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चातुर्मास के मीडिया संयोजक हीराचंद भंडारी के मुताबिक शाश्वत नवपद जी हो
ओली के दूसरे दिन श्रीपाल -मयणा सुंदरी की कथा सुनाते हुए आचार्य श्री ने कहा कि पुण्य का बड़ा प्रभाव होता है। पुण्य के प्रभाव से हमें यह जगत मिला। हमें जो कुछ भी अनुकूल परिस्थितियां मिली हैं। वह सब पुण्य का प्रतिफल फल है। मयणा सुंदरी अपने पिता से यही बात कहती है की उसे पुण्य की प्रभाव से ही यह जन्म मिला है। बिना पुण्य के कुछ भी नहीं हो सकता। इसलिए हमें सुकृत के माध्यम से और धर्म आराधना के माध्यम से पुण्य का अर्जन करना चाहिए।धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिराज श्री आनंद मंगल विजय जी ने कहा कि गृहस्थ कार्यों में पारंगत करने के लिए प्राचीन काल में भारतीय समाज में स्त्रियों को चौसठ कला में पारंगत किया जाता था। स्त्रियों को घर गृहस्थी के हर कार्य में कुशल बनाया जाता था। सुशील और शिक्षित स्त्री अपने परिवार का कुशलता के साथ संचालन कर पाती है।
JALORE NEWS हमें जो कुछ भी मिला सब पुण्य का फल -आचार्य हार्दिक रत्न
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JALORE NEWS हमें जो कुछ भी मिला सब पुण्य का फल -आचार्य हार्दिक रत्न
जालोर ( 21 अक्टूबर 2023 ) JALORE NEWS श्री नंदिश्वर द्वीप जैन तीर्थ में भंडारी परिवार की ओर से आयोजित आध्यात्मिक चातुर्मास के तहत शुक्रवार को धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य हार्दिक रत्न सुरीश्वर जी ने कहा कि हमें इस जगत में जो कुछ भी हासिल हुआ है।वह पुण्य का प्रतिफल है।
चातुर्मास के मीडिया संयोजक हीराचंद भंडारी के मुताबिक शाश्वत नवपद जी हो
ओली के दूसरे दिन श्रीपाल -मयणा सुंदरी की कथा सुनाते हुए आचार्य श्री ने कहा कि पुण्य का बड़ा प्रभाव होता है। पुण्य के प्रभाव से हमें यह जगत मिला। हमें जो कुछ भी अनुकूल परिस्थितियां मिली हैं। वह सब पुण्य का प्रतिफल फल है। मयणा सुंदरी अपने पिता से यही बात कहती है की उसे पुण्य की प्रभाव से ही यह जन्म मिला है। बिना पुण्य के कुछ भी नहीं हो सकता। इसलिए हमें सुकृत के माध्यम से और धर्म आराधना के माध्यम से पुण्य का अर्जन करना चाहिए।धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिराज श्री आनंद मंगल विजय जी ने कहा कि गृहस्थ कार्यों में पारंगत करने के लिए प्राचीन काल में भारतीय समाज में स्त्रियों को चौसठ कला में पारंगत किया जाता था। स्त्रियों को घर गृहस्थी के हर कार्य में कुशल बनाया जाता था। सुशील और शिक्षित स्त्री अपने परिवार का कुशलता के साथ संचालन कर पाती है।
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