राजस्थान का चमत्कारी मंदिर जिसमें बुलेट की हाेती है पूजा, यहां हर वाहन चालक लगाता है धाेक , यहां होती मनोकामना पूरी - JALORE NEWS
![]() |
Miraculous-temple-of-Rajasthan-in-which-bullet-is-worshiped |
राजस्थान का चमत्कारी मंदिर जिसमें बुलेट की हाेती है पूजा, यहां हर वाहन चालक लगाता है धाेक , यहां होती मनोकामना पूरी - JALORE NEWS
पाली ( 15 नवम्बर 2022 ) ओम बन्ना एक पवित्र दर्शनीय स्थल है जो राजस्थान के पाली जिले के चोटिला गांव में स्थित है। ये पाली शहर से २० किमी तथा जोधपुर से ५३ किमी दूर है। यहाँ लोग सफल यात्रा और मनोकामना मांगने दूर-दूर से आते हैं। अनेक बुद्धिजीवी इस स्थान के बारे में मानते हैं कि ओम बन्ना का स्थान है। क्यों कि ये एक बुलेट के रूप में पूजे जाते हैं तथा ये मंदिर पूरी दुनिया का अनोखा और एक मात्र बुलेट मंदिर है। [
आइए आपको बतातें है कि 34 साल पहले ऐसा क्या हुआ कि लोग करने लगे बुलट की पूजा। आज भी जुटती है भीड़।
ओम बन्ना की पूरी कहानी हिंदी में – Om Banna का परिचय
राजस्थान का वो चमत्कारी मंदिर जँहा पर होती बुलेट बाइक की पूजा। इस मंदिर के पास से गुजरने वाला हर वाहन चालक लगाता है धोक। जानिए ओम बन्ना की पूरी कहानी | राजस्थान वीरो की भूमी में ऐसा कोई गांव या जगह नहीं है, जहां पर कोई झुंझार के देवालय नहीं हो। ओम बन्ना का नाम ओम सिंह राठौर है जो की आज ओम बन्ना (English:- Om Banna, Hindi:- ॐ बन्ना ) के नाम से विख्यात है। जिला पाली, राजस्थान (ओम बन्ना धाम, गाँव चोटिला):- ओम बन्ना का जन्म विक्रम सम्वत २०२१ में वैशाख शुदी अष्टमी चांदनी रात 5 मई को पाली जिले के चोटिला गांव में ठाकुर जोग सिंह राठौड़ (Source) के घर हुआ था।
ओम बन्ना की माता का नाम स्वरूप कंवर था। ओम बन्ना के पुत्र का नाम पराक्रम सिंह राठौर है। ओम बन्ना को बुलेट बाबा के नाम से भी जाना जाता है।
ओम बन्ना का एक्सीडेंट कैसे हुआ? How did Om Banna's accident happen?
2 दिसम्बर वर्ष 1988 में शादी के कुछ महीनो बाद ही ओम बन्ना अपनी बाइक बुलेट से अपने ससुराल बगड़ी साण्डेराव से चोटिला गांव की तरफ जा रहे थे। पाली शहर से 17 किलोमीटर दूरी पर जोधपुर – अहमदाबाद राजमार्ग (NH-162) पर बाड़ाई गांव के पास रात्रि के 8 बजे कुछ प्रकाश की दिव्ये रौशनी दिखाई दी।
जब यह तीव्रमयी दिव्ये रौशनी ओम बन्ना की आँखों में पड़ी तो कुछ समय के लिए उनको दिखाई नहीं पड़ा और उनकी बुलेट बाइक पास में खड़े एक पेड़ से जा टकराई। पेड़ से टकराने के बाद कुछ ही क्षणों में ओम बन्ना का वहीँ पर देवगमन हो गया।
इस हादसे की खबर पाकर नजदीकी सदर थाना रोहिट की पुलिस वहां पर आयी, और शव का पंचनामा कर और आवश्यक खानापूर्ति करके उनके शव को परिजनों को सौंप दिया तथा बुलेट बाइक जिसका नंबर RNJ 7773 था उसको अपने साथ पुलिस थाने में ले गयी।
इसी के साथ चालू हुआ चमत्कारों का सिलसिला। हादसे के दूसरे दिन सुबह वही बाइक थाने से अपने आप चलकर उसी स्थान पर आ गयी जहाँ पर एक्सीडेंट हुआ था। पुलिस वाले वापिस बुलेट बाइक को थाने ले गए। उसके अगले दिन फिर यही घटना घटी।
पुलिस ने बाइक को लेकर एक कमरे में बंद करके और मजबूती से ताला लगा दिया। लेकिन फिर वही बाइक हादसे वाली जगह आ गयी। थाने में पुलिस ने बाइक को जंजीरो से भी बांध दिया लेकिन यही सिलसिला 3 – 4 दिन लगातार चलता रहा बाइक अपने आप चलकर अपने स्थान पर आ जाती थी।
वहां पर कुछ ग्रामीणों ने बुलेट बाइक को बिना चालक के सड़क पर चलते हुए भी देखा था। अंत में ओम बन्ना के पिता जोग सिंह जी और प्रत्यदर्शी ग्रामीणों की भावनाओ को देखते हुए पुलिस ने उस बाइक को हादसे वाली जगह पर ही रखने का फैसला लिया।
कुछ समय बीतने के पश्चात् ओम बन्ना ने अपनी दादीसा श्रीमती समंदर कँवर को सपने में दर्शन दिए तथा कहा की जहाँ पर मेरी दुर्घटना हुई वहां पर एक चबूतरा बनाया जाये, तभी मुझे शांति मिलेगी। उसके बाद वहां पर एक चबूतरा बनवाया गया तथा बाइक को वहीँ पर रखकर चन्दन का टिका लगाकर माल्यापर्ण किया गया।
तब से लेकर आज तक ओम बन्ना की दिव्ये ज्योत हर समय जलती रहती है और दूर दूर से भक्तगण उनके दर्शनों के लिए आते है। उनके जन्म दिवस पर बड़े बड़े जागरण भी होते है।
बताते है की ॐ बन्ना की हर माह की चांदनी अष्टमी को भव्ये पूजा अर्चना होती है तथा रात्रि जागरण भी होते है। लोगो की ऐसी अवधारणा है की उस एरिया में उसके बाद वहां कोई सड़क दुर्घटना नहीं हुई है ।
श्री ओम बन्ना (Om Banna) के कुछ प्रत्यदर्शी चमत्कार |-
जोधपुर मार्ग पर चलने वाले शायद ही कोई ऐसा वाहन चालक होगा जो ओम बन्ना के धोक नहीं लगाता हो।
जोधपुर जिले के राजकुमार शिवराज सिंह पोलो खेलते वक्त घोड़े से गिर गए थे और उनको गहरी चोट लगी थी डॉक्टरों ने मना कर दिन था। तब जोधपुर महारानी हेमलता ने ओम बन्ना के यहां आकर मन्नत मांगी थी और उसके अगले ही क्षण अमेरिका से खबर आयी की उनकी हालत अब खतरें से बाहर है।
एक समय प्रवासी सिद्धांत और उनकी पत्नी का एक्सीडेंट जोधपुर के निकटवर्ती इलाके में होता है, सिद्धांत की हालत खतरे में होती में है तो उनकी पत्नी ने बहुत से वाहन चालकों से मदद मांगी लेकिन कोई भी नहीं रुकता है। तभी वहां पर एक बुलेट सवार वहां पर आता है और उनको हॉस्पिटल लेके जाता है जाते समय उसने अपना नाम ओम सिंह बताया।
जब वापिस जाते समय वो लोग Om Banna के धाम पर दर्शन के लिए रुकते है तो वह पर खड़ी बुलेट बाइक और ओम बन्ना की तस्वीर देखकर बोले यह वहीँ है जिन्होंने हमे अस्पताल पहुंचाने में मदद की थी।
हर मनाेकामना पूरी करते हैं बुलेट बाबा - Bullet Baba fulfills every wish
ओम बन्ना देवल पर आने वाले अधिकांश श्रद्धालु मन्नत मांगने या मन्नत पूरी होने की बात करते है। सूरज, नागौर क्षेत्र, मध्य प्रदेश से आए श्रद्धालुओं से बात करने पर उन्होंने ओम बन्ना देवल आने के बाद उनकी इच्छा पूरी होने की बात की। कई लोग अपने मित्रों व विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में ओम बन्ना के बारे में पढक़र देवल पर मत्था टेकने की बात कही। ओम बन्ना देवल पर आने वाले श्रद्धालुओं से बातचीत में एक ही बात सामने आई कि ओम बन्ना उनकी इच्छा पूरी करते है।
अपने आप थाने से देवल पर आ गई थी बाइक ! - The bike had come to Deval on its own from the police station
एक श्रद्धालु ने बाइक अपने आप देवल पर आने की बात कही, लेकिन इसके बाद नकार दिया। हालांकि यह किवदंती हर कोई बताता है कि ओम बन्ना के देवलोक गमन के बाद उनकी बाइक अपने आप पुलिस स्टेशन से देवल पर आई थी। एक बुजुर्ग से बात करने पर उनका कहना था कि ओम बन्ना ने उनको उम्मीद से ज्यादा दिया है। इस कारण वे परिवार के साथ यहां आते है। ओम बन्ना के देवलोक गमन होने के समय केरला थाना हुआ करता था। जबकि रोहट में पुलिस चौकी थी। वहां का स्टॉफ तीस वर्ष में बदल चुका है। इसके बावजूद वहां कुछ लोगों को आेम बन्ना के सम्बन्ध में किवदंती पता है, लेकिन उस समय मौजूद नहीं होने के कारण वे स्पष्ट नहीं बताते है।
पुण्यतिथि पर देशभर से श्रद्धालु पहुंचेगे श्रद्धालु - Devotees will reach from all over the country on the death anniversary
मान्यता है कि यहां पर दिव्य शक्ति है। बहुत से लोग ये भी दावा करते हैं कि उन्होंने आेम बन्ना से मिलती-जुलती आकृति को दुर्घटनास्थल के पास देखा है। लोग कहते हैं कि इस मार्ग पर अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती थीं लेकिन पिछले कुछ सालों में इसमें काफी कमी आर्इ है। बुलेट बागा के मंदिर में दूर-दूर से श्रद्घालु आते हैं आैर मनौतियां मांगते हैं। आेम बन्ना की एनफील्ड बुलेट को एक शीशे के आवरण में आज भी मंदिर में रखा गया है, जो लोगों की आस्था का केन्द्र है। ओमबन्ना की 29 वीं पुण्यतिथि शनिवार को पाली-जोधपुर राजमार्ग पर स्थित देवळ पर मनाई जाएगी। ओमबन्ना की पुण्यतिथि पर देशभर से श्रद्धालु ओमबन्ना देवळ पर पहुंचेगे।
ओम बन्ना देवल पर सुबह सवा सात बजे होती है आरती - Om died in a road accident
ओम बन्ना देवल पर सुबह सात बजे आरती की जाती है। इसके बाद शाम को भी सात बजे आरती की जाती है। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है। आरती व पूजन यूं तो ओम बन्ना के परिजन ही करते है। कई बार उनके नहीं पहुंचने पर एक ब्राह्मण की ओर से आरती की जाती है। आरती करते समय घंटे-घडि़याल के साथ ही ढोल व थाली भी बजाए जाते है। यहां बैठे ठोल वाले ओम बन्ना के भजन गाते है। यहां धूप-दीप करने के लिए भी गांव के ही कुछ लोग लगे हुए है।
सड़क हादसे में हुआ था ओम का देवलोकगमन - Om died in a road accident
चोटिला गांव के रहने वाले ओम बन्ना का देवलोकगमन 1988 में देवल वाले स्थल पर ही उगे एक पेड़ से बाइक टकराने के कारण हुआ था। उनके पुत्र महान पराक्रमसिंह का कहना है कि उनके पिता जीवन काल में समाजसेवा के लिए समर्पित थे। हमेशा लोगों की सहायता करते थे। उनके देवलोगमन के बाद उनकी बाइक पुलिस थाने में अपने आप स्टार्ट हो गई थी। उन्होंने निधन के दो-तीन बाद ही अपनी मां को सपने में आकर देवलोकगमन स्थल पर देवल बनाने को कहा। इसके बाद यहां देवल की स्थापना की गई। जो आज लोगों की आस्था का केन्द्र बन गया है।
दुर्घटना के बाद जब ओम बन्ना की बुलेट को थाने ले जाया गया - When Om Banna's bullet was taken to the police station after the accident
दुर्घटना में मृत्यु के बाद मौके पर पहुंची रोहट थाने की पुलिस ने उनकी गाड़ी को थाने ले गई। लेकिन अगली सुबह की घटना ने सबको चौंका दिया। क्योंकि जब पुलिस को उनकी गाड़ी थाने में नहीं मिलकर उस एक्सीडेंट वाली जगह पर मिली।
यह सब देखकर पुलिस हैरान थी।सूचना मिलने पर पुलिस गाड़ी को फिर से थाने ले आई लेकिन अगली सुबह गाड़ी थाने से गायब होकर, उसी दुर्घटना स्थल पर पहुंच गई।
बार-बार बाइक का घटनास्थल पर पहुंच जाने पर पुलिस को शक हुआ तो गाड़ी को फिर से थाने में लाकर एक चैन से बांध दिया गया। और इसकी निगरानी की गई, और तब पुलिसकर्मियों ने देखा कि जंजीरों में बंधी गाड़ी अपने आप स्टार्ट हुई और जंजीरे तोड़कर उसी दुर्घटना स्थल पर पहुंच गई।
बार-बार बाइक का घटनास्थल पर पहुंच जाने पर पुलिस को शक हुआ तो गाड़ी को फिर से थाने में लाकर एक चैन से बांध दिया गया। और इसकी निगरानी की गई, और तब पुलिसकर्मियों ने देखा कि जंजीरों में बंधी गाड़ी अपने आप स्टार्ट हुई और जंजीरे तोड़कर उसी दुर्घटना स्थल पर पहुंच गई।
इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सोचा कि गाड़ी को ओम सिंह राठौड़ के घर पर खड़ा कर दिया जाए। लेकिन घर से भी बाइक उसी घटना स्थल पर पहुंच गई। बार-बार बाइक का घटनास्थल पहुंच जाना देखकर, ओम बन्ना के पिताजी ने इसे ओम बन्ना की इच्छा माना और बाइक को दुर्घटना स्थल पर चबूतरा बनवा कर खड़ा कर दिया।
वहां के लोगों की मान्यता - recognition of the people there
वहां पर रहने वाले आस-पास के लोगों और बुजुर्गों का कहना है कि है, इस दुर्घटना के बाद ओम बन्ना की आत्मा अक्सर वाहनों को दुर्घटना से बचाने के उपाय करते व चालकों को रात्रि में दुर्घटना से सावधान करते दिखाई देने लगे। लोगों की कहना है कि ओम बन्ना की आत्मा उस दुर्घटना सोने से पहले गाड़ियों को या तो रोक देती थी या फिर उनकी रफ्तार धीमी कर देती थी।
जिससे कि कोई व्यक्ति अकाल मौत का शिकार ना हो, और उसके बाद आज तक वहाँ दुबारा कोई दूसरी दुर्घटना नहीं हुई।आज भी इस रास्ते पर जाने वाला हर यात्री ओम बन्ना और उनकी बाइकसे नमन करके ही आगे बढ़ता है। और अपनी उज्जवल यात्रा के लिए मनोकामना करता है।
ओम बन्ना के मरने के बाद भी उनकी आत्मा द्वारा इस तरह का अच्छा काम करते देख वहा के स्थानीय लोगों में उनके प्रति श्रद्धा की भावना बढ़ती गई, और इसी श्रद्धा का नतीजा है कि ओम बना के इस स्थान पर हर वक्त उनकी पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ लगी रहती है, और उस सड़क से गुजरने वाला हर यात्री यहाँ रुक कर ओम बना से सफल यात्रा के मनोकामना कर ही आगे बढ़ता है।
JALORE NEWS
नया अदाजा में
सिरोही जालोर की ताजा खबर
राजस्थान की ताजा खबर
जालोर की तहसील से जुडी खबर
काईम खबर के साथ
today जालोर न्यूज़ आज तक
Job की ताजा खबर अन्य खबर के साथ
देश विदेश की खबर
खबर और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करें
एक टिप्पणी भेजें