भांडवपुर तीर्थ में ऐतिहासिक भव्यताभव्य प्रतिष्ठा पुरातात्विक स्थल - BHINMAL NEWSभांडवपुर तीर्थ में ऐतिहासिक भव्यताभव्य प्रतिष्ठा पुरातात्विक स्थल - BHINMAL NEWS
महातीर्थ में लहराया आस्था-भक्ति-समर्पण का सागर |
महातीर्थ में आस्था, श्रद्धा और दान का सागर उछालिया - महातीर्थ में आस्था, भक्ति और समर्पण का सागर लहराया।
पत्रकार माणकमल भंडारी भीनमाल
भीनमाल (19 फरवरी 2024) भीनमाल न्यूज भांडवपुर महातीर्थ में तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठाोत्सव का आयोजन सोमवार को हुआ।
मिडिया के प्रमुख मोहम्मद प्रियदर्शन ने बताया कि पन्द्रहवें दिन भगवान भास्कर की प्रथम किरण के साथ ही महावीर 52 जिनालय, वर्धमान-राजेन्द्र जैन मंदिर, शाश्वत जिन चैत्य, गणधर-पूर्वाचार्य मंदिर, राजेंद्रसूरी मंदिर, पुण्य-सम्राट जयन्तसेनसूरि समाधि मंदिर, शांतिविजय समाधि मंदिर आदि 105 बिंबों की प्रतिष्ठा निमित्त तीर्थ तीर्थ क्षेत्र में गुरुभक्तों का अथाह समंदर डूबने लगा। तीर्थ निमित्त शुभ महोत्सव में प्रभु एवं गुरु प्रतिष्ठा के साथ शिखर पर ध्वजा, दंड, कलश स्थापना आदि के अनुष्ठान ने अपने परिवार के साथ विधि विधान से कार्य किया।
महातीर्थ में डूबा आस्था-भक्ति-समर्पण का सागर।
गच्छाधिपति नित्यसेनसूरि एवं आचार्य जयरत्नसूरि महाराज की निश्रा में अन्तर्राष्ट्रीय विधिकारक सत्यविजय हरण के मंत्रोच्चार के साथ प्रतिष्ठा की विधि करायी गयी। जैसे ही प्रतिष्ठा की शुभघड़ी आई तो डंका बजाते ही साजन ने एक साथ प्रतिष्ठा की स्थापना की तो तीर्थ क्षेत्र में हजारों गुरुभक्तों ने वीर प्रभु एवं गुरुओं का जयघोष करते हुए वातावरण को गुंजायमान करते हुए ढोल की थाप पर नृत्य करने लगे। विभिन्न नृत्य मंडलियों को आकर्षित कर रही थी तो पंजाब बंद समधुर लहरियों के साथ अपनी प्रस्तुति भी दिखा रही थी। तीर्थ का दृश्य अलौकिक एवं अवर्णनीय हो गया।
भव्य प्रतिष्ठा के पुरोहित क्षत्रियकुंड नागरी में धर्मसभा का आयोजन हुआ। गच्छाधिपति नित्यसेनसूरी महाराज ने मंगलाचरण करते हुए कहा कि समाज के लोग तब तक संगठन नहीं बनाएंगे जब तक आप सफल नहीं हो जाएंगे। हम दोनों पट्टधरद्वय मिलकर ही सब काम करेंगे। आज भाण्डवपुर की स्मृति भारत ही नहीं देश-विदेश में भी इसकी गौरवगाथा कह रही है। हम दोनों का नाम था लेकिन पुण्य-सम्राट के पायलट, कार्यदक्ष मुनिराज आनंद विजय ने पूरी प्रतिष्ठा में अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए सभी कार्य मंडलियां बनाईं, जिससे यह प्रतिष्ठा सानंद जारी हुई, इसका नाम अंकित है।
खरतरगच्छीय आचार्य मनोज्ञसागर महाराज ने कहा है कि मैं जयरत्नसूरि के अतुल प्रेम और अतुल आत्मीयता के कारण इस प्रतिष्ठा में आने का योग बना सकता हूं। आपकी कड़ी मेहनत एवं पुरुषार्थ के कारण ही इस तीर्थ की यात्रा देखकर मेरा मन गदगद हो गया। प्रतिष्ठा की जाहोजलाली को देखकर मैं एवं आचार्य जिनमणिप्रभसागर के साथ समस्त कर्तारगच्छ की ओर से दिव्य आचार्यों को बधाई देता हूं। इस तीर्थ का जो दिव्य रूप प्रदान किया गया है उसमें आचार्य श्री की संयम साधना एवं शांति विजय का समावेश है जो बीज को सिंचित कर देता है।
भाण्डवपुर तीर्थराज आचार्य जयरत्नसूरि महाराज ने कहा है कि आप सभी के पुण्य से यह कार्य निर्विघ्न हुआ है, हाँ देना नहीं है। मेरी अब यही भावना है कि त्रिस्तुतिक संघ समुदाय के प्रत्येक साधु-साध्वी को पढ़ने योग्य बनावें। मेरी एक दृष्टि में पुण्य-सम्राट दूसरी बार योगीराज हैं और उनके सहयोग से ही यह कार्य सफल हुआ तो मेरा जीवन धन्य हो गया। त्रिस्तिक गच्छ के सभी आचार्य हम दोनों के कार्य में साथ हैं।
धर्मबृहत्तपोगच्छीय त्रिस्तुतिक सौ जैन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वाघजी भाई वोहरा ने पट्टधरद्वय को भांडवपुर चातुर्मास करने की ओर से कहा कि जैन जगत के इतिहास में भांडवपुर महातीर्थ का एक स्वर्णिम पृष्ठ आज अंकित हुआ है। हमें जो असम्भव कार्य दिख रहा था वह शिक्षक ने संभावित कर दिखाया। हमारा सौभाग्य है कि जयरत्नसूरि दीर्घदृष्टि वाले गुरु की छत्रछाया हम सबके ऊपर है क्योंकि जंगल में मंगल करने का कार्य ऐसे ही गुरु कर सकते हैं। यह प्रतिष्ठा अकथानीय और अकल्पनीय हुई है।
प्रतिष्ठाोत्सव में आज नाहर चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी सुखराज नाहर, मूलचंद छाजेड़, नाकोड़ा जैन तीर्थ के अध्यक्ष राकेश मुथा, आदिनाथ-राजेंद्र जैन ट्रस्ट-मोहन संप्रदाय के ट्रस्टी पृथ्वीराज कोठारी, सुजानमल सेठ, नवकार 68 जिनालय के ट्रस्टी बाबूलाल, जूना तीर्थ के ट्रस्टी बसंतीदेवी किशोरमल खिमावत, पवनीदेवी लंकाड-72 जिनालय भीनमाल, मूलचंद चौधरी, सिद्धार्थ कश्यप, जीवदया प्रेमी पॉलिकेब इंडिया लिमिटेड के सीएमडी इंद्रभाई जयसिंघानी, उद्योगपति अशोक बागला, रंजीत लाला आदि अनेक मुखर्जी पधारे।
दो मुमुक्षु दिवस 3 मई को
गच्छाधिपति ने मुमुक्षु यक्ष संजयभाई बल्लू-थराद-सूरत एवं मुमुक्षु भरतभाई शेठ-थराद-अहमदाबाद को दीक्षा का मंत्र प्रदान किया। दोनों मुमुक्षु महोत्सव 3 मई को शंखेश्वर महातीर्थ में होंगे।
महावीर जैन श्वेताम्बर पेढ़ी (ट्रस्ट), श्री वर्धमान-राजेन्द्र जैन भाग्योदय ट्रस्ट (संघ), तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के द्वारा सम्पादित प्रतिष्ठा महोत्सव में अनेक प्रशासननिक, सामाजिक मान्यता प्राप्त मेमोरियल का भी आगमन हुआ।
प्रतिष्ठा के अंतिम दिन शाही करबा विजुदेवी भंवरलाल बालगोटा-मेंगलवा की ओर से एवं फले चुंदड़ी संघवी कुन्दनमल गादुराम बालगोटा-मेंगलवा की ओर से गए।
दो में शांतिस्नात्र महापूजन संघवी सीतादेवी मांगडीलाल रिखबचंद कबाड़ी-सायला की ओर से अध्ययन किया गया।
कार्यक्रम में अतिथि परिवार की ओर से प्रभावना हस्तीमल भबुतमल पालगोटा-चौहान-सुराणा की ओर से, परमात्मा एवं गुरु प्रतिमाओं की नयनाभिराम अंगना सागरमल पीरचंद बाफना-पांथेड़ की ओर से प्रभु भक्ति एवं प्रकाश रमेशकुमार दर्गचंद विसाणी-पोषाणा की ओर से हुई। प्रतिष्ठाोत्सव में एकमे आईटी सोलेशन जोधपुर द्वारा इंटर नेशनल मेनेजमेंट किया गया।
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