टीकाराम जूली ने कंवरलाल मीणा की सजा माफी पर जताया विरोध, राज्यपाल को सौंपा पत्र
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टीकाराम जूली ने कंवरलाल मीणा की सजा माफी पर जताया विरोध, राज्यपाल को सौंपा पत्र
अलवर / जयपुर ( 19 मई 2025 ) नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्यपाल हरीभाऊ बागडे को संविधान के अनुच्छेद 161 के अंतर्गत सजायाफ्ता अंता विधायक कंवरलाल मीणा की सजा माफी नहीं करने के लिए एक पत्र सौंपा है।
जूली ने पत्र के माध्यम से बताया कि विधायक अब तक कंवरलाल मीणा को 20 वर्ष पुराने विभिन्न आपराधिक प्रकरणों में दोषी मानते हुए एडीजे न्यायालय अकलेरा जिला झालावाड़ द्वारा 3 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई।
मीणा ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के सिर पर पिस्तौल तान दी थी।
उन्होंने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारी राजस्थान प्रशासनिक सेवा के उपखंड अधिकारी एवं तहसीलदार की गवाही को मुख्य आधार बनाते हुए न्यायालय द्वारा कंवरलाल मीणा को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई। उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें समर्पण किए जाने के निर्देश दिए गए।मीणा द्वारा राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राज्यपाल महोदय से माफी हेतु प्रयास किया जा रहे हैं।
जूली बोले अपराधी को शिथिलता दी जाती है तो इससे अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे।
उन्होंने बताया कि लिली थॉमस के प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय ने यह सुस्थापित किया है कि यदि किसी विधायक व सांसद को 2 वर्ष या उससे अधिक की सजा होती है किसी आपराधिक प्रकरण में हो जाती है तो वह तुरंत विधायक व सांसद पद से अयोग्य हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भी अभी तक मीणा की विधायक की समाप्त करने के आदेश जारी नहीं किए गए हैं जबकि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के मामले में मानहानि जैसे मामले 2 वर्ष की सजा सूरत के कोर्ट द्वारा पारित किए जाने के 24 घंटे के भीतर उनकी लोकसभा की सदस्यता समाप्ति कर दी गई।
जूली ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष को इस संदर्भ में तीन बार पत्र लिखे जा चुके हैं लेकिन आदिनांक तक इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं हुई है,यह बड़ा खेद का विषय है कि राजस्थान में गलत परंपरा का निर्माण करते हुए विधानसभा अध्यक्ष और राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पालना किए जाने के बजाय विधायक को बचाने के लिए नए रास्ते खोज रही है।
जूली ने पत्र के माध्यम से कहा कि आप संवैधानिक प्रमुख हैं और राजस्थान विधानसभा में पारित प्रस्ताव ओर लिए गए निर्णय देश के लिए अनुकरणीय रहे हैं,लेकिन मीणा के प्रकरण में विधानसभा सरकार द्वारा अपनाई जाने वाली शैली न्यायपालिका और विधायिका की विश्वनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
न्यायहित में आपके संरक्षण की आवश्यकता है इसलिए विधिक प्रावधानों का अनुचित लाभ लेने के उद्देश्य से सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर विराम लगाते हुए कंवरलाल मीणा के सजा माफी के प्रयासों को अस्वीकृत करते हुए राज्य का गौरवशाली इतिहास बनाए रखें।
इस दौरान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा,उपनेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा,मुख्य सचेतक रफीक खान,विधायक डूंगाराम गैदर, हाकिम अली,हरिमोहन शर्मा,भगवान सैनी,जाकिर हुसैन उपस्थित रहे।
JALORE NEWS
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