BHINMAL NEWS क्षमा याचना के साथ मनाया गया संवत्सरी पर्व
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बारसा सूत्र का किया वाचन, तपस्वियों का पारणा होगा आज -Barsa Sutra recited, ascetics will be blessed today
पत्रकार माणकमल भंडारी भीनमाल
भीनमाल ( 19 सितम्बर 2023 ) BHINMAL NEWS स्थानीय महावीर स्वामी जैन धर्मशाला प्रांगण में चल रहे चातुर्मास के दौरान पर्वाधिराज पर्युषण के अन्तिम आठवें दिन मंगलवार को क्षमा याचना के साथ संवत्सरी पर्व मनाया गया ।
जैन समाज के वरिष्ठ मुनिराज हितेशविजय म.सा. ने अपने नियमित प्रवचन में मंगलवार को बारसा सूत्र का श्रवण करते हुए चौबीस तीर्थकरों के जीवनी का विस्तार से उल्लेख किया । धर्मशाला प्रांगण में मंगलवार को प्रातः बारसा सूत्र व्यौहराने के लाभार्थियों ने सर्व प्रथम जैन मुनि को बारसा सूत्र व्यौहराया तथा पूजा के लाभार्थियों ने पूजा करने का लाभ लिया। बारसा सूत्र के वांचन के दौरान दर्शन कराने के लाभार्थी परिवार ने सकल संघ को दर्शन कराने का लाभ लिया ।
चातुर्मास समिति के प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी माणकमल भण्डारी ने बताया कि जैन समाज के पुरूषों ने स्थानीय महावीर स्वामी जैन मंदिर प्रांगण में स्थित धर्मशाला में जैन मुनि तथा महिलाओं एवं बालिकाओं ने साध्वी की निश्रा में सांवत्सरिक प्रतिक्रमण किया। प्रतिक्रमण के पश्चात लोगों ने एक-दूसरे के घर जाकर क्षमा याचना की। पर्युषण पर्व के दौरान सभी तपस्या करने वाले आराधकों का भव्य बहुमान भी किया गया । उन सभी तपस्वियों का पारणा बुधवार को होगा ।
जैन धर्मावलम्बी क्षमा याचना को विशेष महत्व देते है तथा संवत्सरी प्रतिक्रमण करते समय सभी प्राणियों से क्षमा मांगते है। क्षमा मांगना तथा क्षमा करना दोनों साहस के काम है। क्षमा अर्थात् माफ करना अथवा सहन करना । अपनी भूल के लिए क्षमा मांगना तथा औरों की भूल के लिए क्षमा करना। इस दोनों का सम्मिलित रूप है - क्षमा याचना । भूल होने पर उसी समय क्षमा मांगना उचित है, परन्तु यदि किसी कारण वश उसी समय क्षमा नहीं मांगी जा सके, तो पाक्षिक अर्थात् पन्द्रह दिनों में, अथवा चातुर्मासिक अर्थात चार महिनों में या फिर सांवत्सरिक पर्व पर अर्थात बारह महीनों में एक बार सभी भूलों के लिए क्षमा अवश्य मांग लेनी चाहिए। क्षमा याचना करने से मन हल्का हो जाता है।
JALORE NEWS
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