शिविर में सीखे आनंदपूर्ण जीवन के सूत्र सन टू ह्यूमन का नए दृष्टिकोण वाला शिविर संपन्न - BHINMAL NEWS
शिविर में सीखे आनंदपूर्ण जीवन के सूत्र सन टू ह्यूमन का नए दृष्टिकोण वाला शिविर संपन्न - BHINMAL NEWS
पत्रकार माणकमल भंडारी भीनमाल
भीनमाल ( 13 अप्रैल 2025 ) BHINMAL NEWS मंदिरों और पूजाघरों को हम कितना पवित्र रखते है। वे देवालय मनुष्य द्वारा निर्मित होने के बाद भी हमारे भाव उसके प्रति बहुत ही पवित्र और पूजनीय होते है ।
जबकि यह देह ( शरीर ) परमात्मा की कृति है। माता पिता केवल माध्यम बने है । इसलिए देह से बढ़कर कोई उत्तम देवालय नहीं हो सकता । लेकिन हम इसका ध्यान नहीं रखते और दिन भर कचरा डाल डाल कर उसे डस्ट बीन बना देते है।
यह बात कोठारी कीर्ति स्तंभ में सन टू ह्यूमन के चल रहे नए दृष्टिकोण वाले शिविर के अंतिम और तीसरे दिन सूत्र संचालन करते हुए योग प्रशिक्षक परम आकाश कन्हैयालाल खंडेलवाल ने कही।उन्होंने कहा कि यदि देह को देवालय बना देवे तो सारी समस्याओं का तुरंत समाधान हो जाएगा। सम्यक आहार, सम्यक व्यायाम और सम्यक नींद ही हमारे जीवन का आधार है।। सन टू ह्यूमन पद्वति के अदृश्य ऊर्जावान नाश्ते, कॉम्बिनेशन वाले भोजन और ऑक्सीजन बढ़ाने वाले नाभी झटका प्रयोग से हजारों लाखों लोगो ने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।
परम आकाश ने कहा कि मनुष्य जीवन के रूप में जो असंभव घटा है, जिस लक्ष्य के लिए हमारा मनुष्य जन्म हुआ है वह हम भूल बैठे है। हमने केवल पदार्थों को ही साध्य मान लिया। उन्होंने साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि सन टू ह्यूमन में न तो कोई चिकित्सा पद्धति है, न कोई पेथी, न कोई दवाई, न कोई प्रोडक्ट फिर भी लाखो लोग इसकी आहार और व्यायाम तकनीक को अपनाकर और छोटे छोटे प्रयोगो के माध्यम से स्वयं को विकसित करने की ओर अग्रसर है। शिविर के दौरान तीनों दिन ऊर्जावान अदृश्य नाश्ता भी साधकों को दिया गया। तीसरे दिवस को उत्सव दिवस के रूप में मनाते हुए कई नए प्रयोग भी करवाए गए। प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
माणकमल भंडारी ने बताया कि आयोजन समिति के अशोक मेहता, भरत शर्मा, रमेश अग्रवाल, जोगाराम चौधरी, हनुमान शर्मा, नारायण जांगिड़, हरिराम विश्नोई, जीवाराम विश्नोई, सुरेश अग्रवाल, सुरेश माली, दिनेश भाटी, नवरत्न अग्रवाल, डॉ हिम्मत शर्मा, रमेश परिहार, सुरेश विश्नोई, बाबूलाल सोलंकी, रमेश शर्मा, मानाराम पुरोहित आदि व्यवस्था में मौजूद रहे। शिविर में रानीवाड़ा, धानेरा, जुंजाणी, बागोड़ा आदि आस पास के गावों के भी कई साधकों ने भाग लिया।
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