जवाई बांध पर जालोर के हक की मांग 25 वें दिन विधायक पहुंचे धरना स्थल - JALORE NEWS
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मैं हर हाल में किसानों केवल साथ था और रहुंगा- जोगेश्वर गर्ग - I was and will always be with the farmers under all circumstances- Jogeshwar Garg
जालोर ( 13 दिसंबर 2024 ) JALORE NEWS जिले में जवाई बांध के पानी पर अधिकार तय करने की मांग को लेकर किसानों का महापड़ाव 19 नवंबर से जारी है। शुक्रवार को धरने के 25वें दिन जालोर विधायक और राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग किसानों से मिलने पहुंचे। किसानों ने जवाई नदी के प्राकृतिक बहाव और जालोर जिले के हिस्से का पानी सुनिश्चित करने की मांग को लेकर धरना दिया है।
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सरकार ने बनाई डीपीआर जालोर को किया शामिल
जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि जवाई बांध की पुनर्भरण योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है। 2024-25 के परिवर्तित बजट में माही और सोम नदियों के अधिशेष जल को जयसमंद बांध सहित अन्य बांधों से होते हुए जवाई बांध तक पहुंचाने का प्रस्ताव रखा गया है।
गर्ग ने बताया कि योजना में अब जालोर को लाभान्वित क्षैत्र के रूप में जोड़ा गया है। यह कदम जालोर के किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
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किसानों का असंतोष
किसानों ने विधायक के आश्वासन पर असंतोष जताया उनका कहना है कि ऐसी घोषणाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन उन्हें लागू नहीं किया गया किसानों का तर्क है कि जवाई नदी का 83% हिस्सा जालोर जिले में आता है, लेकिन पानी का लाभ पाली जिले को अधिक मिलता है।
किसानों ने मांग की कि जवाई बांध के पानी पर जालोर का पहला हक तय किया जाए ।
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गर्ग का जवाब और नाराजगी
किसानों की नाराजगी के बीच गर्ग ने कहा, "मैंने पूरी मेहनत से जालोर को डीपीआर में शामिल करवाया है। यदि आप मेरे खिलाफ नारे लगाते हैं, तो यह अनुचित है। मैंने अपना काम किया है, अब यह आपकी मर्जी है कि आप धरना जारी रखें या समाप्त करें। मैं हर हाल में किसानों के साथ हूं।
गर्ग ने यह भी बताया कि 2018 में इस योजना की शुरुआत हुई थी, लेकिन सरकार बदलने के बाद इसे खारिज कर दिया गया। अब गहलोत सरकार ने संशोधन कर जालोर को शामिल किया है।
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पत्रकारों ने पूछे सवाल गर्ग ने दिया जवाब
सवाल- क्या जवाई बांध के पानी पर जालोर का हक तय होगा?
जवाब: "डीपीआर में जालोर का नाम जोड़ा गया है। जवाई बांध से पानी छोड़ने का मुद्दा गंभीर है, और सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है।"
सवाल: नदियों के अधिशेष जल का उपयोग कैसे होगा?
जवाब: "माही और सोम नदियों का अधिशेष जल जयसमंद और जवाई बांध तक लाने की योजना है। जल माफियाओं को रोकने और जल चोरी पर सख्त कार्रवाई होगी।"
सवाल: क्या किसान आपकी बातों से सहमत हैं?
जवाब: "किसान हमारी बातों को समझ रहे हैं। हम उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि जालोर को उसके हिस्से का पूरा पानी मिलेगा।"
सरकार का दावा: किसानों के हित में है यह योजना
राजस्थान सरकार के जल संसाधन मंत्री सुरेशसिंह रावत ने कहा कि जवाई पुनर्भरण योजना जालोर के लिए ऐतिहासिक है। माही और सोम नदियों के मानसून जल का उपयोग जालोर जिले की सिंचाई और पेयजल समस्याओं को हल करने में किया जाएगा ।
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महत्वपूर्ण बिंदु
जवाई बांध पुनर्भरण योजना में जालोर को शामिल किया गया।
माही और सोम नदियों का अधिशेष जल जालोर तक लाने की डीपीआर तैयार। जल चोरी और पानी माफियाओं पर सख्ती से कार्रवाई होगी।
किसानों के लिए सिंचाई और पेयजल की समस्या को सुलझाने का प्रयास
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क्या कहती है सरकार
जवाई बांध और पुनर्भरण योजना से जालोर को बड़ा लाभ मिलेगा। यह परियोजना राज्य के जल संसाधन प्रबंधन के लिए एक नई दिशा तय करेगी।"
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जोगेश्वर गर्ग,
मुख्य सचेतक,
राजस्थान सरकार
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किसानों की प्रमुख मांगें
जवाई नदी का पानी जालोर के लिए सुनिश्चित किया जाए।
जवाई नदी के प्राकृतिक बहाव को रोका न जाए।
घोषणाओं को लागू कर किसानों की समस्याओं का समाधान हो।
जालोर जिले में जवाई बांध का मुद्दा लंबे समय से चल रहा है। अब देखना होगा कि सरकार की घोषणाएं जमीन पर कब उतरती हैं और किसानों का आंदोलन कब समाप्त होता है।
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