कंवरलाल पर कांग्रेस के तंज को लेकर जोगेश्वर गर्ग बोले- अपनी कमी भूलकर आरोप लगाना कांग्रेस की पुरानी आदत, राहुल गांधी पर कही ये बात
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कंवरलाल पर कांग्रेस के तंज को लेकर जोगेश्वर गर्ग बोले- अपनी कमी भूलकर आरोप लगाना कांग्रेस की पुरानी आदत, राहुल गांधी पर कही ये बात
जालौर ( 24 मई 2025 ) Jogeshwar Garg Statement on Kanwarlal Meena: राजस्थान विधानसभा में बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द करने के मामले पर सियासी घमासान जारी है। इसी बीच राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।
मुख्य सचेतक गर्ग ने कहा कि , कांग्रेस की आदत रही है कि वह हमेशा दूसरों पर आरोप लगाती है और अपनी कमियों को भूल जाती है। उन्होंने बीएसपी विधायकों के गैरकानूनी विलय का उदाहरण देते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। साथ ही कहा, बीएसपी के छह विधायकों का कांग्रेस में विलय पूरी तरह से गैरकानूनी था। इसके बावजूद कांग्रेस ने इस मामले को कोर्ट में घसीटते हुए लंबे समय तक लटकाए रखा और विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने तक कोई निर्णय नहीं होने दिया।
गर्ग ने कहा, अब वही कांग्रेस जो खुद कई बार नियमों को ताक पर रख चुकी है, विधानसभा अध्यक्ष के वैधानिक निर्णय पर सवाल उठा रही है। यह सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली जैसी स्थिति है।
‘इस्तीफा देने के नियम क्लियर’
गर्ग ने कहा कि विधायक पद से इस्तीफा देने के नियम स्पष्ट हैं। डाक से भेजा गया या किसी और के माध्यम से भेजा गया इस्तीफा तब तक मान्य नहीं होता, जब तक विधायक खुद स्पीकर को इस्तीफा न सौंपे, लेकिन कांग्रेस के लगभग 90 विधायकों ने स्वयं अपने हाथों से स्पीकर को इस्तीफा सौंपा, फिर भी उस पर सालों तक कोई निर्णय नहीं हुआ।
जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला पूरी तरह से नियमानुसार और समय पर लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक कानूनी कार्रवाई है और इसमें किसी प्रकार की राजनीतिक दुर्भावना नहीं है। भजनलाल सरकार इस मामले में शुरू से ही गंभीर रही है।
राहुल गांधी पर कही ये बात
वहीं, राहुल गांधी के संसद सदस्यता मामले से तुलना करने पर गर्ग ने कहा कि संसद और विधानसभा में कानून भले ही समान हो, लेकिन दोनों की परंपराएं अलग होती हैं। विधानसभा की परंपरा के अनुसार ही अध्यक्ष ने उचित कदम उठाया है।
इस्तीफों पर विधानसभा परंपरा का हवाला
कांग्रेस द्वारा विधायकों के इस्तीफों को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए गर्ग ने कहा, "नियम स्पष्ट है कि कोई विधायक जब स्पीकर को व्यक्तिगत रूप से इस्तीफा सौंपता है, तभी वह वैध माना जाता है. डाक या अन्य किसी माध्यम से भेजे गए इस्तीफे स्वीकार नहीं होते. लेकिन कांग्रेस के करीब 90 विधायकों ने अपने हाथों से तत्कालीन स्पीकर को इस्तीफा सौंपा, फिर भी वर्षों तक कोई निर्णय नहीं लिया गया, जबकि उस पर तत्काल निर्णय होना चाहिए था.”
उन्होंने कांग्रेस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, "आज वही लोग बीजेपी की कानूनी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं, जो खुद अतीत में संवैधानिक प्रावधानों को नजरअंदाज कर चुके हैं."
जोगेश्वर गर्ग ने BSP विधायकों के विलय पर उठाए सवाल
जोगेश्वर गर्ग ने अपने बयान में कांग्रेस को घेरते हुए कहा, "पिछले 5 वर्षों के कार्यकाल में BSP के 6 विधायकों का जो विलय हुआ था, वह पूरी तरह गैरकानूनी तरीके से किया गया. इसके बावजूद कांग्रेस ने इसे कोर्ट-कचहरी में उलझाकर वर्षों तक लंबित रखा. तारीख पर तारीख लेते रहे, लेकिन विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने तक कोई निर्णय नहीं होने दिया. अब वही लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं, यह तो वही बात हुई- ‘सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’. यह कांग्रेस की पुरानी फितरत है.”
JALORE NEWS
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