सड़क निर्माण के दौरान सैकड़ो हरे पेड़ों की बलि , भीनमाल से जीवाणा स्टेट हाइवे निर्माण में 233 हरे - JALORE NEWS
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चार साल बाद भी नहीं लगा पाए एक भी पौधा
जालौर ( 24 जून 2024 ) JALORE NEWS पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रशासन कितना संजीदा है, इसका अंदाजा साल 2020—21 में निर्मित भीनमाल से जीवाणा तक बने 55 किलोमीटर टोल स्टेट हाइवे पर देखने पर मिल जाएगा. इस हाइवे के निर्माण के दौरान सड़क का चौड़ा करने के नाम पर सैकड़ों हरे—भरे पेड़ों की बलि दे गई, लेकिन निर्माण पूर्ण होने के इतने सालों बाद भी इस सड़क मार्ग पर न तो निर्माण कार्य एजेंसी ने एक पौधा लगाया न ही प्रशासन ने इसके लिए कोई कदम उठाया.
233 हरे—भरे पेड़ों की दी गई थी बलि
भीनमाल से जीवाणा तक 55 किलोमीटर टोल स्टेट हाइवे का निर्माण 2019 में शुरू होकर 2021 में पूर्ण हो गया. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक विभाग की ओर से इस प्रोजेक्ट में सड़क की चौड़ाई में आने वाले पेड़—पौधों का सर्वे करवाया गया था. सर्वे में 233 पेड़ों को कटाई के लिए चिन्हित किया गया था.
10 गुना करना होता है पौधरोपण
एनजीटी ने पेड़—पौधों की कमी के चलते बढ़ रहे तापमान से बिगड़ रहे पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए बड़े प्रोजेक्ट में काटे गए पेड़ों की जगह उस क्षेत्र में 10 गुना पौधरोपण करने के आदेश दे रखे है. लेकिन यहां तो निर्माणकर्ता एजेंसी 233 हरे—भरे पेड़ों की बलि लेने के बाद केवल टोल वसूली कर रही है. नियमानुसार एजेंसी को 10 गुना के हिसाब से इस मार्ग पर करीब 2400 पौधें लगाने थे. लेकिन एजेंसी ने निर्माण कार्य पूर्ण होने के चार साल बाद भी इस सड़क मार्ग पर एक नया पौधा नहीं लगाया.
233 पेड़ों को किया था चिन्हित
भीनमाल—जीवाणा स्टेट हाइवे निर्माण के दौरान सड़क की चौडाई बढाने पर बीच में आने वाले पेड़—पौधों का विभाग ने सर्वे करवाया था. सर्वे में 233 हरे—भरे पेड़ों को कटाई के लिए चिन्हित किया था. वन विभाग की कोई भूमि इस प्रोजेक्ट नहीं थी. काटे गए पेड़ो के बदले पौधरोपण के लिए कोई भुगतान जमा हुआ होगा तो वह जिस विभाग की जमीन है उसके खाते में हुआ होगा.
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