राजस्थान में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज, कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने
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राजस्थान में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज, कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने
जयपुर ( 3 दिसंबर 2024 ) राजस्थान में पंचायतीराज संस्थाओं के कार्यकाल समाप्ति का समय नजदीक आते ही राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। आयोग ने मतदान केंद्रों की स्थापना और निर्वाचक नामावलियों की तैयारी के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नलिनी कठोतिया ने जिला कलेक्टरों को प्रगणकों की नियुक्ति और मतदान केंद्रों की योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।
पंचायतीराज चुनाव 2025 की तैयारी
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज संस्थाओं के आम चुनाव 2025 के लिए मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण और प्रगणकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। मतदाता सूचियां 1 जनवरी 2025 की अहर्ता तिथि के आधार पर तैयार होंगी। प्रगणकों की नियुक्ति पंचायत वार्डों के लिए की जाएगी, जहां प्रत्येक 1100 मतदाता पर एक प्रगणक नियुक्त होगा। बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को ही प्राथमिकता दी जाएगी।
निर्वाचन आयोग द्वारा बनाई गई सॉफ़्टवेयर प्रणाली का उपयोग करते हुए, विधानसभा की अद्यतन मतदाता सूचियों को पंचायत वार्डों में विभाजित किया जाएगा। इन सूचियों का भौतिक सत्यापन प्रगणकों द्वारा किया जाएगा ।
जनवरी और दिसंबर में होगा कार्यकाल पूरा
पंचायतीराज संस्थाओं का कार्यकाल अलग-अलग महीनों में समाप्त होगा। जनवरी में कार्यकाल समाप्त होने वाली ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे। जिला परिषद और पंचायत समितियों का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त होगा।
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस ने पंचायत चुनावों में देरी को लेकर भाजपा सरकार पर लोकतंत्र का अपमान करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार चुनावों को टालने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस नेताओं ने पत्रकार वार्ता में कहा कि भाजपा सरकार चुनावों से डरकर ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने से बच रही है। उन्होंने मांग की कि पंचायत चुनाव जल्द कराए जाएं और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखी जाए।
ग्रामीण इलाकों में हलचल तेज
पंचायत चुनावों की चर्चा ग्रामीण इलाकों में तेजी से हो रही है। लोग यह जानने के इच्छुक हैं कि चुनाव पूर्व की तरह होंगे या "वन स्टेट, वन इलेक्शन" की तर्ज पर आयोजित किए जाएंगे।
निर्वाचन आयोग की तैयारियां जारी
पंचायत चुनाव के लिए प्रगणकों की नियुक्ति अगले 7 दिनों में पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित प्रगणकों का राजनीतिक गतिविधियों में शामिल न होना अनिवार्य है। आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि एक प्रगणक को एक से अधिक पंचायतों के वार्ड आवंटित नहीं किए जाएंगे ।
राजस्थान में पंचायत चुनाव न केवल लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह प्रदेश की ग्रामीण राजनीति का भविष्य भी तय करेंगे। अब देखना यह है कि भाजपा और कांग्रेस के बीच यह मुकाबला किस दिशा में जाता है।
JALORE NEWS
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