CAA पूरे देश में लागू, गृह मंत्रालय ने आज जारी किया नोटिफिकेशन, जानिए इसके तहत किसे मिलेगी नागरिकता
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CAA पूरे देश में लागू, गृह मंत्रालय ने आज जारी किया नोटिफिकेशन, जानिए इसके तहत किसे मिलेगी नागरिकता
दिल्ली ( 11 मार्च 2024 ) Home Ministry on CAA : देश में आज से नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA लागू हो गया है। गृह मंत्रालय की ओर से CAA को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 कहे जाने वाले ये नियम CAA-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे। आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे जिसके लिए एक वेब पोर्टल प्रदान किया गया है।
किसे मिलेगी नागरिकता
अब अधिसूचना जारी होने के बाद, सरकार गैर-मुस्लिम प्रवासियों - बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से - जो 2015 से पहले भारत आए थे, को नागरिकता दे सकती है।
11 दिसंबर, 2019 को संसद से पारित कानून का पूरे भारत में विरोध हुआ था। सीएए के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। नागरिकता संशोधन कानून भाजपा के 2019 घोषणापत्र का एक अभिन्न अंग था। इससे उत्पीड़ित लोगों के लिए भारत में नागरिकता पाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
पूर्वोत्तर में इन जगहों पर लागू नहीं होगा सीएए
असम, मेघालय समेत कई राज्यों में लोग सड़कों पर उतर आए. बाद सरकार ने कानून लागू करते वक्त ऐलान किया कि मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर के कुछ क्षेत्रों में कानून लागू नहीं होगा.
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) में 'इनर लाइन प्रणाली' सहित कुछ अन्य श्रेणियों में छूट प्रदान की गई है. संविधान की 6वीं अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, मिज़ोरम और त्रिपुरा के जनजातीय क्षेत्रों तथा इनर लाइन परमिट (ILP) प्रणाली के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा.
विपक्ष की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी करने पर शिवसेना(UBT) सांसद संजय राउत ने कहा कि ये उनका(भाजपा) आखिरी खेल चल रहा है। चलने दो, लागू होने दो... वे लोग ये खेल करते रहते हैं... जब तक चुनाव है तब तक वे CAA-CAA खेलेंगे, खेलने दो।
दिसंबर 2019 में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच संसद द्वारा मंजूरी दे दी गई, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए, और विपक्षी राजनेताओं और गैर-भाजपा राज्यों के उग्र प्रतिरोध के बीच।
गृह मंत्रालय की ओर से CAA को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने 27 दिसंबर को कहा था कि CAA क्रियान्वयन को कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि यह देश का कानून है। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार और खास कर भाजपा के लिए यह एक बड़ा दम हो सकता है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में संसद से CAA का कानून पारित होने के बाद पूर्वोत्तर सहित देश के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ था। हालांकि गृहमंत्री अमित शाह साफ कर चुके हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले CAA लागू होगा।
6 साल में दी जाएगी नागरिकता
इन शरणार्थियों को 6 वर्ष के भीतर भारतीय नागरिकता दी जाएगी. संशोधन के जरिए इन शरणार्थियों के देशीकरण के लिए निवास की जरूरत को 11 साल से घटाकर पांच साल कर दिया गया. सबसे बड़ी बात CAA... किसी की नागरिकता छीनने वाला कानून नहीं है...बल्कि ये नागरिकता देने वाला कानून है.
पहली बार कब आया बिल?
मोदी सरकार सबसे पहली बार 2016 में लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल लेकर आई थी. वहां से ये पास हो गया. मगर राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण अटक गया. फिर इसको संसदीय समिति के पास भेजा गया. तब तक 2019 के लोकसभा चुनाव आ गए. पहले से भी ज्यादा प्रचंड बहुमत से मोदी सरकार सत्ता में लौटी. दिसंबर 2019 में इसे दोबारा लोकसभा में पेश किया गया. वहां से पास होने के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया. 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति ने भी इस पर मुहर लगा दी. लेकिन इसके बाद देश कोरोना महामारी में जकड़ गया.
कैसे करना होगा आवेदन?
सरकार ने CAA को लागू करने के लिए पोर्टल तैयार कर लिया है.
नागरिकता के लिए आवेदन करने और नागरिकता देने की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी.
आवेदन करने वालों को वो साल बताना होगा जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था.
सूत्रों के अनुसार, आवेदन करने वालों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा.
गृह मंत्रालय आवेदन की जांच कर नागरिकता जारी कर देगा.
CAA पर विवाद क्यों?
विपक्षी दल और कुछ मुस्लिम संगठन इस कानून के विरोध में हैं. उनका आरोप है कि मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है साथ ही ये संविधान के अनुच्छेद-14 और समानता के अधिकार का उल्लंघन है. 3 देशों के मुस्लिमों को भी नागरिकता की मांग की जा रही है.
अब तक कैसे मिलती रही नागरिकता?
कानून कहता है कि अगर किसी को नागरिकता चाहिए तो कम से कम 11 बरस तक भारत में रहना जरूरी है. लेकिन नए कानून में तीन देशों से आए गैर-मुस्लिमों को 11 नहीं बल्कि 6 साल के भीतर ही नागरिकता दे दी जाएगी. जबकि दूसरे देशों से आए लोगों को भारत में 11 साल का समय पूरा करना होगा, फिर वह चाहें किसी भी धर्म या समुदाय के हों.
इस कानून से लागू होने के बाद क्या होगा?
मोदी सरकार का कहना है कि इस कानून का मकसद पुनर्वास और नागरिकता से जुड़ी कानूनी रुकावटों को दूर करना है. जो गैर-मुस्लिम दशकों से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक प्रताड़ना झेल रहे हैं, उनको सम्मानजनक जीवन देना.
सरकार ने कहा कि नागरिकता अधिकार से उनकी भाषिक, सांस्कृतिक और समाजिक पहचान की रक्षा होगी. साथ ही व्यवसायिक, आर्थिक, फ्री मूवमेंट, संपत्ति खरीदने जैसे अधिकार सुनिश्चित होंगे.
क्या किसी की नागरिकता जाएगी?
सरकार ने जो नोटिफिकेशन जारी किया है, उसके मुताबिक, CAA नागरिकता देने का कानून है. इससे किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी, भले ही वो किसी भी धर्म का हो. यह सिर्फ उन लोगों के लिए है, उनको बरसों तक उत्पीड़न सहना पड़ा और उनके पास भारत के अलावा दुनिया में और कोई जगह नहीं है.
सरकार ने कहा, भारत का संविधान हमें यह अधिकार देता है कि मानवतावादी दृष्टिकोण से धार्मिक शरणार्थियों को मूलभूल अधिकार मिले और ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता दी जा सके.
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