पर ड्रॉप मोर क्रॉप’’ (सूक्ष्म सिंचाई) योजनान्तर्गत कृषक दम्पति प्रशिक्षण का हुआ आयोजन - JALORE NEWS
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सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए 27 कृषक दम्पतियों को दिया गया प्रशिक्षण - 27 farmer couples were given training to promote micro irrigation
जालौर ( 25 फरवरी 2025 ) JALORE NEWS उद्यान विभाग जालोर द्वारा ‘‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’’ (सूक्ष्म सिंचाई) योजनान्तर्गत मंगलवार को कृषि विज्ञान केन्द्र केशवना में 27 कृषक दम्पतियों (कुल 54 कृषक) के लिए एक दिवसीय कृषक दम्पति प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण में उद्यान विभाग जालोर के कृषि अधिकारी सी.आर.हाकला ने सूक्ष्म सिंचाई (पीडीएमसी) योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा सूक्ष्म सिंचाई को बढावा देने के लिए सामान्य श्रेणी के कृषकों को 70 प्रतिशत और अनुसूचित जाति/जनजाति/महिलाओं और लघु-सीमान्त कृषकों को 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। जालोर जिले में फसलों में सूक्ष्म सिंचाई की प्रबल संभावनाएं हैं, कृषक इसे अपनाकर अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिलीप कुमार ने बताया कि कृषकों को सीमित जल संसाधनों में सूक्ष्म सिंचाई का प्रयोग कर कृषि क्षेत्र में बढ़ावा करने तथा बेहतर कृषि प्रणाली अपनाते हुए जल और मृदा संरक्षण करते हुए भविष्य में खेती से अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। संस्थान के वैज्ञानिक बीरमसिंह ने सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से उर्वरकों के संतुलित प्रयोग की विधि फर्टीगेशन तकनीकी के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि आज के युग में खेती को लाभदायक बनाने के लिए फर्टीगेशन के माध्यम से उर्वरकों का संतुलित ओर सही प्रयोग किया जाना आवश्यक है।
संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सुमन ने ऑटोमेशन तकनीकी से अवगत कराते हुए कृषकों को बताया कि नवयुवकों का कृषि के प्रति रूझान बढाने के लिए कृषि में हो रहे नवाचारों को अपनाने की जरूरत है। ऑटोमेशन तकनीक में सिंचाई को खेत में आवश्यक अनुसार प्रयोग करने और समय, जल और श्रम को बचाने की नवीन तकनीकी है, जिससे कृषक घर बैठे ऑटोमेशन सिस्टम को मोबाईल से ऑपरेट कर सिंचाई कर सकते है। विराट कम्पनी के चीफ इंजीनियर अजय चतुर्वेदी ने सूक्ष्म सिंचाई की विधियों की तकनीकी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ड्रीप की लेटरल की समय पर सफाई करना आवश्यक है और ड्रीप और फव्वारा का रखरखाव कैसे किया जाये की जानकारी दी गयी।
प्रशिक्षण के अन्त में पीडीएमसी से संबंधित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम रखा गया जिसमें प्रथम स्थान रेशमदेवी पत्नी सांवलाराम, द्वितीय श्रीमती रूकमणी पत्नी रायमल एवं तृतीय स्थान श्रीमती संजुदेवी पत्नी पारसाराम ने प्राप्त किया जिन्हें क्रमशः 1000, 600 व 400 रूपये के बीज संग्रहण बॉक्स दिए गए।
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