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Ratan Tata Passes Away: नहीं रहे रतन टाटा, 86 साल की उम्र में मुंबई में निधन, शोक में देश
Ratan Tata Passes Away: नहीं रहे रतन टाटा, 86 साल की उम्र में मुंबई में निधन, शोक में देश
मुंबई ( 10 अक्टूबर 2024 ) देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है. भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का निधन बुधवार की शाम को हो गया. उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. रतन टाटा 86 साल के थे. पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब थी.
दरअसल, बुधवार की शाम में उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने की खबर आई थी. जिसके कुछ घंटे बाद ही खबर आई कि उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया है. रतन टाटा का जाना देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. हालांकि उन्हें देश कभी भूल नहीं पाएगा. उन्होंने देश के एक से बढ़कर एक काम किए
टाटा ग्रुप को ऊंचाईयों पर पहुंचाने में रतन टाटा की सबसे बड़ी भूमिका रही. इन्होंने देश और आम लोगों के लिए कई ऐसे काम किए, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा. रतन टाटा एक दरियादिली इंसान थे और मुसीबत में देश के लिए हमेशा तैयार रहते थे.
दो दिन पहले ही कहा था- मैं बिल्कुल ठीक हूं
इससे पहले सोमवार को भी रतन टाटा की तबीयत बिगड़ने की खबर आई थी, जिसके कुछ ही घंटों बाद खुद रतन टाटा के एक्स (ट्विटर) हैंडल से एक पोस्ट शेयर किया गया था. इस पोस्ट में लिखा था कि मेरे लिए चिंता करने के लिए सभी का धन्यवाद! मैं बिल्कुल ठीक हूं. चिंता की कोई बात नहीं, मैं बढ़ती उम्र से जुड़ी बीमारियों की रूटीन जांच के लिए अस्पताल आया हूं. लेकिन देश को ये दर्द रहेगा कि वो इस बार अस्पताल से लौट नहीं पाए, और हमेशा के लिए अंतिम यात्रा पर निकल पड़े.
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28 दिसंबर को हुआ था जन्म
अरबपति कारोबारी और बेहद दरियादिल इंसान रतन टाटा 86 साल के थे, 28 दिसंबर 1937 को उनका जन्म हुआ था. वे साल 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे और इस दौरान उन्होंने बिजनेस सेक्टर में कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक टाटा समूह को बुलंदियों तक पहुंचाया.
रतन टाटा की शख्सियत को देखें, तो वो सिर्फ एक बिजनेसमैन ही नहीं, बल्कि एक सादगी से भरे नेक और दरियादिल इंसान भी थे. वो देश के लिए हमेशा आदर्श और प्रेरणास्रोत रहेंगे. वे अपने समूह से जुड़े छोटे से छोटे कर्मचारी को भी अपना परिवार मानते और उनका ख्याल रखने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते, इसके कई उदाहरण मौजूद हैं.
1991 में बने थे चेयरमैन
गौरतलब है कि रतन टाटा को 21 साल की उम्र में साल 1991 में ऑटो से लेकर स्टील तक के कारोबार से जुड़े समूह, टाटा समूह का चेयरमैन बनाया गया था. चेयरमैन बनने के बाद रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया. उन्होंने 2012 तक इस समूह का नेतृत्व किया, जिसकी स्थापना उनके परदादा ने एक सदी पहले की थी. 1996 में टाटा ने टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को मार्केट में लिस्ट कराया था.
हर्ष गोयनका ने एक्स पर पोस्ट किया
आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने रतन टाटा के निधन पर एक्स हैंडल पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, 'घड़ी ने टिक-टिक बंद कर दी है। टाइटन का निधन हो गया। रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार की एक मिसाल थे, जिन्होंने व्यापार और उससे परे की दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वह हमारी यादों में हमेशा ऊंचे स्थान पर रहेंगे।'
राजनाथ सिंह का बयान सामने आया
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा, 'श्री रतन टाटा के निधन से दुख हुआ। वह भारतीय उद्योग जगत के महान नायक थे जिन्हें हमारी अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए जाना जाता है। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। उसकी आत्मा को शांति मिले।'
पहले बीमार होने की आई खबर
बीते सोमवार को रतन टाटा के तबियत खराब होने की खबरें आई थीं। ऐसा कहा गया कि रतन टाटा मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती हैं। हालांकि, इन खबरों को अफवाह करार देते हुए रतन टाटा ने एक्स पर लिखा था- ये दावें निराधार हैं। मैं उम्र संबंधी बीमारियों के कारण अभी मेडिकल जांच करा रहा हूं। चिंता की कोई बात नहीं है। मैं सही हूं। टाटा ने जनता और मीडिया से अनुरोध किया था कि वे गलत जानकारी फैलाने से बचें। उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने लोगों और मीडिया से "गलत सूचना फैलाने" से बचने का अनुरोध भी किया।
टाटा ग्रुप से बतौर असिस्टेंट जुड़े
विदेश से पढ़ाई पूरी करने के बाद रतन टाटा पहली बार टाटा समूह की कंपनी टाटा इंडस्ट्रीज में बतौर असिस्टेंट शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने कुछ महीनों तक जमशेदपुर में टाटा के प्लांट में ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग पूरी करने के साथ ही रतन टाटा ने अपनी जिम्मेदारियों को संभालना शुरू कर दिया और साल 1991 में टाटा संस और टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन का पदभार संभाला। इससे पहले इस पद को जेआरडी टाटा संभाल रहे थे।
पालतू जानवरों का शौक
रतन टाटा को विमान उड़ाने का शौक था। वह भारत के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने एफ-16 फाल्कन फाइटर जेट उड़ाया था। साल 2007 में रतन टाटा के बेंगलुरु एयर शो के दौरान इस कारनामे से हर कोई हैरान रह गया। तब रतन टाटा की उम्र 60 साल से ज्यादा थी। रतन टाटा को पियानो बजाने के अलावा पालतू जानवरों का भी शौक रहा। रतन टाटा के निजी जीवन की बात की जाए तो वे अविवाहित थे।
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