दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा भव्य सत्संग का शुभारंभ - JALORE NEWS
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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा भव्य सत्संग का शुभारंभ - JALORE NEWS
जालौर ( 14 नवम्बर 2022 ) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा उमेदाबाद के सत्यनारायण मंदिर में तीन दिवसीय भव्य सत्संग का 14 नवंबर को शुभारंभ हुआ। इस दिव्य महा सत्संग में प्रवचन करने हेतु जोधपुर से संस्थान की साध्वी बहनों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। सत्संग के पहले दिन ही भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। साध्वी बहनों ने सुमधुर भजनों का भी गायन किया। भजनों की सुंदरता सुर से ज्यादा भजनों में गाए हुए शब्दों में थी जिसका मर्म सभी भक्तो ने समझा।
सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी जानकी भारती जी ने प्रवचनों में अध्यात्म के गूढ़ रहस्यों के विषय में बताया और जीवन की वास्तविकता सभी को समझाई, कि यह जीवन क्षणभंगुर है और हमे इस जीवन में रहते हुए अपने सारे काम और जिम्मेदारियों को निभाते हुए ईश्वर को पाना ही होगा। क्योंकि मानव जीवन हमे इस ही उद्देश्य से मिला है। आज सभी लोग केवल धन संचित करने के लिए ही लगे हुए हैं। पूरा जीवन इस पेट को पालने में ही लग जाता है। इस ही विषय में साध्वी जी ने सिकंदर का दिश्तांत सुनाते हुए समझाया की ‘सिकंदर के भी हौसले तो आली थे पर जब वो संसार से गया तो दोनो हाथ खाली थे’।
कोई चाहे कितना भी धन संचित कर ले अपने साथ एक कतरा भी साथ नहीं ले जा सकता है मृत्यु के बाद। इसलिए जीवन की इन स्वांसों को भक्ति के लगाना जरूरी है तभी हम अपना कल्याण कर सकते हैं। लेकिन वास्तव में भक्ति होती क्या है। क्या सिर्फ भगवान के मंदिर चले जाना या व्रत उपवास कर लेना या बड़ी बड़ी आध्यात्मिक किताबें पढ़ लेना भक्ति है। इस ही रहस्य से पर्दा उठाते हुए साध्वी जी कल सत्संग में समझाएंगे की ऋषियों ने ये प्रथाएं केवल एक प्रतीक के रूप में हमे दी है।
और इनका संकेत समझ कर हमे ईश्वर का दर्शन करना है। जी हां भक्त जनों ईश्वर का साक्षात दर्शन और वह कैसे हो सकता है ये ही हमे कल के सत्संग में पता चलेगा। इसलिए अपने सभी संगी साथियों को समय से जरूर ले कर आएं। सत्संग कार्यक्रम का समय है दोपहर 3 बजे से 5 बजे तक आयोजित होगा ।
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