JALORE NEWS योग साधना साधु जीवन की अनिवार्य क्रिया: जैनाचार्य
![]() |
Yoga-meditation-is-an-essential-activity-of-a-monk-s-life-Jainacharya |
JALORE NEWS योग साधना साधु जीवन की अनिवार्य क्रिया: जैनाचार्य
जालौर ( 6 अगस्त 2023 ) JALORE NEWS श्री नंदीश्वर द्वीप जैन तीर्थ में चम्पालाल भंडारी परिवार की ओर से आयोजित आध्यात्मिक चातुर्मास के अंतर्गत रविवार को धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री विजय हार्दिक रत्न सुरिश्वर महाराज जैन मुनि के योग साधना की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि ज्ञान किसी भी साधक को पूर्ण बनाता है।
आध्यात्मिक चातुर्मास के मीडिया प्रभारी हीराचंद भंडारी ने बताया कि आचार्य श्री ने कहा कि गुरु हमें आगम का अध्ययन करवाते हैं। ज्ञान के सागर की यात्रा करवाते हैं। ज्ञान अध्ययन करने से पूर्व ज्ञान की साधना और उपासना करनी होती है। बिना गुरु कृपा के ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती। जिस तरह उपधान तप की साधना से हमें नवकार मंत्र प्राप्त होता है ठीक उसी तरह से किसी भी आगम के अध्ययन से पूर्व योग साधना आवश्यक होती है। बिना ज्ञानाचार पाले एवं उपधान- तप के बिना आगम का अध्ययन करने से अतिचार लगता है और ज्ञानाचार का उल्लंघन होता है। योग साधना पूर्ण करने के बाद ही हम विधिवत रूप से किसी भी आगम का अध्ययन कर सकते हैं। योग साधना साधु जीवन की एक सामान्य क्रिया है।
धर्म सभा को मुनिराज श्री ज्ञान कलश विजय ने भी संबोधित किया। उन्होंने सद्गुरु की महत्ता बताते हुए कहा कि जिन शासन की सुविहित परंपरा को चलाने वाले सद्गुरु होते हैं। आचार्य भगवंत पर संपूर्ण श्री संघ को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी होती है। गुरु हमेशा अपने शिष्य को काबिल एवं योग्य बनाने की सोचते हैं। उनके प्रति सिर्फ ममत्व और अनुराग नहीं पालते धर्मसभा में सुरजमल पारख,अरविन्द भण्डारी , हनुमान लाईट, पारसमल सोलंकी, वंसन्त सेठ, देवेन्द्र कोठारी, जवेरीलाल बोहरा, पवन सोलंकी इत्यादि सैकड़ों श्रावक व श्राविकाएँ मौजूद थे।
JALORE NEWS
खबर और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करें
एक टिप्पणी भेजें