आकोली क्षत्रिय सम्राट वीर विक्रमादित्य परमार कि मुर्ति के अनावरण निमित्त निमंत्रण पत्र वितरण का कार्य अन्तिम चरण में - JALORE NEWS
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आकोली क्षत्रिय सम्राट वीर विक्रमादित्य परमार कि मुर्ति के अनावरण निमित्त निमंत्रण पत्र वितरण का कार्य अन्तिम चरण में - JALORE NEWS
पत्रकार श्रवण कुमार ओड़ जालोर
जालौर ( 27 मार्च 2025 ) गांव आकोली के बस स्टैंड पर क्षत्रिय सम्राट वीर विक्रमादित्य परमार कि घोडे पर सवार मुर्ती के अनावरण कार्यक्रम हेतू निमंत्रण पत्र वितरण कार्य जोर शोर से चल रहा है
राजपूत समाज के जागरूक युवा पूरणसिंह काबावत आकोली ने बताया की सर्वसमाज के क्षत्रिय चक्रवर्ती सम्राट वीर विक्रमादित्य परमार के विक्रम संवत चैत्र मास कि प्रतिपदा को स्मारक अनावरण कार्य निमित्त निमंत्रण पत्र वितरण का कार्य कमेठी के संरक्षक पूर्व बिडिओ डुगरसिंह काबावत के द्वारा नियुक्त अलग अलग टोलियो द्वारा कार्ड वितरण का कार्य हो रहा
जिसके तहत ठाः त्रिभुवनसिंह एवंम पूरणसिंह काबावत के नेतृत्व जितेन्द्र कुमार जैन,शैतानसिंह काबावत,पप्पुसिंह काबावत पांच सदस्य टीम वाडका गोगा,गोला,रानीवाडा काबा,सीकवाडा सहित कई गांवो का दौरो कर इस भव्य समारोह मे सरीफ होने के लिए आमंत्रण पत्र वितरण किए गए सर्वसमाज के क्षत्रिय सम्राट वीर विक्रमादित्य परमार ने विक्रम संवत कि विश्व मे शुरूआत कि थी
अतः चैत्र मास कि प्रतिपदा को सुभ मुहूर्त देखकर क्षत्रिय सम्राट वीर विक्रमादित्य परमार कि मुर्ति का अनावरण किया जाऐगा जिसको लेकर तैयारिया अन्तिम चरण मे चल रही है गांव मे प्रत्येक व्यक्ति भारी उत्साह से सराबोर होकर प्रसन्न व गदगद होकर कार्य को अन्जाम देने मे लगे हुए है।
काबावत ने आगे बताया कि सम्राट वीर विक्रमादित्य जनता के लिए न्याय करने के लिए संसार भर मे प्रसिद्ध थे वे देवताओ का न्याय भी विक्रमादित्य परमार करते थे । कहते है कि उनका राज्य इतना बडा था कि उनके राज मे सुर्यास्त नही होता था कहते है कि एक बार सम्राट वीर विक्रमादित्य परमार राज्य भ्रमण के लिए जा रहे थे तब अचानक उनकी नजर बांड मे जल रहे सांप पर पड़ी तब सम्राट वीर विक्रमादित्य परमार ने तुरंत दरबारियो को रथ रोकने का आदेश दिया और रथ से नीचे उतर कर जल रहे सांप के पास पहुंचकर सांप को बांड से बहार निकाला तब सांप अध जला होने से दर्द से तडप रहा था तब सम्राट वीर विक्रमादित्य को सांप के दर्द,तडपन से बहुत दुःखी हुए तब उनके दर्द को मिटाने के लिए विक्रमादित्य ने सांप को अपने पेट मे उतार दिया ऐसे थे क्षत्रिय सम्राट वीर विक्रमादित्य परमार ऐसे महापुरूष जब आकोली कि धरती पर विराजमान होगे
तब आकोली कि धरती देवतुल्य बन धन्य हो जाऐगी जिससे गांव कि जनता उन वीरो के दर्शन एवंम शौर्य वीरो कि शौर्य गाथाऐ सुन सुन कर उनके संस्कारो को अपना कर उनके जैसे गुण जरूर विकसित होगे ऐसे महान योद्धा कि मुर्ति स्थापित होना अपने आप मे एक विश्व रिकॉर्ड होगा जो कि इतिहास के पन्नो मे आकोली नगरी का नाम दर्ज जरूर होगा।
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