जिसकी खाये बाजरी, उसकी उठावे हाजरी,गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर हैं जिलाधिकारी- BHINMAL NEWS
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जिसकी खाये बाजरी, उसकी उठावे हाजरी,गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर हैं जिलाधिकारी- BHINMAL NEWS
पत्रकार माणकमल भंडारी भीनमाल
भीनमाल ( 27 दिसंबर 2023 ) BHINMAL NEWS जी हाँ आपने सही सुना है । जिसकी खाये बाजरी, उसकी उठावे हाजरी । यह एक राजस्थानी कहावत है और इस कहावत को चरितार्थ करने के लिए जिला प्रशासन कटिबद्ध है ।
आपने देखा होगा कि अभी जो सत्ता पक्ष में है, वे कुछ दिनों पूर्व विपक्ष में हुआ करते थे । जिससे उनका काम करना तो दूर की बात होती थी, परन्तु छोटी से छोटी मांग भी पूरी नहीं होती थी । अगर इनको जिला प्रशासन के अधिकारियों से बात भी करनी होती थी तो घंटों इन्तजार करना पडता था । वहीं इसके उलटे उस समय के सत्ता पक्ष के नेताओं के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिलना बाये हाथ का खेल होता था । उनकी हर प्रकार की मांग भले ही वह जायज हो या न हो, फिर भी आनाकानी शब्द कोष में भी नहीं थी । इतना ही नहीं गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर हैं जिलाधिकारी । वे मौसम को देख कर अपना बचाव करना भली भांति जानते हैं ।
जब भगवान देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है, उसी आधार पर अभी सत्ता पक्ष की लाटरी लग गई एवं सरकार बन गयी । भले ही जिले में चार के बदले दो क्षेत्रों में ही सफलता हासिल हुई हो । फिर भी जब सरकार हमारी है तो फिर जिला प्रशासन के अधिकारी भी इनका पूरा ध्यान रख रहे हैं । जिन्हें पहले घंटों इन्तजार करना पडता था उनकी अब चंद मिनटों में मुलाकात संभव हो जाती है ।
इसी को कहते हैं कि जब भाग्य चमकने वाला होता है तो फिर नव ग्रह भी सीधे चलते हैं । यहां एक ओर दूसरी कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं कि जब ननिहाल में शादी हो और माँ परोसने वाली हो तो सिर कढाई में होता है और पांचों उंगलियां घी में होती है । ठीक वही हाल अभी सत्ता पक्ष के नेताओं का है ।
ठीक इससे उलटे पूर्व के सत्ता पक्ष के नेताओं का हाल-चाल पूछने वाला कोई नहीं है । उन्हें अब चंद मिनटों में मुलाकात के बदले घंटों इन्तजार करना पडता है । कुल मिलाकर जनता यह सब खेल देख रही है ।
JALORE NEWS
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