सूदखोरों से परेशान व्यापारी ने सुसाइड किया:70 हजार के 3 लाख दे चुका , लिखा- मुझे बर्बाद कर दिया, इज्जत बचाने का यही तरीका- JALORE NEWS
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सूदखोरों से परेशान व्यापारी ने सुसाइड किया:70 हजार के 3 लाख दे चुका , लिखा- मुझे बर्बाद कर दिया, इज्जत बचाने का यही तरीका- JALORE NEWS
जालोर / रानीवाड़ा ( 18 अप्रेल 2022 ) सूदखोरों से परेशान किराना व्यापारी ने जहर खाकर सुसाइड कर लिया। व्यापारी के पास एक चार पेज का सुसाइड नोट मिला। लिखा- मेरी मौत का कारण कर्ज है। सिर्फ 70 हजार का कर्ज लिया था। इसके 3 लाख रुपए चुका दिए थे। अभी भी एक लाख रुपए की डिमांड की जा रही थी। ब्याज भरने के लिए मेरे हिस्से की जमीन, गहने, रहने का घर भी गिरवी रख दिया। दस गुना ब्याज हर महीने वसूलते हैं। पैसे देने के बाद बोलते हैं कि वो ब्याज में गए। मामला जालोर जिले के जसवंतपुरा इलाके का है। व्यापारी ने चार पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उसने मुख्यमंत्री से न्याय दिलाने की गुहार की है।
किराना व्यापारी दिनेश पुरी (35) ने 13 अप्रैल को घर पर तड़के 4 बजे जहर खा लिया था। घटना के वक्त घर पर पत्नी और बच्चे मौजूद थे। पत्नी ने दिनेश को बेसुध हालत में देख पास ही रहने वाले देवर गुलाब पुरी को बुलाया। उसे भीनमाल राजकीय हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां से उसे गुजरात के पालनपुर रेफर कर दिया गया। ज्यादा हालत खराब होने पर घरवाले उसे उदयपुर के गीतांजलि हॉस्पिटल ले गए। जहां रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई।
रविवार देर शाम परिजन शव लेकर जसवंतपुरा सीएचसी पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम किया। सीएचसी के पास सुंधामाता तिराहे पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी होने पर ही शव लेने पर अड़ गए। विरोध-प्रदर्शन को बढ़ता देख रात 11 बजे जालोर SP हर्षवर्धन जसवंतपुरा पहुंचे। SP ने ग्रामीणों से समझाइश कर जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। इसके बाद लोगों ने विरोध-प्रदर्शन खत्म कर शव को उठाया। सोमवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया। व्यापारी के दो बेटे और एक बेटी हैं।
पढ़िए 4 पेज का सुसाइड नोट
मेरे सुसाइड का कारण कर्ज है। मैंने धर्मसिंह से 70 हजार रुपए लिए थे, उसके बदले में 3 लाख से ज्यादा दे चुका था। मुझे 1 लाख रुपए और देने की मांग कर परेशान करते हैं। दुकान पर धंधा नहीं करने देते हैं। मैंने इज्जत की खातिर सब कुछ बेच दिया था। मेरे हिस्से की जमीन, मेरे गहने-जेवरात रहने का घर भी गिरवी रख दिया था। फिर भी ये लोग परेशान करते हैं। 10 सैकड़ा ब्याज हर महीने वसूलते हैं। पैसे ले जाने के बाद बोलते हैं कि ये तो पैसे ब्याज में गए। क्या करूं इज्जत रखने के लिए मैं सब कुछ दे चुका था। मैं पूरी तरह परेशान हो चुका था, क्योंकि चेक दिए हुए थे, बोलते थे या तो ब्याज दो नहीं तो चेक लगाते हैं।
मेरी कोरोना काल में ऐसी स्थिति खराब थी, फिर भी मुझे प्रताड़ित किया गया। दुकान खुली तो सबने ब्याज जोड़कर एक के दो-तीन ले लिए। दुकान खोलने के बाद जितना भी व्यापार किया, वह सब ब्याज में ले गए। फिर भी दुकान पर पर्दा लगाने की धमकी देते हैं। अब तो सब कुछ बेच चुका था, मुझे इतना परेशान कर रहे थे कि मत पूछो। दुकान पर माल लाना भी मुश्किल हो गया, अब तो मेरे पास मौत के सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचा था। मेरा एक ही सहारा था दुकान पर, मुझे वहां भी बैठने नहीं देते थे। मेरे घर आकर धमकी देते थे।
शराब पीकर गाली गलौज व दुकान पर पर्दा लगाने की धमकी देते थे, इसलिए मैं इधर-उधर करके दे रहा था। यह लोग इतनी भी दया नहीं करते थे कि मेरे छोटे छोटे बच्चे हैं, कमाने वाला में एक। दो तीन जने ऐसे दयावान भी थे उन्होंने दो के ब्याज से पैसे दिए थे। मगर 10 सैकड़ा वाले परेशान करते थे। मैंने अभी नवरात्रि 9 दिन दुकान खोली तो 40 हजार का 9 दिन में व्यापार किया और 80 हजार उनको देने पड़े। दुकान पर माल भी लाना मुश्किल हो गया था। जैसे ही व्यापार हुआ वह शाम को खाली हो जाता था, नहीं देता तो झगड़ा व धमकी देते थे। अब तो कोई सहारा नहीं था, पुलिस केस भी दर्ज नहीं करवा सकता था। वह पुलिस को भी कहीं से दबाव डलवा सकते थे।
मेरी दुकान 40 साल पुरानी थी और मेरे बाप के हाथ की पेढ़ी थी, इसलिए मुझे दुकान रखनी जरूरी थी।
मेरी एसपी महोदय, कलेक्टर महोदय, मुख्यमंत्री महोदय सहित समाज के बंधुओं से मेरी विनती है मुझे न्याय दिलाने और मेरे छोटे छोटे बच्चे की रक्षा व मेरे परिवार की सुरक्षा कराएं। मेरी बड़े अफसरों से विनती है कि न्याय दिलाने में मेरे बुड्ढे मां-बाप का ध्यान रखना।
- दिनेश गोस्वामी, मृतक
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