सांचौर जिला निरस्त करने पर सियासी घमासान: कांग्रेस विधायक पर कार्रवाई की मांग - - SANCHORE NEWS
कम्युनिस्ट पार्टी और किसान मोर्चा ने किया विरोध - Communist Party and Kisan Morcha protested
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सांचौर ( 04 जनवरी 2025 ) SANCHORE NEWS सांचौर जिले के निरस्तीकरण को लेकर राजस्थान की राजनीति में भूचाल आ गया है। कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और किसान संगठनों ने इस निर्णय की कड़ी निंदा की है। इस बीच, कांग्रेस नेता ने रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस विधायक पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप
कांग्रेस नेता ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को ज्ञापन भेजकर आरोप लगाया है कि रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी ने जिला पुनर्गठन समिति के अध्यक्ष से मिलकर सांचौर जिले को निरस्त करने की सिफारिश की।
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि विधायक ने सांचौर जिले को खत्म करने की लिखित मांग की थी, जिससे पार्टी की छवि को गहरा नुकसान हुआ। कांग्रेस नेता ने मांग की कि विधायक देवासी पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
कम्युनिस्ट पार्टी ने की कड़ी निंदा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी शाखा सांचौर की बैठक कामरेड राणाराम साहू की अध्यक्षता में आयोजित हुई। पार्टी के सचिव कामरेड भारमल ने बताया कि पार्टी की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर झंडा रोहण किया गया।
इस अवसर पर जिला सचिव का.ईशराराम बिश्नोई ने बताया कि पूरे देश में पार्टी की सौ वी वर्षगांठ बनाई जा रही है। पार्टी ने देश की आजादी में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और हजारों कामरेडों ने कुर्बानियां दी।
आज देश में मोदी सरकार केवल धर्म की राजनीति कर रही है मस्जिदों में मंदिर ढूंढ कर सांप्रदायिक सद्भाव खत्म कर रही है इससे देश की धर्मनिरपेक्ष छवि खराब हो रही है हिंदू मुस्लिम एकता को खतरा पहुंचा रही है
विरद सिंह चौहान ने बताया कि सांचौर जिला बनने के बाद किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के लगातार संघर्षों के कारण ही बजाज कंपनी के बकाया 40 करोड रुपए का किसानों को भुगतान करवाया साथ ही रिलायंस कंपनी की धोखाधड़ी को भी उजागर किया। किसानों की समस्यायों को लेकर संघर्ष जारी रहेगा। कम्युनिस्ट पार्टी ने जिला कलेक्टर शक्ति सिंह राठौड़ को किसानों की समस्याओं के निस्तारण में सकारात्मक सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
वर्तमान राज्य सरकार ने राजनैतिक द्वेषतावश सांचौर जिला निरस्त कर जिले वासियों के साथ घोर अन्याय किया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी शाखा सांचौर इसकी घोर निंदा करती है। कामरेड राणाराम साहू ने बताया कि वर्तमान समय में देश के राजनीतिक स्थिति सांप्रदायिकता की ओर बढ़ रही है।
अजमेर मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में मंदिर के अवशेष बताकर जनता को वास्तविकता से भटका रहे हैं। वर्तमान में देश की समस्याओं जैसे बेरोजगारी भुखमरी महंगाई भ्रष्टाचार निजीकरण आदि की तरफ ध्यान न देकर केवल धर्म और संप्रदाय का ही इनका एजेंडा है ।
पंजाब हरियाणा के किसान आंदोलन कर रहे हैं मोदी सरकार उनसे वार्ता भी नहीं कर रही है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के भूख हड़ताल के 40 दिन बाद भी सरकार उनसे वार्ता करने के लिए तैयार नहीं है।
बीजेपी नेता का यू-टर्न
भाजपा के जालोर-सिरोही सीट से पूर्व सांसद देवजी पटेल ने भी सांचौर जिले के निरस्तीकरण पर विरोध जताया था, लेकिन अब उन्होंने अपने बयान में यू-टर्न लेते हुए इसे "गलत मुहूर्त में बनाया जिला" करार दिया।
देवजी पटेल ने कहा, "सांचौर जिले की नींव जिस दिन रखी गई, उसी दिन देवासी समाज के एक युवक की हत्या हुई, जो इस जिले पर एक कलंक था। कांग्रेस सरकार ने जिले बनाते समय प्रक्रिया और प्राथमिकताओं का ध्यान नहीं रखा।"
हालांकि, इससे पहले पटेल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सांचौर जिले को पुनः बहाल करने और एडीएम कार्यालय स्थापित करने की मांग की थी।
किसानों और आमजन को हो रहा नुकसान
किसानों और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सांचौर जिले के बनने से प्रशासनिक कार्यों में सुधार हुआ था। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण मादक पदार्थों की तस्करी और अपराध पर काफी हद तक अंकुश लगा था।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि सांचौर जिला बनने से किसानों की समस्याओं का समाधान तेजी से हुआ। जिले के निरस्तीकरण से अब आमजन को फिर से जालोर मुख्यालय तक लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी, जिससे समय और धन की बर्बादी होगी।
राजनीतिक विश्लेषण: बड़ा मुद्दा बन सकता है सांचौर
विशेषज्ञों का मानना है कि सांचौर जिले का निरस्तीकरण आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है। कांग्रेस, भाजपा और अन्य दलों के नेताओं के बयान इस बात का संकेत देते हैं कि यह मामला लंबे समय तक चर्चा में रहेगा।
आमजन की मांग:
स्थानीय नागरिक, किसान और विभिन्न संगठन राज्य सरकार से अपील कर रहे हैं कि सांचौर जिले को पुनः स्थापित किया जाए। सभी की एक राय है कि जिले का निरस्तीकरण केवल राजनीतिक कारणों से किया गया है, जो जनता के हितों के खिलाफ है।
सांचौर का भविष्य:
देखना होगा कि कांग्रेस, भाजपा और अन्य दल इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं और जनता के लिए कौन-से ठोस कदम उठाए जाते हैं।
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