जालोर एमसीएच में 20 वर्षीय प्रसूता की संदिग्ध मौत: परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही और गुमराह करने का आरोप लगाया - JALORE NEWS
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जालोर ( 17 मई 2025 ) जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमसीएच जालोर में शुक्रवार रात चिकित्सा लापरवाही का सनसनीखेज मामला सामने आया है। 20 वर्षीय प्रसूता खुशबू देवी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। परिजनों ने महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. कमला भारती पर गंभीर लापरवाही और गुमराह करने का आरोप लगाया है।
परिजनों के अनुसार, खुशबू को डिलीवरी के लिए शुक्रवार दोपहर एमसीएच लाया गया था। डॉक्टर ने पहले सामान्य डिलीवरी की बात कही, लेकिन शाम होते-होते ऑपरेशन का निर्णय लिया गया। रात 8 बजे ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर बेहोशी के एक के बाद एक दो इंजेक्शन लगाए, जिससे खुशबू की हालत बिगड़ गई।
जिले के एमसीएच अस्पताल में शुक्रवार रात एक 20 वर्षीय प्रसूता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका की पहचान साथू गांव निवासी खुशबू देवी (पत्नी जितेन्द्र कुमार सरगरा) के रूप में हुई है। परिजनों ने इलाज में गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. कमला भारती पर बेहोशी के लिए एक के बाद एक दो इंजेक्शन लगाने और गलत जानकारी देकर गुमराह करने का आरोप लगाया है।
ताजा मामला: खुशबू देवी की संदिग्ध मौत
साथू गांव की रहने वाली खुशबू देवी को डिलीवरी के लिए जालोर एमसीएच लाया गया था। परिजनों के अनुसार, डॉक्टर कमला भारती ने ऑपरेशन से पहले एक के बाद एक दो बेहोशी के इंजेक्शन लगाए, जिससे खुशबू की हालत बिगड़ गई।
परिजन बताते हैं कि इंजेक्शन के बाद ही महिला की धड़कन बंद हो गई, बावजूद इसके डॉक्टर ने उन्हें पाली रेफर कर दिया। रास्ते में आहोर के निजी अस्पताल में डॉक्टर ने साफ कहा –
"यह महिला तो एक घंटे पहले ही मर चुकी है, शव लेकर क्यों घूम रहे हो?"
रात को परिजन एमसीएच लौटे और हंगामा करते हुए डॉक्टर पर सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। शनिवार को यह मामला प्रशासनिक गलियारों तक पहुंच गया।
डिलीवरी के लिए आई थी खुशबू, हालत बिगड़ने पर ऑपरेशन का निर्णय
मृतका के जेठ जेठाराम सरगरा के अनुसार, खुशबू की डिलीवरी के लिए शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे जालोर एमसीएच लाया गया था। डॉक्टर ने शाम 7 बजे तक सामान्य डिलीवरी का भरोसा दिलाया, लेकिन शाम होते-होते ऑपरेशन की बात कह दी। रात करीब 8 बजे ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर दो बेहोशी के इंजेक्शन लगाए गए, जिसके तुरंत बाद खुशबू की हालत बिगड़ गई।
बिना जानकारी दिए किया रेफर, रास्ते में खुला मौत का राज
परिजनों का आरोप है कि इंजेक्शन के बाद खुशबू की धड़कन बंद हो गई थी, लेकिन डॉक्टर ने स्पष्ट जानकारी नहीं दी और रात 9 बजे पाली रेफर कर दिया। एंबुलेंस में भी खुशबू की कोई हरकत नहीं थी, लेकिन डॉक्टर का कहना था कि यह एनेस्थीसिया का असर है। जालोर से कुछ दूरी पर ड्राइवर ने प्रसूता को आहोर के एक निजी अस्पताल में दिखाया, जहां डॉक्टर ने बताया कि महिला की मौत एक घंटे पहले हो चुकी है।
हॉस्पिटल में हंगामा, कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन
यह जानकारी मिलते ही परिजन रात 12 बजे शव को लेकर दोबारा जालोर एमसीएच लौटे और वहां जोरदार हंगामा किया। उन्होंने डॉक्टर पर लापरवाही और मौत छिपाने का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की। शनिवार सुबह परिजन कलेक्ट्रेट पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया। पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवाया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
"डॉक्टर भगवान होते हैं, लेकिन हमारे साथ अन्याय हुआ"
जेठाराम सरगरा ने कहा, "जब खुशबू की पहले ही मौत हो चुकी थी, तो हमें क्यों पाली रेफर किया गया? डॉक्टर ने कहा कि हमने तो कोशिश की थी। लेकिन क्या इसी को इलाज कहते हैं? हम डॉक्टर को भगवान मानते हैं, पर यहां तो हमारे साथ अन्याय हुआ है। डॉ. कमला भारती के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि किसी और की बहू-बेटी की जान यूं न जाए।"
ऐसे बिगड़ी हालत
परिजनों ने बताया कि शुक्रवार दोपहर करीब 2:30 बजे खुशबू को तबीयत बिगड़ने पर एमसीएच अस्पताल लाया गया। जांच में उसका ब्लड प्रेशर 160 पाया गया, जिस पर उसे एक दवा दी गई। डॉक्टरों ने बताया कि शाम तक सामान्य प्रसव की संभावना है। लेकिन देर शाम डॉक्टर ने ऑपरेशन की जरूरत बताई, जिस पर परिजनों ने सहमति दे दी।ऑपरेशन के दौरान बिगड़ी स्थिति
परिजनों का आरोप है कि रात 8 बजे ऑपरेशन थिएटर में खुशबू को दो बेहोशी के इंजेक्शन दिए गए, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बावजूद डॉक्टरों ने स्थिति स्पष्ट नहीं की और रात 9 बजे उसे पाली रेफर कर दिया। परिजनों का दावा है कि उस समय तक महिला की धड़कन बंद हो चुकी थी, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि यह बेहोशी के इंजेक्शन का असररास्ते में हुई मौत की पुष्टि
आरोप है कि पाली ले जाते समय रास्ते में आहोर के एक निजी अस्पताल में डॉक्टर ने एंबुलेंस में ही महिला की जांच की और बताया कि उसकी मृत्यु एक घंटे पहले ही हो चुकी है। इसके बाद परिजन रात 12 बजे शव लेकर जालोर अस्पताल लौटे और वहां जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को मोर्चरी में रखवाया गया।कलेक्ट्रेट पहुंचकर की कार्रवाई की मांग
शनिवार सुबह परिजन मृतका का शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला प्रशासन से डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। मृतका के जेठ जेठाराम सरगरा ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने गुमराह किया और महिला की मौत के बावजूद उसे रेफर कर दिया गया।पुलिस कर रही जांच
पुलिस ने परिजनों की ओर से दी गई रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अस्पताल प्रशासन से भी जानकारी जुटा रही है।2 साल पहले हुई थी शादी, पहली डिलीवरी थी
खुशबू देवी की शादी दो साल पहले जितेन्द्र कुमार से हुई थी। यह उनकी पहली डिलीवरी थी। इस दुखद घटना ने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि अस्पतालों में प्रसूताओं की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी, जांच की मांग तेज
फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। परिजन मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं। जालोर पुलिस पूरे घटनाक्रम की जांच में जुटी है।
"डॉक्टर भगवान होते हैं, लेकिन यहां तो मौत छुपाई गई"
मृतका के जेठ जेठाराम सरगरा ने कहा "हमने डॉक्टर से पूछा – जब मौत हो चुकी थी तो हमें क्यों गुमराह किया? डॉक्टर ने जवाब दिया – हमने कोशिश की थी। क्या इसी को इलाज कहते हैं?"
पहली डिलीवरी, उजड़ गया घर
प्रशासन मौन, जांच की मांग तेज
फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई बयान नहीं आया है। परिजनों ने डॉ. कमला भारती को निलंबित कर उच्चस्तरीय जांच और सख्त सजा की मांग की है।
एक ही अस्पताल, दो दर्दनाक घटनाएं... कब रुकेगा यह सिलसिला?
जालोर एमसीएच में दो प्रसूताओं और उनके नवजात शिशुओं की मौत ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर मातृ और शिशु स्वास्थ्य केंद्र में माताएं और बच्चे कितने सुरक्षित हैं? परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों द्वारा समय पर सही निर्णय न लेना, ऑपरेशन में देरी करना, दबाव डालकर डिलीवरी करवाना और मौत के बाद सूचना न देना – ये सब इस सिस्टम की गंभीर विफलता को उजागर करते हैं।
पहले भी सामने आ चुका है ऐसा ही मामला
कोलर गांव निवासी अजरु खां की पत्नी सपना बानू को 29 मई को डिलीवरी के लिए एमसीएच में भर्ती किया गया था। 31 मई को प्रसव के दौरान डॉक्टर चम्पा लाल की देखरेख में डिलीवरी करवाई गई। मृतका की जेठानी तायरा बानू के अनुसार,
"डॉक्टर पेट पर जोर-जोर से दबाव डाल रहे थे। हमने ऑपरेशन की मांग की, लेकिन अनसुनी कर दी गई।"
प्रसव के बाद जन्मी बच्ची की हालत बिगड़ गई। उसे SNCU में भर्ती किया गया और बाद में पाली रेफर कर दिया गया। रास्ते में नवजात की मौत हो गई। कुछ ही घंटों बाद मां सपना बानू की भी मौत हो गई।
जालोर में एमसीएच बना मौत का घर? जांच हो या जनआंदोलन?
अब वक्त आ गया है कि प्रशासन इस गंभीर मामले को नजरअंदाज न करे। जरूरत है स्वतंत्र जांच, डॉक्टरों की जवाबदेही और मेडिकल स्टाफ पर निगरानी की।
यह सिर्फ दो परिवारों की कहानी नहीं... यह सवाल है हजारों माताओं की जान का, जो हर दिन इसी अस्पताल में इलाज के लिए आती हैं ।
गर्भवती महिला की संदिग्ध मौत पर हंगामा, परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का लगाया आरोप - JALORE NEWS : निचे दिए गए लिंक पर क्लीक करे देखिए वीडियो - 👇👇
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