शिक्षा नीति मे बदलाव के लिए रक्षामंत्री राजनाथसिंह जी को काबावत ने पत्र लिखा - JALORE NEWS
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शिक्षा नीति मे बदलाव के लिए रक्षामंत्री राजनाथसिंह जी को काबावत ने पत्र लिखा - JALORE NEWS
जालोर ( 21 नवंबर 2024 ) JALORE NEWS देश कि शिक्षा नीति मे बदलाव के लिए संघ के मीडिया प्रभारी पूरणसिंह काबावत आकोली ने श्रीमान राजनाथसिंह जी को पत्र लिखा पत्र मे काबावत ने बताया कि आपकी सरकार के नेतृत्व मे पिछ्ले 10 वर्षो के कार्यकाल से देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है देश मे हर प्रकार से विकास कि गति से देश कि जनता बहुत खुश है और विदेशो मे भारत का हर प्रकार से दबदबा व धाक बनी हुई है एवंम दुनिया भारत कि तरफ देख रही है आपकी सरकार के महत्वपूर्ण विजन सबका साथ,सबका विकास,सबको सम्मानता का अधिकार,प्रतिभाओ का सम्मान,भष्टाचार पर प्रहार,ईमानदारो का सम्मान,आतंकवाद पर करारा प्रहार ,आत्मनिर्भर भारत,विकसित भारत बने आदी विजन से जनता आपकी सरकार को दाद देते नही थक रही है
आगे मै बताना चाहता हूँ कि वर्तमान मे चल रही शिक्षा नीति मे बदलाव कि सख्त जरूरत है बात यह है कि पहले कि शिक्षा नीति के अनुसार पढाई पर विशेष जोर रहता था पढाई के अलावा अध्यापको के पास अन्य कोई काम नही होता था शिक्षा विभाग के अधिकारियो कि सख्त मोनिटरिंग से अध्यापक पढाई के प्रति लापरवाह नही होते थे बच्चो को सुधारने के लिए अध्यापको खुली छुट् रहती थी अध्यापक बच्चो को पढाई के अलावा मुँह नही लगाते थे जिससे बच्चो को अध्यापको के नाम पर धाक थी या डर था जिससे से बच्चे भय के कारण अच्छी पढाई करते थे कक्षा मे फस्ट आने वाले बच्चो कि कदर होती थी स्कूलो मे कक्षाओ के पाठ्यक्रम मे इतिहास पुरूषो के जीवनी से बच्चे सीख लेकर उनके जैसे बनने कि प्रेरणा लेकर उनके जैसे बनने कि ललक थी लेकिन वर्तमान मे ऐसे महापुरूषो के इतिहास को पाठ्य पुस्तको से हटा दिया गया है
शिक्षा नीति मे यह सब बदलाव से देश कि संस्कृति चौपट होती जा रही है जैसे कि कक्षा प्रथम से 8वी बच्चे बिना पढे बिना परीक्षा दिए बच्चे पास होते जाते है जब बच्चे घर बैठे पास होगे तो क्या बच्चे पढाई करेंगे ? तब पढाई का क्या महत्व रह जाऐगे ?एवंम जो बच्चे रात दिन कडी मेहनत कर 80%प्रतिशत 90% प्रतिशत नम्बरस लाकर नौकरियो मे एप्लाई करता है तब उनको पता चलता है कि देश मे आरक्षण के कारण 80%प्रतिशत नम्बर लाने वाले का सलेक्शन न होकर 40%प्रतिशत नम्बर लाने वाले का नौकरियो मे सलेक्शन हो जाता है ये उन छात्र के भविष्य के प्रति कितना घौर अन्याय होगा उनकी प्रतिभाऐ कुंठित नही होगी क्या ? 80%प्रतिशत लाने वाले से 40%प्रतिशत लाने वाला अध्यापक क्या अच्छी पढाई करवाऐगा?
काबावत ने आगे कहा कि कुछ वर्ष पहले अखबार मे न्युज आई थी कि माइनस 25 नम्बर लाने वाला गणित का टीचर्स बना आप खुद समझ सकते है कि माइन्स 25 नम्बर लाने वाला टीचर्स बन कर भारत का भविष्य वे कैसे सुधारेगा यह बात समझ से परे है यह भारत के भविष्य के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार है बच्चो के साथ खिलवाड है जब खेल मे प्रथम आने पर गोल्ड मेडल मिल सकता है दौड मे फस्ट आने पर सील मिलती है जब चुनाव मे वोटो मे सबसे अधिक वोट प्राप्त करने वाला उम्मीदवार विजय होता है तो फिर नौकरियो मे ऐसा डबल स्टैंडर्ड क्यो ऐसा काला कानून क्यो ?
आपका विजन है कि सभी को समानता अधिकार है तो फिर इस मामले मे समानता का हनन क्यो हो रहा है ? अम्बेडकर जी ने बैकवर्ड लोगो को देश कि मुख्य धारा मे लाने के लिए मात्र 10 वर्ष के लिए आरक्षण व्यवस्था लागू कि थी लेकिन वोटबैंक के खातिर सरकारो ने आरक्षण के समय सीमा को बढाते बढाते आज दिन तक कायम रखा है लेकिन किसी सरकार ने भारत के भविष्य पर ध्यान नही दिया आप ही बताइए जब 80%प्रतिशत अंक लाने वाला डाक्टर न बन कर 40 %प्रतिशत अंक लाने वाला कैसा ईलाज करेगा ? एक दिन अम्बेडकर जी ने कहां था कि जब देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के रूप मे सेडुल (अनुसूचित जन जाति )कास्ट का व्यक्ति राष्ट्रपति बन जाऐ तो देश मे आरक्षण व्यवस्था खत्म कर देनी चाहिए लोग आरक्षण को अपनी बपौती समझने लगे है लेकिन फिर भी सरकारे अम्बेडकर जी बातो पर अमल नही कर रही है लेकिन फिर भी धैर्यवान समाज इस दीमक रूपी काले कानून को आजादी के 75 सालो के बाद भी सहन करते आऐ है लेकिन फिर 70% जनता ने कभी भी अपना आपा नही खोया है क्योंकि वे अपने देश की सम्पति अपनी समझते है और कहते है कि समय के साथ सब बदलाव जरूर होगा चाहे एसटीएस एक्ट हो सभी को अपने सिर पर धोते आ रहे है लेकिन जब देश का सर्वोच्च न्यायालय ने एसटीएस कानून को रद्द किया था तब उन लोगो ने भारत बन्द कर देश कि सम्पति को तोड़ फोड़कर सरकार पर दबाव डाल कर सरकार को अध्यादेश लाने पर मजबुर किया मजबूर ही नही बल्कि आपस एसटीएस एक्ट लागू भी करवा दिया ऐसे कानून का वर्तमान मे धडले से दुरूपयोग हो रहा है जिसका शिकार मे भी हुआ हुॅ फिर भी 80% प्रतिशत लोगो ने अपने मुंह से आंह नही निकली है न भारत बन्द किया न देश कि सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया लेकिन प्रधानमंत्री आज के समय मे लगता है कि जो समाज देश मे हो हल्ला देश कि सम्पति तोडफोड आदी करते है उनकी अन्यायपूर्ण बाते भी सरकारे मानती आ रही है और जो समाज चुपचाप अन्याय को सहन कर रहा है उनकी बातो पर सरकारे कोई ध्यान नही देती रही है
काबावत ने बताया कि देश मे कई प्रधानमंत्री आऐ व गए लेकिन देश मे दिमक रूपी आरक्षण जो देश के युवाओ कि प्रतिभाओ को कुंठित करती आ रही है लेकिन किसी ने खत्म कर सभी समाजो को सम्मानता से जीने क हक नही दे पाई है राजनाथसिंह जी आप से आशा है देश मे ऐसी अन्याय पूर्ण शिक्षा नीति मे भारी फेरबदल कर देश के युवाओ के साथ हो रहे खिलवाड को समाप्त कर देश के युवाओ को मौत के मुंह से बहार निकाल कर देश के भविष्य को ध्यान मे रखकर एवंम समय कि मांग को देखते हुए 75 साल पहले बने नियम कायदे-कानून मे बदलाव कर राहत प्रदान करेगे हमे आप पर विश्वास ही नही पूर्ण विश्वास है कि आप यह भेदभाव पूर्ण शिक्षा नीति मे जरूर बदलाव करेगे ।
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