Holi 2025: कब मनाया जाएगा होली का पर्व, जानिए डेट और शुभ मुहूर्त
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Holi 2025: कब मनाया जाएगा होली का पर्व, जानिए डेट और शुभ मुहूर्त
जयपुर ( 21 जनवरी 2025 ) Holi 2025: होली हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इसे रंगों का पर्व भी कहा जाता है। क्योंकि इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं। होली का पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। आइए जानते है किस डेट में मनाया जाएगा होली का पर्व?
2025 में कब है होली का पर्व (When is the festival of Holi in 2025)
रंगों का त्योहार होली हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, होली का त्योहार होलिका दहन के साथ शुरू होता है। इस साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर हो जाएगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार होली का त्योहार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। 2025 में रंग वाली होली का पर्व 14 मार्च दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। लेकिन इसके एक दिन पहले 13 मार्च को गरुवार के दिन होलिका दहन किया जाएगा।
Holi 2025: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Auspicious time for Holika Dahan)
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के बाद रात के समय निर्धारित होता है। 2025 में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त भद्रा काल के समय शाम 08:14 पी एम से 10:22 पी एम तक रहेगा। इस दौरान होलिका दहन की पूजा करना और अग्नि में नारियल, गेहूं की बालियां और अन्य धार्मिक सामग्री अर्पित करना शुभ माना जाता है।
Holi 2025: होली का धार्मिक महत्व (Religious importance of Holi)
होली का पर्व रंगों का त्योहार तो होता ही है। लेकिन यह अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक भी है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भक्त प्रह्लाद को मारने की कोशिश की गई थी। लेकिन भक्त प्रहलाद भगवान के अनन्य भक्तों में से एक थे तो वह अग्नी में नहीं जले और होलिक जलकर भस्म हो गई। यह घटना बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है।
होली को लेकर मान्यता
होलिका दहन की कहानी भगवान प्रहलाद और हिरण्यकश्यप से जुड़ी है। प्रहलाद भगवान विष्णु के भक्त थे, लेकिन उनके पिता हिरण्यकश्यप को यह पसंद नहीं था। उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह प्रहलाद को आग में जलाकर मार दे। होलिका को आग से न जलने का वरदान था, लेकिन प्रहलाद की भक्ति के कारण होलिका आग में जलकर भस्म हो गई। तभी से होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
Holi 2025: रंगों वाली होली का महत्व (Importance of colorful Holi)
दूसरे दिन रंगों की होली मनाई जाती है, जिसे ‘धुलंडी’ के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे पर रंग लगाकर बधाई देते हैं। रंगों से खेलना न केवल आपसी प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में नफरत को मिटाने और भाईचारे को बढ़ाने का संदेश भी देता है।
Holi 2025: होलिका दहन की पूजा विधि (Holika Dahan puja method)
होलिका दहन के लिए लकड़ी, उपले और पूजन सामग्री तैयार करें।
शुभ मुहूर्त में होलिका की परिक्रमा करें और जल, रोली, चावल और फूल अर्पित करें।
अग्नि प्रज्वलित करके नारियल और गेहूं की बालियां अर्पित करें।
होलिका दहन के बाद उसकी राख को घर में सुख-समृद्धि के लिए उपयोग में लाएं।
Holi 2025: सौहार्द का संदेश देता है होला का पर्व (Hola festival gives message of harmony)
सनातन धर्म में होली का त्योहार भारतीय संस्कृति का एक अद्भुत उदाहरण है। इस दिन पूरे भारतवासी एकजुट होकर प्रेम और सौहार्द का संदेश देते हैं। यह पर्व एक-दूसरे के प्रति प्रेम-भाव को दर्शाने का अवसर प्रदान करता है। इसके साथ ही यह धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं को भी प्रकट करता है।
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