जांभाणी जीवनचर्या से कोरोना का बचाव संभव, -डॉ. उदाराम खिलेरी - JALORE NEWS
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जांभाणी साहित्य अकादमी, बीकानेर के तत्वावधान में कोरोना जागरूकता वेबीनार संपन्न - Corona awareness webinar concluded under the aegis of Jambhani Sahitya Academy, Bikaner
JALORE ( 6 मई, 2021 2021 ) त्रिदिवसीय वेबीनार के अंतिम दिवस को मंगलवार 04 मई, 2021 को सांध्य समय (4.30PM -7.30 PM) आयोजित आनलाइन जूम सत्र के दौरान, गुरु जांभोजी द्वारा प्रवर्तित जांभाणी दर्शन के परिप्रेक्ष्य में, कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव पर प्रभावी चर्चा हुई । जूम संगोष्ठी में प्रख्यात जांभाणी संत आचार्य (डॉ) श्री गोवर्धन राम जी का दिग्दर्शी सान्निध्य रहा ।
उन्होंने बताया कि जांभाणी जीवनचर्या के प्रतिबद्ध परिपालन से ही कोरोना के कहर से निजात संभव है । भीनमाल निवासी युवा कथावाचिका और संगीतज्ञ डॉ मधु विश्नोई ने कोविड प्रतिरोधी आयुर्वेद चिकित्सा के बारे में ज्ञानवर्धक जानकारी दी !चिमड़ावास सांचौर के पर्यावरणविद् व समाजसेवी सूबेदार केहराराम गोदारा ने कोविड शिष्टाचार के व्यवहारिक आयामों के बारे में बताया ! जांभाणी साहित्य अकादमी के जालौर जिला संयोजक व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. उदा राम खिलेरी ने, ग्राम्य जीवन में कोरोना के दुष्प्रभावों की विवेचना करते हुए,
बचाव के उपाय निर्दिष्ट किये !पृथ्वी सिंह गीला (रिटायर्ड जीएमईओ) ने हिसार के निकटवर्ती देहात में फैले कोरोना संक्रमण की वर्तमान वस्तुस्थिति चित्रित की ।बाड़मेर से जुड़े डॉ बंशी लाल ढाका ने ग्राम्यांचल में व्याप्त कोरोना विभीषिका पर चिंता जताते हुए शासकीय प्रोटोकॉल के पूर्ण परिपालन की आवश्यकता जताई ।जांभाणी साहित्य अकादमी के कोषाध्यक्ष इंजि. आर के विश्नोई (लाडाणा, सूरतगढ़) ने, कोविड से बचाव हेतु पारंपरिक प्राकृतिक औषधियों के उपयोग पर बल दिया । जूम वेबीनार के उद्घोषक शंकर लाल कड़वासरा (भोजाकोर) ने कोविड-19 की द्वितीयक लहर और नियंत्रण प्रयासों के बारे में वक्तव्य दिया । वेबीनार के संपूर्ण कार्यक्रम का गुणवत्तापूर्ण तकनीकी संयोजन, राजकीय पोलिटेक्नीक महाविद्यालय बीकानेर के सहायक निदेशक डॉ लालचंद विश्नोई ने किया ।पुस्तकालय विज्ञान के विशेषज्ञ डॉ हरिराम विश्नोई ने वेबीनार कार्यक्रम की समग्र रूपरेखा निर्धारित की और संचालकीय सूत्रों का सतत निर्वहन किया । डीएवी कॉलेज हिसार में हिंदी के प्रोफेसर और जांभाणी साहित्य अकादमी के महासचिव डॉ सुरेन्द्र कुमार खीचड़ ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि,भविष्य में भी इस साहित्यिक संस्था द्वारा सामाजिक सरोकार के प्रेरणीय प्रकल्प आयोजित किये जाते रहेंगे ।
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