Rajasthan News
यह तालिका स्पष्ट रूप से उपचुनाव से पहले और बाद में विभिन्न पार्टियों की सीटों में हुए बदलाव को दर्शाती है।
Assembly By-election Result 2024: चुनाव परिणाम में भाजपा 5 और कांग्रेस 1 और बीएपी ने जीता दर्ज किया पढ़ें पूरी खबर
![]() |
Assembly-By-election-Result-2024 |
Assembly By-election Result 2024: चुनाव परिणाम के बाद जानें विधानसभा में अब ये हो गई है पार्टियों की स्थिति
जयपुर ( 23 नवंबर 2024 ) राजस्थान में सातों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव सम्पन्न हो गए हैं। चुनाव परिणाम आ गए हैं। परिणाम आने के बाद राजस्थान विधानसभा में पार्टियों की संख्या का गणित भी बदल गया है। इसमें सबसे ज्यादा फायदा भाजपा व भारत आदिवासी पार्टी को हुआ है, तो सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस ने झेला है। वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रित पार्टी (रालोपा) का तो नामो-निशान तक मिट गया है।यूं बदल गया पार्टियों की संख्या का गणित
विधानसभा के उपचुनाव से पहले भाजपा की जहां 114 सीटें थी,वहीं उपचुनाव में पांच सीटें जीती है। ऐसे में अब राजस्थान विधानसभा में भाजपा का आंकड़ा बढकऱ 119 पहुंच गया है। वहीं कांग्रेस 66 सीटों पर ही सिमट गई है।बाप ने बढाई बढ़त तो रालोपा शून्य पर सिमट गई
राजस्थान में यूं तो क्षेत्रीय पार्टियों का बोलबाला ज्यादा नहीं रहा है। लेकिन बीच-बीच में कुछ क्षेत्रीय पार्टियां जरुर अपनी पहचान बना जाती है। इस समय क्षेत्रीय पार्टियों में सबसे बड़ी पार्टी की बात की जाए तो भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) बन गई है। अब भारत आदिवासी पार्टी के राजस्थान विधानसभा में चार विधायक हो गए हैं। वहीं रालोपा के विधायकों का राजस्थान से सूपड़ा साफ हो गया है। इस बार रालोपा की एक सीट खींवसर थी। लेकिन इस उपचुनाव में वह सीट में गंवा दी है। ऐसे में राजस्थान में रालोपा का कोई विधायक नहीं रहा है।उपचुनाव से पहले और बाद में सीटों की स्थिति (तालिका में)
पार्टी | पहले सीटें | अब सीटें |
---|---|---|
भाजपा | 114 | 119 |
कांग्रेस | 65 | 66 |
निर्दलीय | 8 | 8 |
बाप | 3 | 4 |
बसपा | 2 | 2 |
आरएलडी | 1 | 1 |
खाली सीटें | 7 | 0 |
राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2024: जानें किस विधानसभा सीट पर पड़े सबसे ज्यादा “नोटा”
राजस्थान विधानसभा की सात सीटों पर हुए उपचुनाव में भी नोटा का भी काफी उपयोग किया गया। लेकिन यह जानकार ताज्जुब होगा कि सबसे कम नोटा का उपयोग दौसा विधानसभा सीट पर हुआ है, जबकि सबसे अधिक नोटा का उपयोग चौरासी सीट पर हुआ है। इनमें दौसा में मात्र 97 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था, वहीं चौरासी विधानसभा सीट पर 3144 मतदाताओं ने नोटा का उपयोग किया।
राजस्थान उपचुनाव 2024: नोटा वोट का विश्लेषण
क्रम संख्या | विधानसभा क्षेत्र | नोटा वोटों की संख्या |
---|---|---|
1 | झुंझुनूं | 1365 |
2 | रामगढ़ | 798 |
3 | दौसा | 97 |
4 | चौरासी | 3144 |
5 | देवली-उनियारा | 1519 |
6 | खींवसर | 210 |
7 | सलूम्बर | 2560 |
यहां 21 साल बाद मिली जीत, 3 पर जमानत जब्त, 1 महिला MLA बढ़ीं; जानें उपचुनाव के नतीजों से जुड़े ऐसे 10 रोचक तथ्य
Rajasthan By Election Result: राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को एकतरफा जीत मिली है। भाजपा के खाते में 5 और कांग्रेस व बीएपी के खाते में 1-1 सीट आई है। वहीं, खींवसर में हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल के हारने से विधानसभा में आरएलपी साफ हो गई है। जिन 7 सीटों पर चुनाव हुए, उनमें से 4 कांग्रेस के पास थी, लेकिन वह सिर्फ एक पर ही जीत दर्ज कर पाई, 3 सीट कांग्रेस ने गंवा दी है।
उपचुनाव के नतीजों से जुड़े 10 रोचक तथ्य
1. राजस्थान की भजनलाल सरकार के मंत्री स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के चुनाव हारने पर अपनी मुछे मुंडवाने की शपथ ली थी। इसके बाद उनका यह बयान चर्चा का विषय बना था, अब यहां से बीजेपी के रेवंतराम डांगा ने जीत दर्ज की है, जिससे अब मंत्री को मूंछ मुंडवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
2. उपचुनाव के नतीजों में कांग्रेस प्रत्याशियों की 7 सीटों में से तीन सीटों पर जमानत जब्त हुई है। चौरासी, सलूंबर और खींवसर में कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। वहीं, चार सीटों पर कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही है।
3. राजस्थान में आदिवासी बेल्ट की दो सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव हुए। उनमें सलूंबर और चौरासी में से केवल चौरासी सीट पर ही भारतीय आदिवासी पार्टी चुनाव जीत पाई। सलूंबर में कांटे के मुकाबले में बाप पार्टी हार गई।
4. राजस्थान में उपचुनाव के नतीजों के बाद हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का विधानसभा में कोई विधायक नहीं होगा। साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भी केवल हनुमान बेनीवाल ही एकमात्र विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। नागौर से सांसद बनने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था और यहां पर हुए उपचुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को मैदान में उतारा था, जिनको इस बार हार का सामना करना पड़ा।
5. इस बार उपचुनाव के नतीजों के बाद विधानसभा में एक महिला विधायक की संख्या बढ़ जाएगी। सलूंबर से बीजेपी की महिला प्रत्याशी शांता देवी मीणा ने चुनाव जीता है।
6 . राजस्थान में दो सीटिंग विधायकों की मौत के बाद दो सीटों पर उपचुनाव हुआ था। ऐसे में दोनों सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी ने उनके परिवार में से ही टिकट दी, लेकिन दोनों जगह में से एक ही जगह पर सहानुभूति कार्ड चला। सलूम्बर में पति के निधन के बाद उप चुनाव में उतरी शांता देवी को जीत मिली, जबकी रामगढ़ में पिता जुबेर खान की मौत के बाद चुनाव में उतरे उनके बेटे आर्यन खान चुनाव हार गए।
7. उपचुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प तथ्य ये भी रहा है कि सलूंबर में जीत हार का अंतर नोटा के वोटों से भी कम रहा। यहां नोट में 12400 से ज्यादा वोट डाले गए।
8. बीजेपी ने दौसा में 10 ईवीएम में रि-काउंटिंग की मांग की, जिसे तत्काल मान लिया गया, लेकिन रि-काउंटिंग में भी कांग्रेस प्रत्याशी डी सी बेरवा ही चुनाव जीते।
9. इस बार के नतीजो में सबसे छोटी जीत सलूंबर में बीजेपी की शांता देवी की रही, महज 12,00 वोटो से चुनाव जीती। जबकि झुंझुनू में सबसे बड़े अंतर से जीत दर्ज हुई। यहां बीजेपी के राजेन्द्र भांबू चुनाव जीते।
10. इस बार झुंझुनूं सीट कांग्रेस हार गई है। 21 साल बाद पार्टी ने यहां हार का स्वाद चखा है। इससे पहले 2003 में सुमित्रा सिंह यहां से जीती थीं। इसके बाद से यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है। यह झुंझुनूं के इतिहास की सबसे बड़ी जीत है। यहां बीजेपी के राजेन्द्र भांबू चुनाव जीते।
बीजेपी ने जीती पांच सीट
गौरतलब है कि राजस्थान उपचुनाव की सभी सातों सीटों का परिणाम आ गया है, इनमें बीजेपी ने पांच सीटों (झुंझुनूं, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूंबर, रामगढ़) पर जीत का परचम लहराया है। वहीं, कांग्रेस को दौसा और बाप को चौरासी में जीत से संतोष करना पड़ा है। इन उपचुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है, क्योंकि 2023 के विधानसभा चुनावों के समय इन सात सीटों में से कांग्रेस के पास चार, एक बीजेपी, एक बाप और एक आरएलपी के पास थी। अब परिणाम के बाद कांग्रेस केवल अपनी दौसा सीट बचा पाई है। कांग्रेस को रामगढ़, देवली-उनियारा और झुंझुनूं में हार का सामना करना पड़ा है। हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी को भी अपनी एक सीट गंवानी पड़ी है।
राजस्थान विधानसभा उपचुनाव परिणाम: जानें किस विधानसभा सीट पर हुई सबसे बड़ी जीत और सबसे छोटी हार
राजस्थान के सातों विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना पूरी हो गई है। इसमें सबसे बड़ी जीत व सबसे छोटी हार की बात की जाए तो झुंझनूं सीट से भाजपा प्रत्याशी की सबसे बड़ी जीत हुई है। वहीं सबसे कम मतों से हार सलूम्बर सीट पर हुई है। यहां भाजपा प्रत्याशी मात्र 1285 मतों से जीते हैं।
झुंझूनंू सीट से भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र भांभू की सबसे बड़ी जीत रही है। वे 42848 मतों से जीते हैं। वहीं सलूम्बर सीट से भाजपा प्रत्याशी शांता मीणा मात्र 1285 मतों से जीती हैं।
उपविजेता | वोट | तीसरा स्थान | वोट | जीत का अंतर | |||
---|---|---|---|---|---|---|---|
रामगढ़ | सुखवीर सिंह (भाजपा) | 108811 | आर्यन जुबैर (कांग्रेस) | 95175 | – | 13636 | |
देवली-उनियारा | राजेन्द्र गुर्जर (भाजपा) | 100259 | नरेश मीणा (निर्दलीय) | 59345 | केसी मीणा (कांग्रेस) | 31228 | 40914 |
खींवसर | रेवंत राम डागा (भाजपा) | 108628 | कनिका बेनीवाल (रालोपा) | 94727 | डॉ. रतन चौधरी | 5454 | 13901 |
सलूम्बर | शांता मीणा (भाजपा) | 84428 | जितेश कुमार कटारा (बीएपी) | 83143 | रश्मि मीणा (कांग्रेस) | 26760 | 1285 |
चौरासी | अनिल कुमार कटारा (बीएपी) | 89161 | कारीलाल (भाजपा) | 64791 | महेश रोत (कांग्रेस) | 15915 | 24370 |
दौसा | दीनदयाल (कांग्रेस) | 75334 | जगमोहन (भाजपा) | 73034 | – | – | 2300 |
झुंझुनूं | राजेन्द्र भांभू (भाजपा) | 90425 | अमित ओला (कांग्रेस) | 47577 | राजेन्द्र गुढा (निर्दलीय) | 38751 | 42848 |
Rajasthan By-election Results: राजस्थान उपचुनाव में सीएम भजनलाल ने रच दिया इतिहास, कांग्रेस को लगा जोरदार झटका
राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम की स्थिति स्पष्ट हो चुका है। पहली बार सत्ताधारी दल ने दमदार प्रदर्शन किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 7 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा ने इतिहास रचा है। बता दें कि सीएम बनने के बाद उपचुनाव में भजनलाल शर्मा और उनकी सरकार की नीतियों की यह पहली परीक्षा थी जिसे भजनलाल सरकार ने ना केवल पास किया बल्कि जीत एक नया रिकॉर्ड भी कायम किया है। सातों सीटों पर चुनाव प्रचार की कमान खुद सीएम ने संभाली हुई थी। इस सीटों पर प्रचार में उनकी अहम भूमिका रही।
2000 में भाजपा ने 6 में से जीती थी 4 सीटें
प्रदेश में पहली विधानसभा से लेकर अब चल रही 16वीं विधानसभा तक कुल 101 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। उपचुनाव में अब तक एक साथ सबसे अधिक सीटें जीतने का रिकॉर्ड भी भाजपा के नाम ही है। साल 2000 में 6 सीटों पर हुए एक साथ उपचुनाव में भाजपा ने 4 सीटें एक साथ जीतीं थी। उस समय भाजपा प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल था और कांग्रेस सरकार के अशोक गहलोत सीएम थे। प्रदेश में हुए 2024 के उपचुनाव में ऐसा पहली बार हुआ है कि सत्ताधारी पार्टी की झोली में जनता ने एक साथ 5 सीटें दी है।
अब तक उपचुनव में कांग्रेस का पलड़ा रहा है भारी
1952 से लेकर अब तक कुल 101 उपचुनावों में 57 सीटें जीतकर कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है, वहीं भाजपा 1980 में अस्तित्व में आई। इसके बाद प्रदेश में 61 सीटों पर उपचुनाव हुए। इनमें से कांग्रेस के खाते में सिर्फ 23 सीटें गई तो भाजपा के खाते में 31 सीटें आई। हालांकि साल 2021 में 5 सीटों पर अलग-अलग उपचुनाव हुए थे। इस दौरान प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, जिसमें चार सीटें कांग्रेस के खाते में गई और एक सीट भाजपा ने जीती थी। ये उपचुनाव एक साथ नहीं होकर अगल-अलग तिथि पर हुए थे।
2024 उपचुनाव के ये रहे परिणाम
भाजपा ने उपचुनाव में सबसे अधिक पांच सीटें- खींवसर, रामगढ़, देवली-उनियारा, सलूंबर, और झुंझुनूं में जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने केवल एक सीट दौसा पर जीत दर्ज किया है। वहीं चौरासी उपचुनाव में भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) को जीत मिली है।
Via
Rajasthan News
एक टिप्पणी भेजें