जालौर बस स्टैंड बना 36 साल बीत चुके आज भी बिना सुविधा के अभाव मे गर्मी से परेशान यात्री बिना पंखे के - JALORE NEWS
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जालौर बस स्टैंड बना 36 साल बीत चुके आज भी बिना सुविधा के अभाव मे गर्मी से परेशान यात्री बिना पंखे के - JALORE NEWS
जालौर ( 29 जुलाई 2024 ) कहने को तो जालौर रोडवेज बस स्टैंड मॉडल बस स्टैंड है। लेकिन इसकी हालात छोटे कस्बे के बस स्टैंड से भी बदतर है। इन दिनों
जालौर बस स्टैंड अव्यवस्थाओं का डिपो बना हुआ है। जंहा एक तरफा सरकार राज्य में विकास के बड़े दावे कर रही है जहां जालोर जिले के हाल बेहाल हो रहे हैं,
ना तो पंखे है और ना बैठने के लिए व्यवस्था है। यहां तक कि गन्दी से भरा पड़ा है। यहां बस स्टैंड कर्मचारी ही परिसर को गंदा कर रहे हैं। जिसके बाजवूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। बस स्टैंड पर यात्रियों को गर्मी से राहत देने के लिए हवा के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। भीषण गर्मी में बस के इंतजार में यहां बैठे यात्रियों को शुकून के लिए पंखे तक की हवा नहीं मिल रही है। इन दिनों में गर्मी का मौसम चल रहा है और यहां पंख तक नसीब नहीं हो रहा है। गर्मी के मौसम में बस स्टैंड पर पंखे न होने की वजह से राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यह समस्या विशेष रूप से उस समय और अधिक गंभीर हो जाती है जब तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है। इस मुद्दे का समाधान करने के लिए स्थानीय प्रशासन या संबंधित प्राधिकरणों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए और बस स्टैंड पर पंखे या अन्य ठंडक व्यवस्था उपलब्ध करानी चाहिए। इससे यात्रियों को आराम मिलेगा और उनकी यात्रा भी सुखद होगी।
बस स्टैंड परिसर में यात्रियों को उमस व गर्मी से परेशान होना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि छत पर पंखों की जगह केवल लोहा के पाइप ही लटके हुए नजर आ रहे हैं। जिसके कारण बस का इंतजार करने वाले यात्री को पसीने से तरबतर हो रहे हैं। बस स्टैंड पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्रियों का आना-जाना होता है।
हर दिन राजस्थान ही नहीं , दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड आदि राज्यों के लिए भी बसों का आवागमन होता है। जिसके चलते परिसर में यात्रियों की भीड़ लगी रहती है। गर्मी के मौसम में यात्रियों को राहत देने के लिए भले ही परिवहन निगम बसों के किराए में सुविधाओं का शुल्क भी शामिल करता है। लेकिन यह सुविधाएं यात्रियों को नहीं मिल पा रही हैं। कर्मचारियों ने भी शिकायतें की हैं, इसके बाद भी कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। जिसकी वजह से यात्री बहुत परेशान नजर आ रहे हैं तो कभी मुख्य गेट के आसपास गर्मी से राहत पाने के लिए टहलते दिखाई देते हैं।
लाखों रूपए खर्च करने के बावजूद नहीं है सुविधाएं
जालौर बस स्टैंड निगरानी समिति के पास बसों से उगाही के जरिए मिली लाखों रुपए की राशि है। इसके बावजूद बस स्टैंड बदहाल बना हुआ है। यात्री परेशान हो रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है। बस स्टैंड से होकर हर रोज सौ ज्यादा बसें गुजरती हैं। इन बसों से हजारों यात्री प्रतिदिन आना-जाना करते हैं, लेकिन उनके लिए यहां मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराई जा रही हैं।
राहगीर होते हैं परेशान
जालौर जिला मुख्यालय पर बना बस स्टैंड आज से लगभग 36 साल पहले दिनांक 10 मार्च 1989 में बस स्टैंड का उद्घाटन का पूर्व सांसद बूटासिंह ने इससे संबंधित लाखों रुपये खर्च करके लागत से लिखे हाथों से निर्माण कराया था। पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सरदार बूटासिंह ने 36 साल पहले जालोरवासियों को बस स्टैंड की सौगात दी थी। जिसका उद्घाटन भी उस समय के मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर और बूटासिंह के हाथों हुआ था। साल 1989 में बने रोडवेज बस स्टैंड की मरम्मत नहीं होने के कारण ये जर्जर स्थिति में है। यहां यात्रियों के लिए ना कोई सुविधाएं हैं और ना किसी तरह की साफ-सफाई।
इस बस स्टैंड को देखकर लगता है कि उसके बाद में बस स्टैंड पर किसी भी प्रकार से कोई खर्च करके कुछ भी निर्माण कार्य नहीं किया गया होगा । क्योंकि वर्तमान में यहां बस जालोर रोड़वेज बस स्टैंड अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। इस बस स्टैंड को देखकर आज भी युवा पीढ़ी और बुजुर्गो को पूर्व सांसद बूटासिंह की याद दिलाती है। जोकि इस रोड़वेज बस स्टैंड बना में योगदान दिया था। शायद यही वजह रही होगी कि जिनके कारण से आज तक इस बस स्टेशन के साथ राजनेताओं द्वारा भेदभाव किया जा रहा है क्योंकि उस समय में पूर्व सांसद बूटासिंह ने इस का निर्माण कार्य कर गई था। बूटासिंह को जालोर में विकास कार्यों की शुरुआत की कड़ी में जाना जाता है। उन्हीं के कार्यकाल में जालोर में केंद्रीय बस स्टैंड का वर्ष 1988 में लोकार्पण हुआ जिसके कारण से आज भी याद किया जाता हैं। जिससे यहां पर आने वाले महिलाओं - पुरुषों सहित बच्चों द्वारा प्रतिदिन यहां पर केंद्रित बस स्टैंड पर नगर परिषद् जालोर के अभाव में प्रतीक्षालय नहीं होने से यात्रियों को खासी परेशानी उठाना पड़ती है। सर्दी, गर्मी और बारिश में लोग को बिना पंखा के रहना पर मजबूर होता है।
( जालौर - JALORE NEWS https://youtu.be/qzDyRHTXkmM?feature=shared
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इनका कहना है कि
बस स्टैंड पर यात्री गर्मी से परेशान हो रहे हैं क्योंकि वहाँ पंखों की व्यवस्था नहीं है। इस स्थिति में प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए ताकि बस स्टैंड पर यात्रियों को पंखे और अन्य ठंडक सुविधाएं मिल सकें। इससे यात्रियों को गर्मी से राहत मिलेगी और वे आरामदायक महसूस करेंगे।
यात्री
दिपक कुमार ओड
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बस स्टैंड पर पंखे नहीं होने से यात्री परेशान हैं। गर्मी के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। यात्रियों को आराम देने के लिए पंखे या अन्य ठंडक की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रशासन को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए ताकि यात्रियों को इस प्रकार की परेशानी से राहत मिल सके।
यात्री
राजू माली
गर्मी बेहिसाब है और बस स्टैंड परिसर में पंखे नहीं होने के कारण यात्री बेहद परेशान हो रहे हैं। प्रशासन को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए और बस स्टैंड पर पंखों की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि यात्रियों को गर्मी से राहत मिल सके। इस तरह की सुविधाएँ न केवल यात्रियों की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी आवश्यक हैं।
यात्री
श्रवण कुमार ओड
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