जालोर रावण दहन कार्यक्रम में भारी अव्यवस्था से मचा बवाल: महंत पवनपुरी महाराज और मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग का प्रशासन पर तीखा हमला, आंदोलन की चेतावनी
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जालोर रावण दहन कार्यक्रम में भारी अव्यवस्था से मचा बवाल: महंत पवनपुरी महाराज और मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग का प्रशासन पर तीखा हमला, आंदोलन की चेतावनी
जालोर ( 12 अक्टूबर 2024 ) JALORE NEWS जालोर में हर साल की तरह आयोजित होने वाला रावण दहन कार्यक्रम इस बार प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के चलते विवादों का केंद्र बन गया। शाह पूजाजी गेनाजी स्टेडियम में रावण दहन के इस आयोजन में पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी ने श्रद्धालुओं और राम सेना के सदस्यों को नाराज कर दिया।
कार्यक्रम की अव्यवस्था और पानी की गंभीर कमी
शाम 6:30 बजे जिला कलेक्टर और राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने रिमोट से रावण का दहन किया, लेकिन इस बार आयोजन स्थल पर व्यवस्थाएं बुरी तरह से विफल रहीं। श्रद्धालुओं के लिए मात्र चार पानी के कैंपर और कुछ बोतलों की ही व्यवस्था की गई थी, जो हजारों लोगों के लिए नाकाफी साबित हुई। पानी की भारी कमी के कारण श्रद्धालु प्यास से परेशान रहे। वहीं, कार्यक्रम में रखी गई पानी की कैटलें भी पूरी तरह से खाली पाई गईं, जिससे भीड़ में भारी नाराजगी फैल गई।
महंत पवनपुरी महाराज का प्रशासन पर हमला
चामुण्डा माता मंदिर से आई राम सेना के प्रमुख महंत पवनपुरी महाराज इस अव्यवस्था से बेहद आक्रोशित नजर आए। उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "इतने बड़े धार्मिक आयोजन में पानी जैसी आवश्यक सुविधाओं की अनुपस्थिति प्रशासन की घोर लापरवाही है। यह न केवल श्रद्धालुओं के साथ अन्याय है, बल्कि प्रशासनिक असफलता को भी साफ उजागर करता है।" महंत पवनपुरी महाराज ने सभा में नगर परिषद के सभापति गोविंद टॉक और जिला कलेक्टर ज्ञानचंद पर भी तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अगर जल्द ही व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया गया, तो सोमवार से बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग की सख्त चेतावनी
राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने भी कार्यक्रम में फैली अव्यवस्थाओं पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने जिला प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा, "धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में प्रशासन का पहला दायित्व होता है कि वह जनता की बुनियादी जरूरतों का ध्यान रखे। पानी जैसी बुनियादी सुविधा की कमी प्रशासन की विफलता को दर्शाती है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।" गर्ग ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नगर परिषद आयुक्त की अनुपस्थिति पर उठे सवाल
इस महत्वपूर्ण आयोजन से नगर परिषद आयुक्त दिलीप माथूर की अनुपस्थिति भी सवालों के घेरे में आ गई है। सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनकी गैरमौजूदगी को लेकर आम जनता और नेताओं में चर्चा शुरू हो गई है। महंत पवनपुरी महाराज और राम सेना के सदस्यों का कहना है कि इतने बड़े आयोजन में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति आवश्यक है, ताकि कार्यक्रम की सुचारू व्यवस्था हो सके। आयुक्त की अनुपस्थिति ने इस कार्यक्रम की विफलता में और योगदान दिया है।
आंदोलन की चेतावनी के बाद प्रशासन पर दबाव
महंत पवनपुरी महाराज की ओर से दी गई आंदोलन की चेतावनी के बाद प्रशासन पर भारी दबाव बन गया है। राम सेना और श्रद्धालुओं ने भी इस लापरवाही को लेकर गहरा आक्रोश जताया है और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
रावण दहन की विफलता और प्रशासनिक असफलता
इस बार का रावण दहन कार्यक्रम जालोर में प्रशासनिक असफलता का प्रतीक बन गया है। हर साल धूमधाम से मनाया जाने वाला यह धार्मिक आयोजन इस बार अव्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालुओं की नाराजगी का कारण बना। पानी की कमी, अधिकारियों की अनुपस्थिति, और अव्यवस्थित प्रबंधन ने पूरे आयोजन को विफलता की ओर धकेल दिया है।
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( ( चामुण्डा माता मंदिर पुजारी पवनपुरी जी महाराज ने किया कहां सुनीं , नगर परिषद् जालोर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए , आंदोलन की चेतावनी तक दे दिया - JALORE NEWS : निचे दिए गए लिंक पर क्लीक करे देखिए वीडियो -👇 👇 https://youtu.be/cP3tTLIQTbs?feature=shared
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आगे की राह
अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस संकट से कैसे निपटता है और भविष्य में ऐसे धार्मिक आयोजनों में किस तरह से सुधार किए जाते हैं। महंत पवनपुरी महाराज और मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग द्वारा दी गई चेतावनी के बाद प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव काफी बढ़ गया है। आने वाले दिनों में प्रशासन के लिए यह मामला चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
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इस घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए बेहतर प्रबंधन की मांग को जोरदार ढंग से उठाया है।
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