बालोतरा में दलित युवक की निर्मम हत्या से समाज में उबाल, न्याय की मांग तेज - JALORE NEWS
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बालोतरा में दलित युवक की निर्मम हत्या से समाज में उबाल, न्याय की मांग तेज - JALORE NEWS
जालौर ( 13 दिसंबर 2024 ) राजस्थान के बालोतरा जिले में दलित समुदाय से जुड़े एक युवक की बर्बर हत्या ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। 30 वर्षीय विशनाराम मेघवाल, जो असाडा गाँव के निवासी थे, की हत्या 10 दिसंबर 2024 को दिनदहाड़े कर दी गई। इस घटना के बाद से समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है, और न्याय की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन जारी है।
घटना का विवरण
विशनाराम मेघवाल, जो लाइट, डेकोरेशन और टेंट का काम करते थे, शादी समारोह के बाद अपना सामान समेटने गए थे। इसी दौरान बालोतरा के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर हर्षदान चारण ने उनसे हफ्ता वसूली के लिए झगड़ा शुरू किया। बात इतनी बढ़ गई कि हर्षदान ने जातिगत टिप्पणी करते हुए विशनाराम पर चाकू से कई बार वार किए। विशनाराम को गंभीर हालत में जोधपुर ले जाया गया, लेकिन अत्यधिक खून बहने के कारण उनकी मौत हो गई ।
यहां मौजूद थे ।
मेघवाल समाज सेवा समिति तेरा गांव परागना मांडवला के द्वारा श्रीमान जिला कलेक्टर महोदय के मार्फत राष्ट्रपति महोदय को जिला बालोतरा में हुई विशनाराम मेघवाल की घटना को लेकर दोषी की तत्काल गिरफ्तारी और मुजरिम को फांसी हो को लेकर ज्ञापन दिया । जिला कलेक्टर जालौर के प्रतिनिधि के तौर पर ज्ञापन दिया गया जिसमें समिति के अध्यक्ष सुरेश विराश अचलाराम पिजोपुर, केसाराम ,भरत माडवला रूपेश बोकडा,तलेश पहाड़पुरा ,अजय चौहान सरदारगढ़, प्रवीण बोस तीखी सहित अन्य मौजूद थे।
दलित समाज में रोष और आंदोलन
घटना के बाद से मृतक का परिवार और दलित समुदाय के लोग बालोतरा मोर्चरी के सामने न्याय की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। पीड़ित परिवार को अपराधियों से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, जिससे उनका जीवन असुरक्षित हो गया है।
इस निर्मम हत्या के खिलाफ मेघवाल समाज सेवा समिति (13 गाँव परगना) और अन्य संगठनों ने संयुक्त रूप से आंदोलन की रूपरेखा बनाई है। समाज ने दोषियों की गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग करते हुए सरकार और प्रशासन पर दबाव डाला है।
कौन थे विशनाराम मेघवाल ?
विशनाराम मेघवाल न केवल एक व्यवसायी थे, बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। वे डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों के प्रबल समर्थक थे और छुआछूत मुक्त भारत अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने अंबेडकर लाइब्रेरी की स्थापना के जरिए समाज में जागरूकता फैलाने का काम किया था।
5. घटना की निष्पक्ष जांच के लिए इसे "केस ऑफिसर स्कीम" के तहत शामिल किया जाए।
अपराधियों के राजनीतिक संरक्षण पर सवाल
मुख्य आरोपी हर्षदान चारण, जो एक हिस्ट्रीशीटर है, पर पहले से ही लूट, मारपीट और रंगदारी के कई मामले दर्ज हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि राजनीतिक संरक्षण के चलते पुलिस अब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है
घटना के बाद से दलित समाज में आक्रोश की लहर है। संगठन के अध्यक्ष सुरेश विराश और अन्य पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने त्वरित कार्रवाई नहीं की तो बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।
सरकार से न्याय की आस
इस घटना ने दलित समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है। समाज अब सरकार और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की अपेक्षा कर रहा है।
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