3.0: संभावित मंत्रियों की लिस्ट, नीतीश का बिहार फॉर्मूला , नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह, दिल्ली पहुंचने लगे विदेशी मेहमान
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3.0: संभावित मंत्रियों की लिस्ट जारी, नीतीश का बिहार फॉर्मूला , नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह, दिल्ली पहुंचने लगे विदेशी मेहमान
दिल्ली ( 8 जुन 2024 ) राष्ट्रपति भवन में 09 जून को शाम 07.15 बजे होने वाले भव्य शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं. इधर, सबकी निगाहें मोदी के मंत्रिमंडल में विभाग आवंटन पर हैं. बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 में 272 सीटों का पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रही, इसलिए वह अपने NDA सहयोगियों, जेडीयू और टीडीपी के समर्थन से सरकार बनाएगी. बीजेपी के प्रमुख सहयोगियों की नजर कैबिनेट में प्रमुख हिस्सेदारी पर है, और विभागों के आवंटन में मुश्किल होगा.
सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ से बीजेपी के विजयी उम्मीदवार राजनाथ सिंह के केंद्रीय रक्षा मंत्री बने रहने की संभावना है. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने संकेत दिया था कि उनकी पार्टी सरकार में कृषि विभाग में रुचि रखती है. सूत्रों ने कहा कि एनडीए सहयोगियों के कई नेताओं को महत्वपूर्ण विभाग देने पर विचार किया जा रहा है।
नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार का शपथ ग्रहण कल (रविवार) शाम को होने वाला है। इस बार भारतीय जनता पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। सरकार चलाने के लिए उसे अब NDA के अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना होगा। कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट पर भी इसका असर देखा जा सकता है। अब इस बार यह देखना होगा कि मोदी सरकार की नए कैबिनेट में कौन-कौन से नए चेहरे होंगे। इस बार यह साफ है कि टीडीपी और जेडीयू के नेताओं को भी तवज्जो दी जाएगी।
टीडीपी से कौन बन सकता है मंत्री?
अब हम बात करेंगें कि चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी से किसको मोदी कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। यहां से चंद्रबाबू नायडू राममोहन नायडू और पवन कल्याण का नाम आगे कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टीडीपी मोदी मंत्रिमंडल में तीन से चार पद मांग सकती है।
बिहार से किस फॉर्मूले के तहत बनेंगे मंत्री?
बिहार में भारतीय जनता पार्टी, जेडीयू और चिराग पासवान की लोजपा, हम और उप्रेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी को जीत मिली है। अब बिहार में भी मंत्रियों से किस प्रकार से मंत्री बनाए जाएंगे उसका फॉर्मूला भी सामने आ चुका है। सूत्रों के अनुसार, बिहार सरकार में जिस फॉर्मूले से मंत्री बनाए गए थे। उसी तरह से केंद्र में भी मंत्री का पद दिया जाएगा। मतलब बिहार से भारतीय जनता पार्टी के जितने सांसद मंत्री बनेंगे, उतने सांसद ही जदयू के भी मंत्री बनेंगे। जेडीयू और भाजपा अलग-अलग जातीय समीकरण के हिसाब से सांसदों के नाम को आगे बढ़ाएंगे। अब हम इसको उदाहरण के तौर पर देखें तो बीजेपी कोटे से अगर किसी यादव जाति के किसी सांसद को मंत्री बनाया जाता है तो जेडीयू का कोई यादव सांसद मंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश नहीं कर पाएगा। एलजेपी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी को एक-एक मंत्री पद मिलेगा।
महाराष्ट्र से किसे मिलेगा मौका?
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को भी मोदी कैबिनेट में एक सीट मिल सकी है। सूत्रों के अनुसार, एकनाथ शिंदे गुट से एक मंत्री शपथ लेगा, जिसमें शिवसेना के सबसे सीनियर नेता प्रतापराव जाधव का नाम सबसे आगे है। इसके अलावा श्रीरंग बारणे का नाम भी मोदी कैबिनेट के लिए चल रहा है। हालांकि, अभी तक सीएम एकनाथ शिंदे ने इसके बारे में कोई भी घोषणा नहीं की है। वहीं, महाराष्ट्र में एनसीपी में फूट करने वाले अजित गुट को भी मोदी टीम में जगह मिलना लगभग तय है। एनसीपी का एक मंत्री शपथ ले सकता है। इसमें प्रफुल्ल पटेल की दावेदारी मजबूत है।
उत्तर प्रदेश से नए चेहरों को मिल सकती है जगह?
उत्तर प्रदेश से मोदी टीम में इस बार क्षेत्रीय और सामाजिक समीकरण साधने के साथ ही नए और पुराने चेहरों में संतुलन बिठाने की चुनौती पार्टी नेतृत्व के सामने होगी। पुराने चेहरों की बात करें तो राजनाथ सिंह, अनुप्रिया पटेल और रालोद मुखिया जयंत चौधरी का मंत्रिमंडल में आना लगभग तय है। दो दलित चेहरों को भी टीम में शामिल किया जा सकता है। शाहजहांपुर के सासंद अरुण सागर की भी लॉटरी लग सकती है। महेंद्र नाथ पांडे के हारने के बाद ब्राह्मण चेहरे के रूप में जितिन प्रसाद, दिनेश शर्मा, महेश शर्मा और लक्ष्मीकांत वाजपेयी में से किसी एक को शामिल किया जा सकता है।
किन मौजूदा सांसदों को हार का मुंह देखना पड़ा
इस बार के लोकसभा इलेक्शन में मोदी सरकार के कई मौजूदा कैबिनेट मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा है। इस सूची में स्मृति ईरानी से लेकर राजीव चंद्रशखर जैसे बड़े नाम शामिल हैं। मोदी कैबिनेट के अन्य जो मंत्री इस बार इलेक्शन हारे हैं उनमें अजय मिश्रा, सुभाष सरकार, कौशल किशोर, अर्जुन मुंडा, कैलाश चौधरी, कल्याण, एल मरुगन, निसिथ प्रमाणिक, संजीव बालियान, भगवंत खूबा, महेंद्रनाथ पांडेय, कपिल पाटिल, रावसाहेबी दानवे, भारती पवार, साधवी निरंजन ज्योति, भानुप्रताप, वी मुरली धरन, और आरके सिंह शामिल जैसे नाम शामिल हैं।
मोदी किसे बनाएंगे मंत्री?
ऐसा माना जा रहा है कि गृह, वित्त, रक्षा और विदेश जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अलावा शिक्षा और संस्कृति जैसे दो मजबूत वैचारिक पहलुओं वाले मंत्रालय बीजेपी के पास रहेंगे, जबकि उसके सहयोगियों को पांच से आठ कैबिनेट पद मिल सकते हैं. पार्टी के भीतर जहां शाह और सिंह जैसे नेताओं का नए मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है, वहीं लोकसभा चुनाव जीतने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जैसे शिवराज सिंह चौहान, बसवराज बोम्मई, मनोहर लाल खट्टर और सर्बानंद सोनोवाल सरकार में शामिल होने के प्रबल दावेदार हैं.
सूत्रों ने बताया कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के राम मोहन नायडू, जद(यू) के ललन सिंह, संजय झा और राम नाथ ठाकुर तथा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान उन सहयोगियों में शामिल हैं जो नयी सरकार का हिस्सा हो सकते हैं। महाराष्ट्र, जहां भाजपा-शिवसेना-राकांपा गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा है, और बिहार, जहां विपक्ष ने वापसी के संकेत दिए हैं, सरकार गठन की कवायद के दौरान फोकस में हो सकते हैं. महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि बिहार में अगले साल चुनाव होंगे. बीजेपी के संगठन में होने वाले बदलाव भी पार्टी के मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देते समय चयनकर्ताओं के मन में होंगे.
महाराष्ट्र से इन नेताओं को मंत्रिमंडल में मिल सकती है जगह!
प्रतापराव जाधव (बुलढाणा से भाजपा विजेता)नितिन गडकरी (भाजपा-विदर्भ)पीयूष गोयल (भाजपा-मुंबई)
मध्य प्रदेश से इन नेताओं को मंत्रिमंडल में मिल सकती है जगह!
ज्योतिरादित्य सिंधिया, बीजेपीशिवराज सिंह चौहान, बीजेपी
नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह, दिल्ली पहुंचने लगे विदेशी मेहमान
भारत ने शनिवार को घोषणा की कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित उसके पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के सात देशों के नेता नौ जून को प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। हसीना और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में हसीना और अफीफ के अलावा समारोह में भाग लेने वाले अन्य नेताओं में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे शामिल हैं। उसने कहा, “नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नेताओं की यात्रा भारत द्वारा अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘सागर’ दृष्टिकोण को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुरूप है।” नहीं
नरेंद्र मोदी की नई सरकार में राजस्थान के इन नेताओं को मिल सकती है जगह, सामने आए ये नाम
Narendra Modi 3.0 Cabinet: लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद केंद्र सरकार के गठन को लेकर उल्टी गिनती शुरु हो गई है. रविवार (9 जून) को शाम 7.15 बजे होगा शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा. नरेंद्र मोदी के साथ करीब 52 से 55 मंत्री शपथ ले सकते हैं. इनमें19 से 22 कैबिनेट और करीब 33 से 35 राज्यमंत्री शपथ ले सकते हैं. मोदी सरकार की कैबिनेट में जाति से ज्यादा क्षेत्रीय संतुलन पर जोर दिए जाने की बात कही गई है. राजस्थान से भी कई बीजेपी नेताओं को मंत्री पद की जिम्मेदारी दिए जाने की सभावना है.
राजस्थान से बीजेपी सांसद अर्जुन राम मेघवाल और भूपेंद्र यादव को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में जगह दी जा सकती है. बीकानेर लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी ने अर्जुन राम मेघवाल को चुनाव मैदान में उतारा था और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर जीत दर्ज की है.
बीकानेर लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले अर्जुन राम मेघवाल को कुल 5 लाख 66 हजार 737 वोट मिले. इन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार गोविंदराम मेघवाल को 55 हजार 711 वोटों से हराया. कांग्रेस के गोविंदराम मेघवाल को इस चुनाव में कुल 5 लाख 11 हजार 26 वोट प्राप्त हुए. वहीं इस सीट पर बीएसपी तीसरे नंबर पर रही.
वहीं, बीजेपी ने भूपेंद्र यादव को अलवर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में खड़ा किया था. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार ललित यादव को शिकस्त दी. भूपेंद्र यादव को लोकसभा चुनाव में कुल 6 लाख 31 हजार 992 वोट मिले. इन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को 48 हजार 282 वोटों से हराया. ललित यादव को चुनाव में कुल 5 लाख 83 हजार 710 वोट प्राप्त हुए. इसके अलावा इस सीट पर बीएसपी तीसरे नंबर पर रही. भूपेंद्र यादव पिछली मोदी सरकार में भी मंत्री रहे.
राजस्थान में किसे कितनी सीटें मिलीं?
राजस्थान लोकसभा चुनाव में इस बार बीजेपी को सीटों का भारी नुकसान हुआ. बीजेपी को कुल 25 लोकसभा सीटों में से 14 सीटों पर जीत मिली, जबकि इंडिया गठबंधन और उसके सहयोगियों को 11 सीटों पर जीत मिली. कांग्रेस को 8, सीपीआईएम को 1, आरएलपी को 1 और भारत आदिवासी पार्टी को 1 सीट पर जीत हासिल हुई.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ रात्रिभोज में शामिल होंगे मेहमान
भारत, ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की व्यापक नीति रूपरेखा के अंतर्गत हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “लोकसभा चुनाव 2024 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण समारोह नौ जून 2024 को निर्धारित किया गया है। इस अवसर पर भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के नेताओं को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।” इसने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के अलावा सभी नेता राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में भी शामिल होंगे। शपथ ग्रहण समारोह रविवार को शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में होगा। शनिवार को हसीना के दिल्ली पहुंचने के कुछ ही देर बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमारे सबसे मूल्यवान साझेदारों में से एक की यह यात्रा भारत-बांग्लादेश के बीच मित्रता के घनिष्ठ और गहरे संबंधों को और मजबूत करेगी।” जायसवाल ने अफीफ की भारत यात्रा का भी स्वागत किया।
ये विदेशी नेता होंगे शामिल
- श्रीलंका के राष्ट्रपति- रानिल विक्रमसिंघे
- मालदीव के राष्ट्रपति- डॉ मोहम्मद मुइज्जू
- सेशेल्स के उपराष्ट्रपति- अहमद अफीक
- बांग्लादेश की प्रधानमंत्री- शेख हसीना
- मॉरीशस के प्रधानमंत्री- प्रविंद कुमार जुगनुथ
- नेपाल के प्रधानमंत्री- पुष्प कमल दहल 'प्रचंड'
- भूटान के प्रधानमंत्री- शेरिंग टोबगे
मालदीव का भी निकलेगा समाधान
उन्होंने कहा, “यह यात्रा भारत-सेशेल्स द्विपक्षीय संबंधों को और गति प्रदान करेगी।” शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नयी दिल्ली द्वारा मुइज्जू को दिया गया निमंत्रण भी भारत और मालदीव के बीच हाल के तनावपूर्ण संबंधों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। चीन का समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद पिछले वर्ष नवंबर से भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद वहां तैनात भारतीय सेना के जवानों को अपने देश वापस जाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद इस महीने की शुरुआत में भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह आम नागरिकों को सुरक्षा में तैनात किया गया था। क्षेत्रीय समूह दक्षेस (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) देशों के नेताओं ने मोदी के पहले शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था, जब उन्होंने भाजपा की भारी चुनावी जीत के बाद प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। मोदी जब 2019 में लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उनके शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों के नेताओं ने भाग लिया था।
पुलिस और एनएसजी के कमांडो रहेंगे तैनात
समारोह के दिन दिल्ली पुलिस के स्वाट और एनएसजी के कमांडो राष्ट्रपति भवन एवं विभिन्न अहम स्थानों के आसपास तैनात रहेंगे. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने समारोह के मद्देनजर सुरक्षा योजना बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय और नई दिल्ली जिले में कई बैठकें की. शपथ ग्रहण राष्ट्रपति भवन के अंदर होना है, इसलिए परिसर के अंदर और बाहर तीन-स्तरीय सुरक्षा होगी. ‘बाहरी घेरे’ पर दिल्ली पुलिस के जवान तैनात रहेंगे, उसके बाद अर्धसैनिक बल के जवान और ‘भीतरी घेरे’ में राष्ट्रपति भवन की आंतरिक सुरक्षा के जवान तैनात रहेंगे.
जी-20 शिखर सम्मेलन की तरह होगी व्यवस्था
अधिकारी ने बताया, अर्धसैनिक बलों और दिल्ली सशस्त्र पुलिस (डीएपी) के जवानों की पांच कंपनी सहित लगभग 2500 पुलिस कर्मियों को कार्यक्रम स्थल के आसपास तैनात किए जाने की योजना बनाई गई है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि गणमान्य व्यक्ति जिन मार्गों का इस्तेमाल करेंगे, उन पर ‘स्नाइपर’ और सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे और नई दिल्ली जिले में अहम स्थानों पर ड्रोन तैनात किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सुरक्षा घेरा पिछले वर्ष हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान की गई व्यवस्था की तरह ही रहने की संभावना है.
अधिकारी ने बताया कि रविवार को दिल्ली के मध्य भाग की ओर जाने वाली कई सड़कें बंद की जा सकती हैं या सुबह से ही यातायात में बदलाव किया जा सकता है. राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर शनिवार से ही जांच बढ़ा दी जाएगी.
राष्ट्रप्रमुखों के अलावा इन खास लोगों को भी दिया गया निमंत्रण
खबरों के मुताबिक, पीएम मोदी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर काम करने वाले श्रमिकों, सफाई कर्मियों और ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को भी विशेष अतिथि के रूप में न्योता भेजा गया है। इसके अलावा विकसित भारत के एंबेसडर के रूप में वंदे भारत और मेट्रो ट्रेनों पर काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों और केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को निमंत्रण भेजा गया है।
जवाहर लाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे नरेंद्र मोदी
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा नीत एनडीए गठबंधन के खाते में 292 सीटें आई हैं। जबकि इंडिया गठबंधन के घटक दलों ने 234 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, अन्य के खाते में 17 सीटें आई। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। भाजपा ने 240 सीटों पर जीत हासिल की है। हालांकि, 2019 के मुकाबले 63 सीटें कम है। तीसरे कार्यकाल में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बनने जा रही है। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर जवाहर लाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे।
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