विश्व के पहले ॐ आकार मंदिर की हुई प्राण-प्रतिष्ठा, निर्माण में लगे 30 साल, जानें मंदिर से जुड़ी खास बातें - JALORE NEWS
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दुनिया के पहले ओम आकार मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की गई, इसे बनने में 30 साल लगे। |
विश्व के पहले ॐ आकार मंदिर की हुई प्राण-प्रतिष्ठा, निर्माण में लगे 30 साल, जानें मंदिर से जुड़ी खास बातें - JALORE NEWS
पाली (19 फरवरी 2024) ओम मंदिर उद्घाटन: राजस्थान के पाली जिलों में दुनिया का पहला ओम की चोटी वाला शिव मंदिर बनकर तैयार हो गया है, प्राण-प्रतिष्ठा आज सीएम भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में हुई। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद लोगों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि मैं यहां गौरव महसूस कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि यह विश्व का पहला ओंकार शिखर का मंदिर है, जिसे प्रदेशवासियों के सहयोग से राजस्थान में निर्मित होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने इस मंदिर में हजारों भक्तों के योगदान की सराहना की और उन्हें समर्पित किया।
सीएम ने कहा कि आज अगर भारत विश्व गुरु है तो इसका श्रेय हमारे गुरु को जाता है। पिछले दस वर्षों में देश की संस्कृति और विरासत को फिल्म से पुनरुज्जीवित करने का प्रयास किया गया है।
सीएम ने अयोध्या के राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि देशवासियों का पुराना सपना अगर पूरा हो गया है तो इसमें मोदी का योगदान अहम है। उन्होंने सनातन धर्म परंपरा को न केवल देश में जीवित करने में अहम भूमिका निभाई बल्कि पूरी दुनिया में पहचान बनाने और निखारने का काम किया।
उन्होंने कहा कि हमारे देश ने एक ऐसा दौर भी देखा जब हमारी संस्कृति और विरासत को नष्ट और नष्ट कर दिया गया। हमारी सरकार ने इसे पुन: स्थापित करने का काम किया है। सीएम ने पिछले दिनों जल-बंटवारा समझौते का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि हमारी सरकार ने जल-समझौता विवाद को हल कर दिया है, जिससे प्रदेश के बड़े हिस्सों में पानी की समस्या पैदा हो गई है।
सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेशवासियों से जो वादे किये थे, वे सभी पूरे होंगे। उन्होंने आगे कहा कि एक-एक कर आपके विश्वास को पूरा करेंगे।
मंदिर की खास बातें
मान्यता है कि साल 1995 से पहले ॐ आकार के योग मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था। ॐ आकार का 4 शिव मंदिर करीब 250 एकड़ में बनाया गया है। इस मंदिर में कुल 108 स्तंभ हैं। शिव नाम की 1008 प्रतिमाएं और 108 कक्ष बनाए गए हैं।
ओम-मंदिर-उद्घाटन
शिव मंदिर के साथ ही यहां हैं 7 ऋषियों की भी समाधि। 135 फीट ऊंचे मंदिर का शिखर सबसे ऊपर वाले हिस्से में स्थापित है और इस पर ब्रह्मांड की चोटी उकेरी गई है। इस मंदिर के निर्माण का सपना श्री अलखपुरी सिद्धपीठ परंपरा के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महेश्वरानंद महाराज ने देखा था।
धौलपुर के बंसी पर्वत मंदिर को बनाने में लाल पत्थर का प्रयोग किया गया है। आज 19 फरवरी को इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई है।
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