पूरनसिंह काबावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र - JALORE NEWS
पूरनसिंह काबावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र |
पूर्णसिंह काबावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र - JALORE NEWS
जालोर/आकोली (9 मार्च 2024) देश व राज्य कि स्कूल के कक्षाओ की पाठ्य पुस्तक मे सम्राट वीर विक्रमादित्य सहित अन्य महापुरुषों के इतिहास को सामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गांव के युवा पूरनसिंह काबावत ने पिछले दिनों 10 अंक से पत्र लिखा था आपकी सरकार के सपने से मैं ही नहीं जानता हमारे राजस्थान की जनता सहित पूरे देश की जनता बहुत खुश और गदगद है हम सब आपके कायल हैं आपकी सरकार के सपने से मेरे देश ने बहुत सारी यादें रखी हैं और विदेश में देश का नाम रोशन हुआ है 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी आपकी पार्टी 400 सौ पार होगी ये मेरा पूरा विश्वास है
आगे काबावत ने बताया कि पिछले कई दशकों से गुलामी से ओत्प्रोत सरकार ने भारतीय संस्कृति को नष्ट-भ्रष्ट करने के उद्देश्य से देश के महापुरुषों के गौरवपूर्ण इतिहास को अंतिम रूप देने के लिए देशम राज्य के स्कूलों की विभिन्न कक्षाओं के इतिहास के इतिहास में सम्राट वीर विक्रमादित्य, भोजराजा भरतहरि, जगदेव परमार, प्रताप, झासी की महारानी लक्ष्मीबाई, मीरा बाई तात्या टोपे, सरदार भगतसिंह, मंगल पांडे ,सहित कई महापुरुषों के इतिहास को पाठ्य पुस्तक से हटा दिया गया जबकी इन महापुरुषों के वास्तविक प्रयास से देश की संस्कृति और देश को आक्रामकताओ से बचाया गया लेकिन सरकार ने गलत सोच की भावना प्रकट की
भचिड बोला देंगे और चुनाव को लेकर क्या बोलें सुना - JALORE NEWS https://youtu.be/VhwAadq9Cyk?feature=shared
ऐसी ही अनेक खबर देखने और सुनने के लिए जालोर न्यूज़ को ज्यादा से ज्यादा लाइक शेयर कमेन्ट ओर शेयर जरुर करें धन्यवाद
गलत उद्देश्य से देश में यौन शिक्षा को बढ़ावा दिया गया, जिस देश की संस्कृति पर बड़ा प्रभाव पड़ा, यानी जिस देश की संस्कृति का विनाश-भ्रष्ट हो गया, वहां गुरुजनों का सम्मान, छोटे बच्चों का सम्मान, सत्य असत्य का भान सही गलत रास्ते का ध्यान आदी का कोई भान नहीं रहता से देश में कई अनहोनी घटना ऐ घाट रही है। किसी ने भारतीय संस्कृति का पाठ नहीं देश की जनता के लिए कहा उन महापुरुषों ने जनता का हित सर्वोपरि समझ कर देश की रक्षा के लिए निष्ठा आक्रांताओ से लेते हुए लोहा सिर कटाने के युद्ध के बाद भी ऐसी घटनाएं होना बहुत महत्वपूर्ण है,
ऐसी अनहोनी घटना भारत के अलावा अन्य देशों में भी नहीं है, यही रूम नहीं है कि रक्षा के लिए हजारों क्षत्रियों ने अग्नि में समा जाना या फिर बहुत बड़ी बात कही, काबावत ने प्रधानमंत्री जी को जोर डेक से कहा था कि सम्राट वीर विक्रमादित्य परमार के इतिहास का इतिहास स्कूल की पाठ्य पुस्तक सामिल जा में कहा गया है कि सम्राट वीर विक्रमादित्य परमार थे, उनके न्याय प्रिय सम्राट थे, तब तक कहा गया था कि एक देवता ने सम्राट वीर विक्रमादित्य को अपना बना लिया था। भी न्याय करने का प्रस्ताव रखा गया था और उन्होंने देवताओ का न्याय किया था
ऐसे वीर विक्रमादित्य का इतिहास जब उनके द्वारा जनता के जन-जन के बच्चों के अवशेषों को पढ़ाकर बच्चे को भी उनके गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया होगे और उनके आदर्श गुणों को अपनाकर बच्चे बड़े संस्कारी होगे एवम अच्छी शिक्षा एवं ग्रहण करके अपने माता-पिता के गांव देश का नाम रोशन जरूर करें। अत: हमें आप से आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप ऐसे महापुरुषों के इतिहास को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल कर बच्चों को संस्कारी बनाने में बड़ी भूमिका जरूर निभाएंगे।
JALORE NEWS
खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करें
एक टिप्पणी भेजें