SANCHOR NEWS देशी फ्रीज की मांग बढ़ी, ताजगी महसूस नहीं होती
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SANCHOR NEWS देशी फ्रीज की मांग बढ़ी, ताजगी महसूस नहीं होती
रमेश प्रजापति मूली
साँचोर ( 24 मई 2023 ) SANCHOR NEWS गर्मियों में कभी मिट्टी शहर में इन दिनों गर्मी अपने चरम के मटके हर घर की सबसे सुकून पर है गर्मी से बचाव के लिए देसी देने वाली चीज़ हुआ करती थी। मटके का पानी कुदरती ठंडा और मीठा हुआ करता था। मटके को और ठंडा रखने के लिए तमाम तरह के जतन किए जाते थे।
कभी उस पर गीला कपड़ा लपेट दिया जाता, तो कभी आस-पास रेत रख दी जाती। लेकिन वक्त बदला और मटके का स्थान धीरे-धीरे घरों से ख़त्म होता गया। तकनीक अक्सर कुदरत पर हावी दिखाई देती है। लेकिन मटके को पूरी तरह से खत्म होने से अब भी बचाए रखे हैं कुछ लोग ।
फिज की बर्फानी ठंडक के बावजूद भी, जब तक मटके का पानी ना पिएँ तरावट व शरीर में
फीज यानी मटको की मांग मे तेजी देखने को मिल रही है इस बार भाव आसमान छू रहे हैं बीच का मटका डेढ सो रुपए व उससे बड़ा मटका ढाई सौ व 300 रू में बिक रहा है
मटके विक्रेताओं ने बताया की राजस्थान में माटी कला बोर्ड का गठन होने के बावजूद आज तक इस बोर्ड से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुमारों को किसी भी तरह का फायदा नहीं मिला है यहां तक कि पश्चिमी राजस्थान के साँचोर रानीवाड़ा भिनमाल बागोड़ा चितलवाना झाब सहित कई गांवों व कस्बों में आज भी हजारो लोग मिट्टी के बर्तन बनाने का कार्य कर रहे हैं।
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