JALORE NEWS जीवन में भावों की महत्ता सर्वाधिक: गणिवर्य
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JALORE NEWS जीवन में भावों की महत्ता सर्वाधिक: गणिवर्य
जालोर ( 1 नवम्बर 2023 ) JALORE NEWS श्री नंदिश्वर द्वीप जैन तीर्थ में चंपालाल भंडारी परिवार की ओर से आयोजित आध्यात्मिक चातुर्मास में बुधवार को धर्म सभा को संबोधित करते हुए गणिवर्य श्री ज्ञान रत्न विजय जी ने कहा कि हमारे जीवन में भावों की महत्ता अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
चातुर्मास के मीडिया संयोजक हीराचंद भंडारी ने बताया कि गणिवर्य श्री ने कहा कि हमें हर धर्म आराधना और क्रिया करते समय भावों की शुद्धता का पूरा-पूरा ध्यान रखना चाहिए। हमारे भाव पूर्ण रूपेण शुद्ध और पावन हो। हमारे भाव क्रिया के माध्यम से परिलक्षित होते हैं। केवल्य ज्ञान और मोक्ष के बारे में शास्त्रों में अनेक ऐसे उदाहरण प्राप्त होते हैं जिनकी सामान्य रूप से हम कल्पना भी नहीं कर सकते। हमारे दैनिक क्रियाकलापों में भी भावों की महत्ता और अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है। एक बिल्ली अपने बच्चों को और चूहे दोनों को मुंह से पड़ती है परंतु दोनों को पकड़ने में भावों का बड़ा अंतर है। एक व्यक्ति जो जीव दया के लिए पक्षियों को दाना- पानी डालता है और एक शिकारी भी उन्हें पकड़ने के लिए दाना -पानी डालता है परंतु दोनों की भावनाओं में बड़ा अंतर देखने को मिलता है। इससे यह साबित होता है कि हमारे भाव हमारी क्रियाओं को निर्धारित करते है। हमारे भाव हमारी गति और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिराज श्री आनंद मंगल विजय जी ने कहा कि हमें प्रभु महावीर की वाणी पर अटूट श्रद्धा और विश्वास रखते हुए अपने जीवन में धर्म आराधना करनी चाहिए। स्वाध्याय हमारे जीवन में अनेक परिवर्तन और बदलाव लाता है। नियमित रूप से धार्मिक ग्रंथो और किताबों का स्वाध्याय करना चाहिए। स्वाध्याय हमें एक अच्छा नागरिक बनाने में मददगार साबित होता है।
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