बड़ी खबर राजस्थान में होगा 10 संभाग और 50 जिले वाले राजस्थान वही 19 जिला की मंजूरी मिली
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बड़ी खबर राजस्थान में होगा 10 संभाग और 50 जिले वाले राजस्थान वही 19 जिला की मंजूरी मिली
सीएमआर पर मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने कहा कि नए जिलों के गठन के लिए जो हमने कमेटी बनाई थी, उसका कार्यकाल हमने 6 माह और बढ़ा दिया है ताकि जिन क्षेत्रों से नए जिले बनाने की और मांग आ रही है, उनका हम परीक्षण 1 करवा सकें और उसके बाद उन क्षेत्रों के संबंध में भी उचित निर्णय ले सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले का बड़ा क्षेत्र होने के कारण कलेक्टर एसपी लोगों की उम्मीद के अनुसार काम नहीं कर पाते हैं, राजस्थान की भौगोलिक स्थिति सभी को पता है। कई जिला मुख्यालय को दूरी तो 200 किलोमीटर से भी ज्यादा होने के कारण लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। हमारा विजन 2030 है, उसमें सभी सहयोग करें। इसमें इंटेलेक्चुअल लोग जो भी सुझाव देना चाहे वह दे सकते हैं कि विजन 2030 में क्या होना चाहिए? मध्यप्रदेश और राजस्थान की आबादी बराबर है, लेकिन मध्य प्रदेश में 53 जिले, छत्तीसगढ़ में दो करोड़ की आबादी है, जहां 33 जिले हैं। कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नए जिला बनना बहुत जरूरी था, कई बार ऐसी घटना हो जाती है
जिसमें कलेक्टर एसपी का पहुंचना मुश्किल हो जाती है। जिलों के लेकर बनी कमेटी का कार्यकाल हमने 6 महीने और बढ़ा दिया है ताकि जो नई मांग है उनके जिले पढ़ने में अगर कोई संभावनाएं सामने आती है तो उस पर निर्णय ले सकें। आजादी के बाद इस कार्यकाल में ऐतिहासिक फैसले हुए हैं। राहुल गांधी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गहलोत ने कहा कि ये फासिस्ट सोच के लोग हैं जिन्होंने राहुल गांधी को लेकर कई कमेंट्स किए। राजस्थान में किसकी सरकार रिपीट होने जा रही है जनता में ऐसा माहौल है पैरों में जो चोट लगी है उसके भी सार्थक परिणाम आ रहे हैं अगर यह चोट चुनाव से 2 महीने पहले लग जाती है तो मैं कैसे चुनाव प्रचार कर पाता जिस तरह के मणिपुर के साथ राजस्थान में छत्तीसगढ़ को बोल जोड़कर दवा बोला जाता है इसे लेकर कई तरह के जनता में कमेंट हो रहे हैं जनता पूरी मानस बना चुकी है कि कांग्रेस की सरकार को वापस रिपीट करना है ऐसा मैंने आज तक के इतिहास में कभी नहीं देखा है कि चुनाव के 3 महीने पहले जनता इस तरह का मानस बनाएं। आने वाले समय में राजस्थान भी अग्रणी राज्यों की श्रेणी में सबसे आगे होगा।
जो तीन नए संभाग बनाए गए हैं उनमें बांसवाड़ा, पाली और सीकर शामिल हैं. इसके साथ ही 19 नये जिले-अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर शहर, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, कोटपूतली, खैरथल, नीमकाथाना, फलोदी, सलूम्बर, सांचौर और शाहपुरा के गठन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। नए जिलों के परिसीमन को लेकर राजस्व विभाग ने पहले ही गजट नोटिफिकेशन तैयार कर लिया था. कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई. जिलों के परिसीमन एवं अधिसूचना की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया है। राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में बताया कि नए जिलों के गठन से लोगों को फायदा मिलेगा. साथ ही प्रशासनिक दृष्टि से भी काम आसान होगा. इससे राज्य के विकास को नई गति मिलेगी. राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि यह आम जनता का सम्मान है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लिए गए फैसले से प्रशासनिक कामकाज में आसानी होगी. जनसंख्या तो बढ़ी लेकिन जिले नहीं बढ़े। इससे जिला कार्यालयों पर दबाव बढ़ गया था.
पहले राजस्थान में थे 33 जिले
राजस्थान में इससे पहले श्रीगंगानगर, धौलपुर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, करौली, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, पाली, दौसा, जयपुर, सिरोही, झुंझुनू, सीकर, बूंदी, बारां, झालावाड़, कोटा, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, राजसमंद, बाड़मेर, जालौर, भरतपुर, जोधपुर , अलवर, प्रतापगढ़, अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर, टोंक और उदयपुर समेत 33 जिले थे।
राजस्थान के 19 नए जिले
बालोतरा, ब्यावर, अनूपगढ़, डीडवाना (कुचामन), डीग, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली (बहरोड़), खैरथल, नीमकाथाना, फलौदी, सलूंबर, सांचोर, जोधपुर शहर, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, शाहपुरा जिले शामिल है।
2000 करोड़ का प्रावधान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे जिले में तो 200 किलोमीटर ही दूरी थी. काम पूरा होने में दो-दो दिन लग जाते थे। जमीन संबंधी मामलों के निपटारे के लिए रात्रि विश्राम करना पड़ता था। अब उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा. नए जिलों के बुनियादी ढांचे के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। हम छोटे जिलों का अनुभव लेंगे. इसके आधार पर भविष्य में भी नये जिले बनाये जा सकते हैं. हम 2030 के राजस्थान का सपना देख रहे हैं। इसके लिए सभी से सुझाव आमंत्रित हैं।
इनका कहना है कि
राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि राजस्थान में नए जिले बनाने का निर्णय लेकर मुख्यमंत्री ने एक ऐतिहासिक काम किया है। आज की आवश्यकता थी कि राजस्थान के मौजूदा हालातों को देखते हुए नए जिलों का गठन होना जरूरी था, लंबे समय से राजस्व इकाइयों का गठन नहीं होने के कारण आम लोगों को न्याय और सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ लोगों को नहीं मिल सका, इसमें कई कठिनाइयां सामने आती थी, लेकिन मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश की आम जनता की जन भावनाओं का ध्यान रखते हुए यह बड़ा फैसला लिया है। 4 साल में 125 नई तहसीलें, उप तहसील बनाए हैं, 13 एडीएम कार्यालय खोले हैं, 1000 से ज्यादा नए पटवार मंडल बनाए हैं। मुख्यमंत्री जी आपकी नई सोच का परिणाम प्रदेश की जनता को मिलेगा। यह फैसला एक नए राजस्थान के निर्माण की दिशा का कदम है। आने वाले समय में और जिले बने इसका भी एक प्रावधान रखा जाना चाहिए ताकि जनता की मांग को लेकर निर्णय किया जा सके।
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