आकोली गांव के बस स्टैंड पर सम्राट वीर विक्रमादित्य कि घोड़े पर सवार मुर्ति होगी स्थापित - JALORE NEWS
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A-statue-of-Emperor-Veer-Vikramaditya-riding-a-horse-will-be-installed-at-the-bus-stand-of-Akoli-village |
आकोली गांव के बस स्टैंड पर सम्राट वीर विक्रमादित्य कि घोड़े पर सवार मुर्ति होगी स्थापित - JALORE NEWS
पत्रकार श्रवण कुमार ओड़ जालोर
जालौर ( 30 जनवरी 2025 ) गांव आकोली आदी काल से प्रसिद्ध नाम काबावतो कि आकोली के बस स्टैंड पर सम्राट वीर विक्रमादित्य कि घोडे पर सवार मुर्ति स्थापित होगी काबावतो कि आकोली यह नाम इसलिए प्रसिद्ध हुआ कि सन 1311मे जब सोकलजी काबा रामसीन से वंट लेकर आकोली आऐ तब सोकली काबा को अपने वंट के रूप मे जागिरी के रूप मे आकोली सहित सात गांव( आकोली,देलदरी,बिबलसर, देवाडा,सरत,रानीवाडा,वाडकागोगा गांव मिले थे.उनके शासनकाल मे प्रजा के जनहित के कई कार्य हुए इसलिए अब सातो गांव काबावतो के नाम से जाने जाते है
आकोली गावं के जागरूक युवा पूरणसिंह काबावत ने बताया की सम्राट वीर विक्रमादित्य कि मुर्ति मेटल कि 11 फुट 14 लाख रूपये कि कीमत कि मुर्ति जयपुर मे बनकर तैयार हो चुकी है जो 31/01/2025 शुक्रवार को बस स्टैंड पर बने चबूतरे पर 12:30 बजे विधि विधान मंत्रोच्चार एवंम गाजे बाजे के साथ स्थापित कि जाऐगी सम्राट वीर विक्रमादित्य ने विक्रम संवत कि देश मे शुरूआत कि थी इसलिए बाद मे इसी दिन सुभ मुहूर्त मे उडते घोड़े पर सवार विक्रमादित्य कि मुर्ति का अनावरण किया जाऐगा चबूतरे के चारो तरफ शौर्य गाथाओ के शिलालेख लिखे है।
गांव मे 10:30 बजे शनिदेव धाम मे ग्रामीणो व कमेठी कि एक आवश्यक रखी गई है जिसमे वीर विक्रमादित्य कि मुर्ति के अनावरण के कार्यक्रम कि रूपरेखा बनाने के लिए ग्रामीणो से सलाह मशविरा कर कार्यक्रम तय किया जाऐगा किया काबावत ने आगे बताया कि सम्राट वीर विक्रमादित्य जनता के लिए तराजू के कांटे कि तरह सच्चा न्याय करने के लिए दुनिया मे प्रसिद्ध थे इसलिए विक्रमादित्य ने देवताओ का भी न्याय किया था कहते है कि उनका राज्य इतना बडा था कि उनके राज मे सुर्यास्त नही होता था
विक्रमादित्य जनता के दुःखो को देख कर बहुत दुःखी होते थे एवंम उनके दुःखो को दुर करने के लिए हमेशा लडते रहते थे जब तक उनके दुःखो को नही हरते थे तब तक वे चैन से नही रहते थे उनकी दयालुता मनुष्यो पर ही सीमित नही होकर पशु पक्षियो जानवरो आदी पर थी ऐसे वीर योद्धा महापुरूष जब आकोली कि धरती पर विराजमान होगे तब आकोली कि धरती देवतुल्य बन धन्य हो जाऐगी जिससे गांव कि जनता उन वीरो के दर्शन एवंम शौर्य वीरो कि शौर्य गाथाऐ सुन सुन कर उनके संस्कारो को अपना कर उनके जैसे गुण जरूर विकसित होगे जिससे झूठ ,कपट, निन्दा,धोखा,अनीति,अन्याय आदी से दूर रहकर सत्य न्याय के रास्ते पर चलने कि गुण जरूर विकसित होगे ।ऐसे महान योद्धा कि मुर्ति स्थापित होना अपने आप मे एक विश्व रिकॉर्ड होगा जो कि इतिहास के पन्नो मे आकोली का नाम दर्ज जरूर होगा।
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