्री अर्पित करके के बाद दोनों की आरती उतारी जाती है।
5. नैवेद्य अर्पण करने के बाद लोगगीत गाती है। झूला झूलती हैं और खुशियां मनाती हैं।
6. इस दिन व्रत के साथ-साथ शाम को व्रत की कथा सुनी जाती है। कथा के समापन पर महिलाएं मां गौरी से पति की लंबी उम्र की कामना करती है। इसके बाद घर में उत्सव मनाया जाता है और भजन व लोक नृत्य किए जाते हैं।
7. इस दिन महिलाएं पूरा दिन बिना भोजन-जल के दिन व्यतीत करती हैं तथा दूसरे दिन सुबह स्नान और पूजा के बाद व्रत पूरा करके भोजन ग्रहण करती हैं।
8. इस दिन स्त्रियों के मायके से श्रृंगार का सामान और मिठाइयां उनके ससुराल भेजी जाती है।
9. इस दिन हरे वस्त्र धारण करना, हरी चुनरी, हरा लहरिया, हरा श्रृंगार, मेहंदी लगाना, झूला-झूलने का भी रिवाज है। जगह-जगह झूले पड़ते हैं।
10. इस त्योहार में स्त्रियां हरी लहरिया न हो तो लाल, गुलाबी चुनरी में भी सजती हैं, गीत गाती हैं, मेंहदी लगाती हैं, श्रृंगार करती हैं, नाचती हैं।
11. हरियाली तीज के दिन अनेक स्थानों पर मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है।
हरियाली तीज के उपाय : Hariyali Teej Upay
1. हरियाली तीज पर जोड़े से (पति-पत्नी दोनों एकसाथ) भगवान शिव जी पूजा करें।
2. हरियाली तीज के दिन शिव जी को सफेद और माता पार्वती को लाल रंग के पुष्प अर्पित करें।
3. हरियाली तीज के दिन माता पार्वती को खीर का भोग अर्पित करें।
4. शादी योग्य जातक शीघ्र विवाह के लिए माता पार्वती की चरणों में 11 गांठ हल्दी की चढ़ाएं। ध्यान रहें कि शिव जी को हल्दी नहीं चढ़ती है।
5. अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना करते हुए पार्वती माता को सोलह श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।
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