राजस्थान उपचुनाव में जीते 7 विधायकों ने ली शपथ, MLA डांगा ट्रैक्टर से पहुंचे विधानसभा
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राजस्थान उपचुनाव में जीते 7 विधायकों ने ली शपथ, MLA डांगा ट्रैक्टर से पहुंचे विधानसभा
जयपुर ( 3 दिसंबर 2024 ) राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में जीतकर आने वाले विधायकों ने मंगलवार को शपथ ग्रहण की। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में शपथ दिलवाई। दौसा से डीसी बैरवा, खींवसर से रेवतराम डांगा, सलूम्बर से शांता देवी मीणा, देवली-उनियारा से राजेन्द्र गुर्जर, झुंझुनूं से राजेन्द्र भांबू, रामगढ़ से सुखवंत सिंह और चौरासी से अनिल कटारा ने शपथ ली। इस दौरान विधानसभा में विधायक रेवंतराम डांगा ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंचे। दौसा से विधायक डीसी बैरवा संविधान की किताब दिखाते हुए विधानसभा पहुंचे। सदन में भारतीय आदिवासी पार्टी तीसरे नंबर की बड़ी पार्टी बन गई है।
यूं हुए उपचुनाव
प्रदेश में उपचुनाव के लिए 13 नबंवर को मतदान किया गया। जबकि प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला 23 नबंवर को हुआ। बता दें कि दौसा विधानसभा सीट से तत्कालीन विधायक मुरारी लाल मीणा के सांसद बनने, खींवसर से तत्कालीन विधायक हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने, चौरासी तत्कालीन विधायक राजकुमार रोत के सांसद बनने, झुंझुनूं से बृजेंद्र ओला के सांसद बनने और देवली-उनियारा से तत्कालीन विधायक हरीश मीणा के सांसद बनने के बाद सीट खाली हुई थी। वहीं, रामगढ़ सीट से जुबेर खान और सलूंबर से अमृतलाल मीणा के निधन होने पर उपचुनाव हुए।
इन सात विधायकों ने ली शपथ
विधानसभा में शपथ लेने वाले नए विधायकों में दौसा से डीसी बैरवा, खींवसर से रेवतराम डांगा, सलूम्बर से शांता देवी मीणा, देवली-उनियारा से राजेन्द्र गुर्जर, झुंझुनूं से राजेन्द्र भांबू, रामगढ़ से सुखवंत सिंह और चौरासी से अनिल कटारा शामिल हैं। रेवतराम डांगा, जिन्होंने RLP का सूपड़ा साफ किया, ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा पहुँचे। डीसी बैरवा संविधान की प्रति हाथ में लिए हुए विधानसभा पहुंचे। यह एक यादगार और प्रतीकात्मक दृश्य था।
सांसद बनने के बाद खाली हुई थी 5 सीट
ये उपचुनाव 13 नवंबर को हुए थे और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए थे। दौसा, खींवसर, चौरासी, झुंझुनूं और देवली-उनियारा सीटें इसलिए खाली हुईं थीं क्योंकि इन सीटों के विधायक सांसद चुन लिए गए थे। मुरारी लाल मीणा दौसा से, हनुमान बेनीवाल खींवसर से, राजकुमार रोत चौरासी से, बृजेंद्र ओला झुंझुनूं से और हरीश मीणा देवली-उनियारा से सांसद बने। रामगढ़ से जुबेर खान और सलूंबर से अमृतलाल मीणा के निधन के बाद इन सीटों पर उपचुनाव जरूरी हो गए थे।
विधानसभा में आरएलपी साफ, बीजेपी की बढ़ी ताकत
बीजेपी की चार सीटें बढ़ने से आंकड़ा 119 का पहुंच गया है। जबकि कांग्रेस 70 से घटकर 67 पर पहुंच गई है। वहीं, बीएपी की संख्या पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। सदन में बीएपी के चार विधायक हो गए हैं। आरएलपी को जरूर बड़ा नुकसान हुआ है। खींवसर में हार के साथ ही सदन में पार्टी का प्रतिनिधित्व खत्म हो गया है। क्योंकि मौजूदा स्थिति में पार्टी का एक भी विधायक सदन में नहीं है।जबकि बीएसपी के दो और आठ निर्दलीय विधायक हैं।
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