Lok Sabha Speaker: लोकसभा अध्यक्ष बनते ही ओम बिरला ने रच दिया इतिहास, बना नया रिकॉर्ड
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Lok Sabha Speaker: लोकसभा अध्यक्ष बनते ही ओम बिरला ने रच दिया इतिहास, बना नया रिकॉर्ड
जयपुर ( 26 जुन 2024 ) Lok Sabha Speaker OM Birla: ओम बिरला (Om Birla) को लोकसभा का स्पीकर चुन लिया गया है। पीएम मोदी ने लोकसभा स्पीकर पद के लिए ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा था। इसका NDA के सांसदों ने ध्वनिमत से समर्थन किया। विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर पद के लिए के सुरेश (K. Suresh) के नाम का प्रस्ताव रखा था। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने ध्वनि मत से उन्हें विजयी घोषित किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी नए स्पीकर को आसन तक छोड़ने आए। ओम बिरला ने लोकसभा स्पीकर का चुनाव जीतने के बाद इतिहास रच दिया है। वे लगातार दूसरी बार स्पीकर बने हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन की कार्यवाही शुरू होती ही बिरला को लोकसभा का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पेश किया, जिसका भाजपा नेता तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समर्थन किया। उसके बाद गठबंधन के विभिन्न दलों के नेताओं ने बिरला को अध्यक्ष बनाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया। विपक्षी इंडिया गठबंधन की तरफ से कांग्रेस नेता के सुरेश के नाम का प्रस्ताव अध्यक्ष पद के लिए आया, जिसका तारिक अनवर ने समर्थन किया।
पिछले लोकसभा में भी सदन के अध्यक्ष थे बिरला
प्रोटेम स्पीकर भतृहरि महताब ने दोनों प्रस्ताव सदन के सामने रखे और ओम बिरला को सदन का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की घोषणा की। बाद में पीएम मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू बिरला को अध्यक्ष के आसन तक ले गए और उन्होंने 18वीं लोकसभा की अध्यक्षता शुरू कर दी। बिरला पिछले लोकसभा में भी सदन के अध्यक्ष थे।
आपको बता दें कि ओम बिरला का जन्म राजस्थान के कोटा में 23 नवंबर 1962 को हुआ। वे साल 2003, 2008 और 2013 में तीन बार विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद साल 2014, 2019 और 2024 में कोटा-बूंदी लोक सभा संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। वे संसदीय सचिव भी रहे चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष, युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहित कई अहम जिम्मेदारियों को निभाया है। ओम बिरला तीन बार राजस्थान विधानसभा के लिए चुने गए। हर बार उनकी जीत का अंतर बढ़ता गया, जो कि जनता के बीच उनकी लोकप्रियता और उनके बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
ओम बिरला कब चर्चा में आए?
ओम बिरला राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव थे। इस दौरान उन्होंने गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी थी। इतना ही नहीं, उन्होंने 2004 की बाढ़ के दौरान भी पीड़ितों की जमकर मदद की। साल 2006 में ओम बिरला सुर्खियों में उस वक्त आए, जब उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कोटा और बूंदी में आयोजित 'आजादी के स्वर' कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक अधिकारियों को सम्मानित किया था।
छात्र राजनीति से राजनीति तक का सफर
वह 1979 में ही छात्र राजनीति में खासा सक्रिय हो गए थे। बिरला कोटा के गुमानपुरा स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे। इसके बाद में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में प्रधान सदस्य के तौर पर शामिल हो गए।
साल 1987 में बिरला ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य बने और जल्द ही जिला अध्यक्ष बन गए। चार साल पूरे होने से पहले वह भाजपा युवा मोर्चा के राज्य अध्यक्ष बन गए। इस पद पर उन्होंने महीने से ज्यादा वक्त तक कार्यभार संभाला।
इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड नई दिल्ली और फिर राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड जयपुर (जून 1992 से जून 1995) तक अध्यक्ष बने रहे।
पहली बार 2003 में जीते थे चुनाव
ओम बिरला पहली बार साल 2004 विधानसभा सदस्य चुने गए थे। इसके बाद वह 2008 और 2013 में भी कोटा में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। तीन बार विधायक के तौर पर काम करने के बाद साल 2014 में पहली बार कोटा संसदीय सीट से जीतकर संसद पहुंचे।
तीन बार विधायक और तीसरी बार सांसद चुने गए ओम बिरला संसद की कई समितियों के सदस्य भी रहे हैं। अपने पहले कार्यकाल यानी 16वीं लोकसभा के दौरान बिरला प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति और सलाहकार समिति के सदस्य रहे हैं।
ओम बिरला के नाम हैं उपलब्धियां
ओम बिरला जब विधायक थे। तब की बात है। उन्होंने 13वीं राजस्थान विधानसभा में 500 से ज्यादा सवाल पूछे और सदन में छह बार से ज्यादा बहस में शामिल हुए। इसके लिए उनका नाम सदन के सितारे में शामिल किया गया था। कोटा शहर में आईआईटी बनवाने के लिए ऐतिहासिक आंदोलन का नेतृत्व किया। बूंदी में नदी के पानी की आपूर्ति के लिए आंदोलन किया था। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ सिटी डेवलपमेंट टैक्स और मूवमेंट में छूट के लिए रावतभाटा आंदोलन के लिए श्रेय भी ओम बिरला को ही जाता है। राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड नई दिल्ली के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए पूरे देश में सुपर बाजार योजना के नेटवर्क के विकास की योजना शुरू की।
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