Rajasthan News: राजस्थान में इस बड़े फर्जीवाड़े की जांच में होगी CBI की एंट्री, प्रदेशभर में चलेगा स्पेशल ऑपरेशन
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Rajasthan News: राजस्थान में इस बड़े फर्जीवाड़े की जांच में होगी CBI की एंट्री, प्रदेशभर में चलेगा स्पेशल ऑपरेशन
जयपुर ( 20 जुलाई 2024 ) Rajasthan Budget Session 2024: Rajasthan Fake Aadhar Card : जयपुर। राजस्थान के सांचौर में फर्जी आधार कार्ड केस की जांच के लिए जल्द ही सीबीआई की एंट्री हो सकती है। साथ ही ई-मित्र संचालकों की जांच के लिए भजनलाल सरकार प्रदेशभर में स्पेशल स्पेशल ऑपरेशन की तैयारी कर रही है। विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान ससंदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने यह जानकारी दी। मंत्री पटेल ने कहा कि फर्जी आधार कार्ड मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी।
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान शनिवार को कांग्रेस विधायक रतन देवासी ने फर्जी आधार कार्ड का मसला उठाते हुए कहा कि फर्जी फोटो और फिंगर प्रिंट्स लगाकर आधार कार्ड तैयार किए जा रहे है। फिंगर प्रिंट्स के लिए स्कूली बच्चों को 200-200 रुपए देकर आधार तैयार किया जाता है। ऐसे में सीमावर्ती इलाकों में लगे सभी आधार कार्ड सेंटरों की जांच करवाई जाएं। साथ ही प्रदेश सरकार इसके लिए अलग से टीम का गठन करें।
विधानसभा अध्यक्ष बोले-ये बेहद गंभीर विषय
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि यह बेहद गंभीर विषय है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। ऐसे ई-मित्र संचालक जो फर्जी आधार कार्ड बना रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएं।
ई-मित्र संचालकों की जांच के लिए चलेगा स्पेशल ऑपरेशन
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने विधानसभा में कहा कि फर्जी आधार मामले की सीबीआई जांच के लिए 28 जून को केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है। ई-मित्र संचालकों की जांच के लिए स्पेशल ऑपरेशन चलाया जाएगा।
भविष्य में यह ना हो इसके लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी। फर्जी आधार कार्ड मामले की जांच जारी है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। प्रदेशभर में आधार कार्ड बनाने वाले ई-मित्रों की जांच होगी।
जानिए क्या है यह फर्जी आधार कार्ड कांड
जालोर जिले में करीब दो साल पहले फर्जी आधार कार्ड मशीन होने का मामला सामने आया था। तब मामला सुर्खियों में जरूर आया लेकिन मशीन हाथ नहीं लगी। कुछ दिन फर्जी आधार कार्ड का मामला मीडिया की सुर्खियों में रहा लेकिन कोई ठोस तथ्य हाथ नहीं लगने से आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी। करीब एक महीने पहले एक यह मामला फिर से सुर्खियों में आया जब एक समाचार एजेंसी की ओर से स्टिंग ऑपरेशन किया गया। एक ही व्यक्ति के दो दो आधार कार्ड और पैन कार्ड होने के प्रमाण सामने आए। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। फर्जी आधार कार्ड ई-मित्र सेंटर संचालकों की मिलीभगत से बनाए जा रहे थे। पुलिस की कार्रवाई में करीब एक दर्जन ई-मित्र सेंटर बंद करवाए गए।
( सरकार जांच क्या है मामला विडियो - JALORE NEWS https://youtu.be/UzxEJo3YIEI?feature=shared
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भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर लगाए आरोप - JALORE NEWS
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ऐसे किया था फर्जीवाड़ा
एक महीने पहले जब फर्जी आधार कार्ड का मामला फिर से सामने आया तो सांचौर पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू की गई। जांच में पता चला कि चितलवाना थाना क्षेत्र के भीमगुड़ा गांव के रामदेव नगर निवासी गणपत सिंह का ई-मित्र था। इस ई-मित्र पर उसने खुद के दो फर्जी आधार कार्ड बनवा लिए। आधार कार्ड में नाम और पते सब फर्जी थे। एक आधार कार्ड में खुद को दीप सिंह पुत्र अखे सिंह निवासी बाड़मेर होना बताया था जबकि दूसरे आधार कार्ड में खुद को सुनील पुत्र चेनाराम बताया। दोनों ही आधार कार्ड में गणपत की फोटो लगी हुई थी। इसी तरह का फर्जीवाड़ा करते हुए गणपत ने कई अन्य लोगों के भी फर्जी आधार कार्ड बनाए थे। इन फर्जी आधार कार्ड के आधार पर फर्जी पैन कार्ड भी बनवा लिए गए। गणपत ने पहला आधार कार्ड मार्च 2022 में बनवाया था जबकि दूसरा आधार कार्ड जुलाई 2023 में बनाया था।
भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर लगाए आरोप
कांग्रेस विधायक रतन देवासी ने इस मुद्दे को सदन में उठाते समय कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इस दौरान भाजपा समर्थित निर्दलीय विधायक जीवाराम चौधरी ने कहा कि यह मामला दो साल पहले कांग्रेस शासन के समय सामने आया था लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने जानबूझकर कार्रवाई नहीं की। चौधरी का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने तो आरोपियों को बचाने का काम किया था और मौजूदा सरकार में एक्शन हो रहा है।
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