पुलिस कि जांच से परेशान होकर मुख्यमन्त्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा - AAKOLI NEWS
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पुलिस कि जांच से परेशान होकर मुख्यमन्त्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा - AAKOLI NEWS
आकोली ( 25 जुन 2024 ) AAKOLI NEWS निर्दौषो को पुलिस द्वारा फसाने पर प्रार्थी द्वारा किए परिवाद कि जांच को पांच साल बितने पर भी न्याय नही मिलने से परेशान होकर पूरणसिंह काबावत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा पत्र मे बताना कि जिस राज्य कि पुलिस ईमानदार ,न्याय प्रिय होती उस राज्य कि जनता हमेशा खुश रहती है व सरकार कि बडी उप्लब्धि होगी लेकिन राज्य कि पुलिस भष्ट है तो सरकार द्वारा हर प्रकार से विकास कि गंगा बहा देने पर भी सभी सुविधाऐ नकारा साबित होती है आगे आपको अगवत करवाना चाहता हुॅ कि पुलिस का मुख्य काम आम जनता कि रक्षा करना एवंम उनको न्याय दिलवाना है लेकिन आज कि पुलिस बिना सरकार के खोफ व बेपरवाह के कारण रक्षक से भक्षक बन रही खेत कि रक्षा के लिए कि बांड खेत को ही खा रही है अर्थात हर प्रकार से रिश्वत खाकर जनता के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार कर रही है पैसे लेकर निर्दौषो को जेल मे डालकर अन्याय कर रही है यही नही पुलिस बडी रिश्वत खाकर अपराधियो के खिलाफ दिए ब्यान भी पलट देती है ऐसा हम इसलिए है कि मामला पांच साल पहले का बागरा थाना जिला जालोर का मामला यह है कि गांव आकोली की ग्राम पंचायत कि जमीन पर नारायणसिंह पुत्र रामसिह निवासी देवाडा ने अतिक्रमण कर आकोली बस स्टैंड पर होटल बना ली है जब होटल कि दीवार पक्की बनाने लगे तब ग्राम पंचायत व पटवारी ने कार्य को रूकवा कर दुसरे दिन अतिक्रमण। हटाने बाबत जिला कलेक्टर जालोर को ज्ञापन देने15,20 ग्रामीण गये थे इसमे मेरी गलती यह थी कि मैं भी ग्रामिणो के साथ जालोर गया था।
इस बात से आग बबुला होकर कुछ दिनो बाद नारायणसिंह व चीनाराम ने घात लगाकर लाठी व लोहे के पाईप से मेरे साथ मारपीट कि गई मेरा एक हाथ फ्रेक्चर हो गया था एवं कमर पर जबरदस्त चोट लगी थी लेकिन अपराधी व पुलिस कि मिलीभगत के कारण हैडकास्टेबल धीराराम कांस्टेबल मुकेश कुमार मांगीलाल,मनोहरलाल आदी के नेतृत्व मे बागरा पुलिस ने मुझे ही बागरा थाने मे डाल दिया सरपंच सहित सैकड़ो ग्रामीणो ने मेरे निर्दोष होने कि बात कही लेकिन जांच अधिकारी धीराराम ने एक न सुनी सुबह जमानत के लिए जालोर ले जाने पर तहसीलदार गुलाबसिह के समक्ष पेश किया तब तहसीलदार ने दुसरे अपराधियो के बारे मे पूछा तो कांस्टेबल मुकेश कुमार व मांगीलाल ने सफेद झूठ बोला कि वे तो होस्टीपल मे भर्ती है
जबकी वे होटल मे ही थे अपराधियो ने सेटिंग कर मुझे करवा दिया जमानत से छूटने पर मैने पुलिस अधीक्षक जालोर को पेश होकर दोनो अपराधियो के खिलाफ रिपोर्ट दी दुसरे दिन बागरा थाने मे रिपोर्ट दर्ज करवाई लेकिन एक महीने बाद पता चला कि हैडकास्टेबल धीराराम ने अपराधियो मोटी रकम डकार कर मुख्य अपराधी नारायणसिंह का नाम रिपोर्ट मे से निकाल दिया तब मैने जांच बदलने कि मांग जोधपुर आईजी से की तब जांच अमरसिंह चंपावत डीएसपी जालोर को दी डीएसपी अमरसिंह घटना स्थल का मोका मुआना कर गवाह के ब्यान लिए लेकिन महीने तक रिपोर्ट को दबाऐ रखकर जब रिपोर्ट पेश की तब भी मुख्य अपराधी का नाम नही जोडा तब मैने तत्कालीन मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत से जयपुर मे मिलकर परिवाद पेश किया तब एसी एटी सैल के डिप्टी ने घटना स्थल का मौका मुहाना कर गवाह के बयान लिए उन्होने यह रिपोर्ट लगभग 10 महीने तक पेन्डिग रखने के बाद एडिशनल एसपी ऊजानिया ने गवाह के बयान लिए लेकिन रिपोर्ट दो साल तक दबाकर रखने के बाद जांच एडिशनल एसपी जोधपुर अपराध शाखा रेंज जोधपुर को भेज दी जोधपुर जाकर गवाह परिवार के सदस्यो के ब्यान दिलवाऐ लेकिन एक साल तक जांच दबाकर बैठे रहे तब साहब का तबादला हो गया उसके बाद दिनेशकुमार एडि।एडिशनल एसपी आऐ उन्होने हमारे गांव आकोली जनवरी 2024 को आकर घटना स्थल का मौका मुहाना कर गवाह एव परिवार के सदस्यो का ब्यान देकर उनको आप बीती घटना बताई मारपीट कि समाचार पत्र कि न्युज एवम अतिक्रमण हटाने का ग्रामीणो द्वारा दिया
ज्ञापन कि खबर कि पेपर कि कटीग आदी सबूत उन्हे सोपे एवंम उनको बताया कि अपराधी बडा पैसो वाला है बजरी माफिया है उसके आगे किसी कि बोलने कि हिम्मत नही है वह पैसो के बल पर कुछ भी कर सकता है। तब साहब ने कहा था कि डरने कि कोई बात नही पांच दिन मे मुख्य अपराधी नारायणसिंह के खिलाफ चालान पेश हो जाऐगा लेकिन आज पांच महीने हो गए कोई कार्रवाई नही हो रही है इस प्रकार से पुलिस रिश्वत का खेल करती रही जांच आगे से आगे चलती रही पांच साल हो गए पैसे भी खर्च हुए लेकिन हमे न्याय नही मिला यही नही एक अन्य मामले मे हैडकास्टेबल भगवतसिंह से सेटिंग कर मुझे भगवतसिंह।
हैडकास्टेबल ने 117कि धारा मे थाने मे डाला रात 11 बजे नारायणसिंह व जेटूसिंह थाने मे ही दारू पीकर बैरक कि जाली के पास आकर मुझे गाली-गलौज करने लगे उस समय रात कि ड्युटी पर दीपाराम कांस्टेबल चुपचाप सुन रहा था । जब मैने जोर से आवाज लगाई तब दीपाराम कांस्टेबल आकर उन दोनो हाथो से खींचकर वहा से हटाया ऐसी घटना थाने मे होना ह्वदय विरादक शर्मनाक घटना है मुझे उस रात को डर के मारे रात भर नींद नही मैने इस घटना कि जानकारी उस समय थानेदार को भी बताई थी लेकिन मेरी एक न सुनी तब दूसरे दिन थाने के सीसीटीवी कैमरे से जांच करवाकर दौषियो सजा देने व मुझे सुरक्षा देने कि रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला को पेश होकर दी थी लेकिन उनकी आज दिन तक कोई जांच नही हुई फिर ऐसी पुलिस से लोगो के न्याय कि उम्मीद कैसे कि जा सकती है पता नही ऐसे ही कई असंख्य लोगो के साथ अन्याय किया होगा।
अतः आप से अनुरोध है कि पुलिस का ऑपरेशन कर पुलिस कि छवि को सुथार किया जाऐ पहला सुधार यह किया जाऐ कि जब किसी मामले मे पुलिस जांच करती है तो उस जांच कि समय सीमा तय कि जाऐ । दुसरा सुधार यह किया जाऐ कि पुलिस जब गवाहो के ब्यान लेती है तब उसकी एक फोटो कोपी गवाह को दी जाऐ ताकी गवाह के बयान मे रिश्वत लेकर पुलिस गवाह के बयान मे हेराफेरी नही कर सके।
आप से अनुरोध है कि आप इस मामले कि एसआईटी गठित कर पुलिस विभाग मे भष्टाचारी रूपी भेडियो को कडी से कडी सजा मिले ताकी अन्य अधिकारियो के लिए एक नजीर बन सके इस मामले के लिए स्थानीय कांग्रेस नेता सवाराम पटेल पुखराज पाराशर कलेक्टर निशार जैन आदी को कई ज्ञापन दे चुके लेकिन फिर भी पीडित को न्याय नही मिला अतः अब आप अनुरोध कि इस मामले कि निष्पक्ष जांच करवाकर मुझे न्याय दिलवाने मदद जरूर करेंगे।
JALORE NEWS
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