जालोर, जयपुर में दी सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के विरूद्ध दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में 3 ठिकानों पर छापे आवास एवं अन्य ठिकानों पर तलाशी जारी - JALORE NEWS
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जालोर, जयपुर में दी सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के विरूद्ध दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में 3 ठिकानों पर छापे आवास एवं अन्य ठिकानों पर तलाशी जारी - JALORE NEWS
जयपुर ( 16 अप्रेल 2024 ) JALORE NEWS जालोर मुख्यालय रामदेव कॉलोनी सहित आहोर के रोडला गाँव में एसीबी की सयुक्त कार्यवाही। मंगलवार को जयपुर, सिरोही एवं जालोर एसीबी की सयुक्त टीम द्वारा केंद्रीय सहकारी बैंक के पूर्व एमडी के.के.मीणा के घर की कार्यवाही में ऑनलाइन दस्तावेज पेसो के लेनदेन का डेटा भी मिलने की बात कही।
के.के.मीणा,जसराज मीणा एवं कम्प्यूट ऑपरेटर प्रवीण कुमार के विरुद्ध 12 अप्रैल 2024 को एसीबी में दर्ज करवाया था मामला,मामले में लगभग 100 व्यवस्थापकों को नियमितीकरण के एवज में लाखों रुपए एठने का है मामला कार्यवाही ओमप्रकाश चौधरी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी सिरोही सहित अधिकारियों द्वारा कार्यवाही जारी किया है।
चलाया अभियान तीन ठिकाना
ए.सी.बी. मुख्यालय के निर्देश पर आज ए.सी.बी. की विभिन्न टीमों द्वारा जयपुर, जालोर कार्यवाही करते हुये के. के. मीणा तत्कालीन प्रबंध निदेशक दी सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड, जिला जालोर (हाल निलंबित) व अन्य के विरूद्ध दर्ज भ्रष्टाचार के प्रकरण में आरोपियों के जालोर एवं जयपुर में स्थित 3 विभिन्न ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया।
इनका कहना है कि
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक श्री हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने बताया कि ब्यूरो मुख्यालय को एक शिकायत प्राप्त हुई थी कि के.के. मीणा तत्कालीन प्रबंध निदेशक दी सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड, जिला जालौर (हाल निलंबित) द्वारा जसाराम वरिष्ठ प्रबंधक (रिटायर्ड) एवं उनके पुत्र प्रवीण मीणा के मार्फत रिश्वत के रूप में 40 लाख रुपये प्राप्त कर अपने परिचितों के बैंक खातों में ट्रांसफर की है।
शिकायत का सत्यापन किया जाकर भ्रष्टाचार का मामला बनना पाये जाने पर प्रकरण दर्ज कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरोही श्री ओमप्रकाश चौधरी के नेतृत्व में अनुसंधान अधिकारी श्री पदमपाल पुलिस निरीक्षक ए.सी.बी. सिरोही द्वारा सक्षम न्यायालय से तलाशी वारंट प्राप्त किया जाकर आज श्री सुनील सिहाग, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, ए.सी.बी. जयपुर ग्रामीण, श्री अरविन्द पुलिस निरीक्षक एसीबी जालोर की टीमों के साथ आज अलसुबह आरोपियों के जयपुर एवं जालोर स्थित 3 विभिन्न ठिकानों पर तलाशी की कार्रवाई की गई।
तलाशी में आरोपी के. के. मीणा के जयपुर स्थित आवास से आवासीय भूखण्डों के 131 पट्टे, 740 ग्राम सोने के आभूषण, 3.90 किलोग्राम चांदी एवं 7 लाख रुपये डायमण्ड आभूषण मिले हैं। इसके अतिरिक्त 1 बैंक लॉकर एवं 5 बैंक खाते भी मिले हैं। संदिग्ध जसाराम वरिष्ठ प्रबंधक (रिटायर्ड) के जालोर स्थित आवास से तलाशी में 52 लाख रुपयों की एफ.डी., 22 तोला स्वर्ण आभूषण, 4 किलोग्राम चांदी तथा 2 लाख रुपये नकदी मिली है। ब्यूरो के प्राथमिक आकलन एवं अब तक मिले दस्तावेजों के अनुसार आरोपी के. के. मीणा द्वारा अनेक परिसम्पत्तियां अर्जित करने का अनुमान है, जो उनकी वैध आय से अधिक है।
एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में ए.सी.बी. की विभिन्न टीमों द्वारा आरोपी के ठिकानों पर तलाशी अभियान जारी है। मामले में ए.सी.बी द्वारा आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का प्रकरण पृथक् से पीसी एक्ट में दर्ज किया जाकर अग्रिम अनुसंधान किया जावेगा।
रिश्वत मांगने पर शिकायत दर्ज हैल्पलाईन नं पर
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक श्री हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने समस्त प्रदेशवासियों से अपील की है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टोल-फ्री हैल्पलाईन नं. 1064 एवं Whatsapp हैल्पलाईन नं. 94135-02834 पर 24x7 सम्पर्क कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। एसीबी आपके वैध कार्य को करवाने में पूरी मदद करेगी।
एपीओ फिर भी सोसायटियों की निगरानी की दी जिम्मेदारी
संविदाकर्मी के खातों से अपने परिवार व अन्य खातों में करीब चालीस लाख रुपए जमा कराने की जानकारी के बाद संदेह में आए तत्कालीन एमडी केके मीना के प्रभाव के चलते किसी ने प्रसंज्ञान नहीं लिया। स्थिति यह थी कि लगातार शिकायतों के दबाव में केके मीना को वर्ष 2023 में सीसीबी जालोर के एमडी पद से एपीओ कर दिया गया। इसके बाद तत्कालीन सरकार ने उन्हें उप रजिस्ट्रार जयपुर शहर लगाकर राजधानी की सभी गृह निर्माण सहकारी समितियों की निगरानी की जिम्मेदारी दे दी। वर्तमान में वे इसी पद पर कार्यरत हैं ।
2021 से 2023 तक रहे एमडी
केके मीना वर्ष 2021 से 2023 तक जालौर सीसीबी एमडी रहे। विभिन्न खातों में जमा राशि को लेकर उनके खिलाफ की गई शिकायत में उल्लेख है कि जिन लोगों व फर्मों के खातो में ये फंड ट्रांसफर किया गया, उनका बैंककर्मी जसाराम व प्रवीण से संपर्क नहीं है। जसाराम प्रधान कार्यालय जालोर व प्रवीण सायंकालीन शाखा जालोर में कार्यरत है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि उनके खाते में रुपए जमा होने के साथ ही नेफ्ट या आरटीजीएस से यह राशि जयपुर के खातों में पहुंच जाती थी।
सीएमओ और एसीबी पहुंची सूचना, अभी एक्शन नहीं
फंड ट्रांसफर के इस ट्रैक की जानकारी सामने आने पर भीनमाल शाखा की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ सूचना एसीबी और अपेक्स बैंक के एमडी भोमाराम को भी दी गई है। यह शिकायत दस दिन पहले दी गई थी, लेकिन बैंक स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब सीएमओ और एसीबी से कार्रवाई का इंतजार है।
बैंक ने लिखा यह जांच हो तो सामने आए सच्चाई
1. संविदाकर्मी जसाराम एवं प्रवीण के खातो में जमा राशि के स्रोत उजागर हों, इनके परिवार के खाते भी जांचे जाएं।
2. तत्कालीन एमडी के कार्यकाल में बैंक की समस्त शाखाओं में नेफ्ट/आरटीजीएस से हुए हुए फंड ट्रांसफर की पड़ताल हो।
3. मामले की विभागीय जांच के साथ ही एसीबी व ईडी की हो जांच।
शिकायतों के बाद भी मेहरबानी
जालोर में एमडी रहने के दौरान केके मीना के खिलाफ पहले भी शिकायतें आई थी। उस समय सरकार की ऐसी मेहरबानी थी कि जालोर में आधा दर्जन से अधिक संस्थाओं की जिम्मेदारी उनके पास थी। चुनाव से कुछ माह पहले मुख्य सचिव ने विभाग में विभिन्न योजनाओं की प्रगति के लिए वीसी ली थी। वीसी में भी केके मीना उपस्थित नहीं हुए थे। मामला उच्चाधिकारियों की जानकारी में आने पर अगले ही दिन उन्हें एपीओ किया गया था।
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