Paper Leak Case : दो सितारों के फेर में किसी ने कांस्टेबल तो किसी ने सेना की नौकरी छोड़ी, अब थानेदारी से धोना पड़ेगा हाथ - JALORE NEWS
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Paper Leak Case : दो सितारों के फेर में किसी ने कांस्टेबल तो किसी ने सेना की नौकरी छोड़ी, अब थानेदारी से धोना पड़ेगा हाथ - JALORE NEWS
जयपुर/ जालोर ( 9 मार्च 2024 ) SI Paper Leak Case : कंधे पर दो सितारों (उपनिरीक्षक) वाली नौकरी के लिए किसी ने कांस्टेबल की नौकरी छोड़़ी तो किसी ने बीएसएफ की। एक नौकरी छोड़ कर उपनिरीक्षक पद पर जॉइन करने के बाद उजागर हुए पेपर लीक प्रकरण से इन आरोपियों की दूसरी नौकरी भी खतरे में पड़ गई। मामले की पड़ताल कर रही एसओजी से रिपोर्ट आते ही इनको बर्खास्त किया जाएगा। पेपर लीक गिरोह की मदद से परीक्षा पास करने वाले आरोपियों में सबसे ऊपर है नरेश कुमार। नरेश ने उपनिरीक्षक परीक्षा में टॉप किया था। नरेश राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विध्यालय मंडोली जालोर में यूडीसी था।
इसी तरह मैरिट में 199 नम्बर पर आया श्रवण कुमार पहले से ही पुलिस महकमे में नौकरी पा चुका था। वह वर्ष 2013 में पुलिस कांस्टेबल बना। उसकी पोस्टिंग बाड़मेर में थी। लेकिन, कांस्टेबल पद से त्याग पत्र देने के बाद उसने गत वर्ष ही पेपर लीक गिरोह की मदद से उपनिरीक्षक परीक्षा पास की। इसी तरह उपनिरीक्षक बैच की मैरिट में 298 नम्बर पर आई भगवती विश्नोई वर्ष 2015 में पुलिस कांस्टेबल बनी थी। उसकी पोस्टिंग जालोर में थी। मैरिट में 72 नम्बर वाली प्रेमसुखी सांख्यिकी विभाग में संगणक थी। उसकी पोस्टिंग वर्ष 2022 में ही नागौर जिला परिषद में हुई थी।
दो थानेदारों ने छोड़ी सेना की नौकरी
पेपर लीक गिरोह के फरार आरोपी यूनिक भांभू का भाई विवेक भांभू मैरिट में 24 नम्बर है। वह इससे पहले बीसएएफ में पदस्थापित था। लीक किए गए पेपर की मदद से वह थानेदार बना था। इसी तरह मैरिट में 385 नम्बर लाने वाला रोहिताश्व भारतीय सेना में रहा है।
एक मनोहर की तलाश में तीन मनोहर से हुई पूछताछ
पेपर लीक गिरोह के जगदीश विश्नोई और अन्य आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि उन्होंने मनोहर नाम के अभ्यर्थी को भी पेपर दिया था। आरपीए पहुंची एसओजी पूछताछ के लिए बैच में शामिल तीन मनोहर नाम के थानेदारों को ले आई। पूछताछ के बाद एसओजी ने 52वीं मैरिट वाले मनोहर लाल को गिरफ्तार कर लिया और अन्य दो मनोहर नाम के थानेदारों को बुधवार रात को आरपीए भेज दिया।
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सवालों के जवाब नहीं दे पा रहे थानेदार, वो साक्षात्कार में कैसे हुए पास? अब RPSC आई संदेह के घेरे में
राजस्थान में उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) में पूछताछ करने में जुटी टीम के कुछ सदस्यों ने नाम उजागर नहीं करने पर बताया कि आरपीएससी में थानेदारों के साक्षात्कार में बड़े स्तर पर घालमेल हुई है। ऐसे युवक-युवती थानेदार बन गए हैं, जिनके पास परीक्षा से पहले पेपर आ गया, लेकिन फिर भी परीक्षा में खुद की जगह डमी अभ्यर्थी से परीक्षा दिलवाई। ऐसे अभ्यर्थियों को अधिक ज्ञान भी नहीं है।
इन परीक्षार्थियों को थानेदार बनने के लिए साक्षात्कार में कैसे पास कर दिया गया। पहले ही पेपर लेकर फिर परीक्षा देने जाने वाले थानेदारों ने भी साक्षात्कार में घालमेल किया है। सरकार विशेष बोर्ड का गठन कर उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में पास होने वाले थानेदारों का फिर से साक्षात्कार लिया जाना चाहिए। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। गत सरकार में आरपीएससी के कई सदस्यों पर पहले भी आरोप लग चुके हैं। लेकिन जांच करने वाली एजेंसी शुरुआत में तो सदस्यों के खिलाफ जांच करना बताती रही और फिर बाद में जांच के नाम पर खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली।
टॉपर को साक्षात्कार में भी रखा टॉप
एसओजी की गिरफ्त में आए थानेदारों में टॉपर नरेश कुमार के साक्षात्कार के नंबरों को देखा जाए तो उसका साक्षात्कार लेने वालों ने वहां भी उसे टॉप पर रखा है। साक्षात्कार में नरेश कुमार बिश्नोई के 50 में से 34 नंबर आए।
हिंदी और सामान्य ज्ञान में कितने नंबर आए, इसकी जानकारी नहीं
एसओजी ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछा कि उनके 200-200 नंबरों के हुए हिंदी व सामान्य ज्ञान परीक्षा में कितने नंबर आए। तीन थानेदारों के अलावा किसी को भी उनके कितने नंबर आए, इसकी जानकारी नहीं थी।
शैक्षणिक योग्यता की हो रही जांच
इस मामले पर राजस्थान एटीएस-एसओजी के एडीजी वीके सिंह का कहना है कि पेपर लीक मामले में भर्ती हुए थानेदारों के संबंध में तो जांच चल रही है। इनकी शैक्षणिक योग्यता की जांच भी की जा रही है।
50 में से 17 नंबर लाने जरूरी, 15 नंबरों का चयन कैसे किया
सूत्रों के मुताबिक उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में लिखित पेपर में पूरे नंबर लाने के बावजूद साक्षात्कार में पास होना जरूरी है। साक्षात्कार में 50 में से 17 नंबर लाने जरूरी हैं। लेकिन गिरफ्तार होने वाले तीन परीक्षार्थी (थानेदार) ऐसे भी हैं, जिनके साक्षात्कार में 15-15 नंबर आए।
अब यह भी सवाल उठ रहा है कि कम से कम 17 नंबर की बाध्यता हटा दी गई थी क्या? जबकि कईयों के 17 से अधिक नंबर आए हैं। आरपीएससी की उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं कि एक दिन में होने वाली भर्ती परीक्षा तीन दिन तक क्यों करवाई। सभी परीक्षार्थियों से एक समान सवाल पूछने की बजाय तीनों दिन अलग-अलग सवाल पूछे गए। एक परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों से अलग-अलग सवालों के पेपर क्यों बनाए गए।
दूसरे राज्यों की डिग्री लगाने वालों की हो जांच
राजस्थान पुलिस के कुछ अधिकारियों का कहना है कि 640 प्रशिक्षु थानेदारों में 50 से अधिक की स्नातक की डिग्री दूसरे राज्यों की होना बताई जा रही है। इन सभी की डिग्री की जांच होनी चाहिए। बाहरी राज्यों में जिस भी विश्वविद्यालय की डिग्री है, वहां पर वो विश्वविद्यालय अस्तित्व में है या नहीं, विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता कितनी है और नियमानुसार डिग्री ली गई है या नहीं। इन सबकी भी जांच होनी चाहिए।
राजस्थान में पेपर लीक के बीच जमकर वायरल हो रहा है इस लड़की का इंटरव्यू, आपका भी चकरा जाएगा दिमाग
SI Viral Mock Interview : राजस्थान में पेपर माफियाओं के खिलाफ भजनलाल सरकार एक्शन मोड में है। उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा- 2021 का पेपर लीक हुआ था। इस मामले में एसओजी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पहली बार ट्रेनिंग ले रहे 15 थानेदारों को हिरासत में लिया है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक मॉक इंटरव्यू तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल दावा किया जा रहा है कि मॉक इंटरव्यू दे रही इस अभ्यर्थी ने एसआई की लिखित परीक्षा पास कर ली है। अब बात इस वीडियो की करते हैं। इस वीडियो में युवती से लिव इन रिलेशन क्या होता है, सवाल पूछा गया। इसके बाद युवती ने जो जवाब दिया, उसे सुनकर सभी की हंसी छूट गई।
इंटरव्यू के दौरान युवती परेशान नजर आ रही थी। इस दौरान उनसे लिवइन रिलेशन के बारे में पूछा गया तो उसने जवाब दिया कि एक लड़का और लड़की आपस में प्रेम करते हैं। लड़का पहले से ही शादीशुदा है और घर पर उसकी पत्नी है। अब लड़का उस लड़की को कुछ दिनों के लिए अगर अपने घर ले जाता है तो उसे लिव इन रिलेशन कहते हैं। इस जवाब को सुनकर इंटरव्यू लेने वाले भी हैरान हो गए। हालांकि ये वीडियो कहां का है, इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।
इतना ही नहीं इंटरव्यू देने वाली युवती अपने ग्रेजुएशन के विषयों का भी सही जवाब नहीं दे पाई। पहले उसने भूगोल, राजनीति और हिंदी को अपना विषय बताया। हालांकि जब उससे हिंदी से जुड़ा सवाल पूछा गया तो इसके जवाब में युवती ने विषय ही बदल दिए और कहा कि सॉरी हिंदी नहीं है। इस बीच राजस्थान में उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) में पूछताछ करने में जुटी टीम के कुछ सदस्यों ने नाम उजागर नहीं करने पर बताया कि आरपीएससी में थानेदारों के साक्षात्कार में बड़े स्तर पर घालमेल हुई है। ऐसे युवक-युवती थानेदार बन गए हैं, जिनके पास परीक्षा से पहले पेपर आ गया, लेकिन फिर भी परीक्षा में खुद की जगह डमी अभ्यर्थी से परीक्षा दिलवाई। ऐसे अभ्यर्थियों को अधिक ज्ञान भी नहीं है।
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